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Narendra Singh Tomar के 'घर' में खाद की कमी, किसान परेशान, खाद बांटने में करप्शन का लगाया आरोप - farmers in queue for fertilizers

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि खाद को ब्लैक में बेचा जा रहा है. प्रशासन की मिलीभगत से फर्जी लोगों को खाद मिल रही है जबकि किसान खाली हाथ बैठे हैं.

scarcity of fertilizers
ग्वालियर में खाद की किल्लत
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Published : Sep 29, 2021, 5:59 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:47 PM IST

ग्वालियर। राज्य में खाद की किल्लत का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. खुद केंद्रीय कृषि मंत्री(Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) के अंचल में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है. किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं. हालात यह है कि गांव में खाद ना होने के कारण किसान बाजार में सरकारी खाद्य सोसाइटियों की तरफ पलायन कर रहे हैं. वहां भी पर्याप्त मात्रा में खाद (Scarcity Of Fertilizers)ना मिलने से अन्नदाता परेशान हैं

खाद के लिए किसान परेशान

केन्द्रीय मंत्री के 'घर' में खाद की किल्लत

सैकड़ों की संख्या में किसान गांव से आकर शहर में एमपी एग्रो खाद सोसाइटी केंद्र(Scarcity Of Fertilizers) पर घंटे भर खड़े रहे. इसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही है. घंटाघर लाइन में खड़े होने के बाद कुछ किसानों को खाद मिली, लेकिन वो जरूरत से बहुत कम है. कई किसान ऐसे हैं जिनका नंबर भी नहीं आ रहा है. ये किसान सोसायटी केंद्रों पर हंगामा कर रहे हैं.

खाद के इंतजार में किसान कर रहे हंगामा

अभी हाल में ही ग्वालियर चंबल अंचल में किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था. किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्हें दोबारा से बोयनी करनी पड़ रही है. ऐसे में किसानों को खाद की ज्यादा जरूरत है. लेकिन उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो रही है. इस बात को खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मान चुके हैं कि अभी खाद की किल्लत है. ऐसे में बाढ़ प्रभावित गांव के किसान शहर में खाद (Scarcity Of Fertilizers)लेने के लिए आ रहे हैं. यहां भी उन्हें खाद नहीं मिल रही है. शहर के एमपी एग्रो सोसाइटी केंद्र पर सैकड़ों किसान सुबह से लेकर शाम तक लाइन में खड़े रहे. लेकिन उनका नंबर नहीं आया. उसके बाद वहां हंगामा जैसे हालात हो जाते हैं. यही कारण है सुबह से लेकर शाम तक यहां पुलिस का पहरा रहता है.

ब्लैक में खाद बेचने का आरोप

किसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्र पर खाद ब्लैक(Corruption In Distribution) में बेची जा रही है. किसानों का कहना है कि हर किसान को यह एक आधार कार्ड पर पांच खाद के कट्टे दिए जा रहे हैं. लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं जो 5-5 फर्जी आधार कार्ड अपने साथ ला रहे हैं. उन्हें ज्यादा खाद (Scarcity Of Fertilizers)मिल रही है. ऐसे में उन किसानों को खाद नहीं मिल रही, जो खाद के लिए सुबह से लाइन में खड़े हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन को रकबे के हिसाब से खाद बांटनी चाहिए. जिन किसानों के पास खेती का बड़ा रकवा है उनको आवश्यकता के अनुसार खाद दी जानी चाहिए.

रिमोट से तौल कांटा संचालित कर रहा था कारोबारी, एक क्विंटल पर अनाज पर लगाई 10Kg की चपत, किसानों ने पीटा

अफसरों ने माना, खाद की किल्लत है

मुरार एसडीएम पुष्पा पुसाम ने माना है कि इस समय खाद की काफी किल्लत है. सरकार की ओर से ही कम खाद आ रही है. अभी उनके पास बहुत सीमित मात्रा में खाद का स्टॉक है. टोकन के जरिए जिन किसानों का नंबर पहले आ रहा है उन्हें खाद दी जा रही है. अब खाद का स्टॉक खत्म हो गया है, जब (Scarcity Of Fertilizers)आएगी तो किसानों को वितरित की जाएगी. एमपी एग्रो प्रबंधक मुकेश भार्गव का कहना है कि दिन में सिर्फ 400 बोरियों का वितरण किया जा रहा है . जबकि किसानों की संख्या काफी ज्यादा है.

ग्वालियर। राज्य में खाद की किल्लत का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. खुद केंद्रीय कृषि मंत्री(Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) के अंचल में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है. किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं. हालात यह है कि गांव में खाद ना होने के कारण किसान बाजार में सरकारी खाद्य सोसाइटियों की तरफ पलायन कर रहे हैं. वहां भी पर्याप्त मात्रा में खाद (Scarcity Of Fertilizers)ना मिलने से अन्नदाता परेशान हैं

खाद के लिए किसान परेशान

केन्द्रीय मंत्री के 'घर' में खाद की किल्लत

सैकड़ों की संख्या में किसान गांव से आकर शहर में एमपी एग्रो खाद सोसाइटी केंद्र(Scarcity Of Fertilizers) पर घंटे भर खड़े रहे. इसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही है. घंटाघर लाइन में खड़े होने के बाद कुछ किसानों को खाद मिली, लेकिन वो जरूरत से बहुत कम है. कई किसान ऐसे हैं जिनका नंबर भी नहीं आ रहा है. ये किसान सोसायटी केंद्रों पर हंगामा कर रहे हैं.

खाद के इंतजार में किसान कर रहे हंगामा

अभी हाल में ही ग्वालियर चंबल अंचल में किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था. किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्हें दोबारा से बोयनी करनी पड़ रही है. ऐसे में किसानों को खाद की ज्यादा जरूरत है. लेकिन उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो रही है. इस बात को खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मान चुके हैं कि अभी खाद की किल्लत है. ऐसे में बाढ़ प्रभावित गांव के किसान शहर में खाद (Scarcity Of Fertilizers)लेने के लिए आ रहे हैं. यहां भी उन्हें खाद नहीं मिल रही है. शहर के एमपी एग्रो सोसाइटी केंद्र पर सैकड़ों किसान सुबह से लेकर शाम तक लाइन में खड़े रहे. लेकिन उनका नंबर नहीं आया. उसके बाद वहां हंगामा जैसे हालात हो जाते हैं. यही कारण है सुबह से लेकर शाम तक यहां पुलिस का पहरा रहता है.

ब्लैक में खाद बेचने का आरोप

किसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्र पर खाद ब्लैक(Corruption In Distribution) में बेची जा रही है. किसानों का कहना है कि हर किसान को यह एक आधार कार्ड पर पांच खाद के कट्टे दिए जा रहे हैं. लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं जो 5-5 फर्जी आधार कार्ड अपने साथ ला रहे हैं. उन्हें ज्यादा खाद (Scarcity Of Fertilizers)मिल रही है. ऐसे में उन किसानों को खाद नहीं मिल रही, जो खाद के लिए सुबह से लाइन में खड़े हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन को रकबे के हिसाब से खाद बांटनी चाहिए. जिन किसानों के पास खेती का बड़ा रकवा है उनको आवश्यकता के अनुसार खाद दी जानी चाहिए.

रिमोट से तौल कांटा संचालित कर रहा था कारोबारी, एक क्विंटल पर अनाज पर लगाई 10Kg की चपत, किसानों ने पीटा

अफसरों ने माना, खाद की किल्लत है

मुरार एसडीएम पुष्पा पुसाम ने माना है कि इस समय खाद की काफी किल्लत है. सरकार की ओर से ही कम खाद आ रही है. अभी उनके पास बहुत सीमित मात्रा में खाद का स्टॉक है. टोकन के जरिए जिन किसानों का नंबर पहले आ रहा है उन्हें खाद दी जा रही है. अब खाद का स्टॉक खत्म हो गया है, जब (Scarcity Of Fertilizers)आएगी तो किसानों को वितरित की जाएगी. एमपी एग्रो प्रबंधक मुकेश भार्गव का कहना है कि दिन में सिर्फ 400 बोरियों का वितरण किया जा रहा है . जबकि किसानों की संख्या काफी ज्यादा है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:47 PM IST
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