ग्वालियर। साफ पानी इंसान की पहली प्राथमिकता होती है, लेकिन आज भी दुनिया के बहुत से लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा. चंबल- अंचल के ग्वालियर शहर की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. जहां करोड़ों खर्च करने के बाद भी नगर निगम घर- घर साफ पानी नहीं पहुंचा पा रहा. आलम ये है कि, अभी भी शहर की बड़ी आबादी की प्यास टैंकर की मदद से बुझाई जा रही है, जबकि गर्मियों में हालात और खराब हो जाते हैं.
नगर निगम का दावा है किस, अमृत योजना के तहत 339 करोड़ रुपए की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए लोगों तक स्वच्छ पानी पहुंचाया जा रहा है. नगर-निगम के अधिकारी कुछ भी कहें. लेकिन ये दावे जमीनी स्तर पर फेल नजर आते हैं, क्योंकि ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, ग्वालियर दक्षिण और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा के वार्डों में नल जल योजना का काम पूरा नहीं हो पाया. जगह-जगह सड़कें महीनों से खुद ही पड़ी हैं. काम चीटी की चाल से रेंग रहा है. जिससे लोगों को परेशानियां हो रही हैं.
100 कॉलोनियों में टैंकर से होती है पानी की सप्लाई
ग्वालियर शहर की गोल पहाड़िया, समाधिया कॉलोनी, मूलाराम की खो, ब्रिज विहार कॉलोनी, सिंधिया नगर, डीडी नगर और पिंटू पार्क सहित शहर की 100 कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है. चुनाव के समय जनप्रतिनिधि हर बार पानी की समस्या को दूर करने का वादा करते हैं, लेकिन ये वादे अभी तक पूरे नहीं हो पाए. ग्वालियर नगर निगम के अधिकारी जागेश श्रीवास्तव का कहना है कि, नल जल योजना के तहत ग्वालियर शहर में 43 पानी की टंकियां बनाई जा रही हैं, जबकि 777 किलोमीटर की पानी की पाइप लाइन बिछाई जा रही है. जिससे शहर के सभी वार्डों में जल्द से जल्द से पानी पहुंचाया जा सके.
अब सवाल इस बात का है कि ग्वालियर में पिछले 2 सालों से नल जल योजना का काम चल रहा है, जो अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ. इस साल भी काम पूरे होने के आसार नजर नहीं आते. अब ऐसे में नगर निगम के आला अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि, ग्वालियर शहर को जल्द पानी के संकट से मुक्ति मिल जाएगी.