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फिर 'जहरीली जाम' ने ली दो की जान, चार के जीवन में छाया 'अंधकार'

ग्वालियर में एक बार जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. भाई दूज के दिन 6 लोगों ने एक साथ शराब पी, जिससे दो लोगों की मौत हो गई. वहीं 4 लोगों ने आंखों की रोशनी खो दी.

Death by poisonous liquor
जहरीली शराब का कहर
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Published : Apr 1, 2021, 8:40 PM IST

Updated : Apr 2, 2021, 8:52 AM IST

ग्वालियर। महाराजपुरा इलाके के चंदूपुरा और खेरिया गांव में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. भाई दूज के दिन 6 से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पी. जिससे दो लोगों की मौत हो गई. वहीं शराब खरीद कर लाने वाले विजय परिहार की भी मौत शराब पीने से हो गई. वहीं बंटी रजक, तेज सिंह चंद्रपाल और लालू माहौर की आंखों की रोशनी कम हो गई है.

जहरीली शराब का कहर
  • मौत की 'शराब', चार लोगों ने गंवाई रोशनी

इन सभी लोगों को बुधवार को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां प्रदीप की मौत हो गई. जबकि विजय केशव का उनके परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार कर दिया. जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी आंखों की रोशनी गंवाई है. उन्हें जयारोग अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है. जब मीडिया ने मामला उठाया तब जिला प्रशासन हरकत में आया और देखते ही देखते पुलिस महकमे से लेकर आबकारी विभाग जिला प्रशासन के अधिकारी और चिकित्सकों की फौज वहां पहुंच गई.

मुरैना शराब कांड: 4 लोगों की आंखों की रोशनी हुई कम, 9 लोगों का ICU में इलाज जारी

  • मध्य प्रदेश का चौथा शराब कांड

फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों से बयान ले रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. अभी मरीजों का इलाज चल रहा है. उनके बयान पूरे होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. हैरानी की बात यह है कि इससे पहले जनवरी में मुरैना में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं भिंड में भी 7 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. प्रशासनिक उदासीनता के चलते अवैध शराब के अड्डे बदस्तूर चल रहे हैं. प्रशासन कुछ समय के लिए सक्रिय हुआ था. लेकिन अब शराब माफियाओं को खत्म करने के लिए प्रशासन सक्रिय नहीं है. प्रशासन की इसी लापरवाही के चलते यह तीसरा बड़ा शराब कांड है.

जहरीली शराब से अब तक 40 लोगों की मौत

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अबतक 40 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. मौत की ये घटनाएं उज्जैन, खरगोन, बड़वानी और अब मुरैना से सामने आई थी. अब इसमें नया नाम जुड़ा है. ग्वालियर का जहा जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई, वहीं 4 लोगों ने अपनी आंखों की रोशन गंवा दी है. इन 40 मौतों के बाद भी प्रशासन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. मुरैना शराब कांड के बाद प्रशासन की टीम ने लगातार शराब माफियाओं पर शिकंजा कस रही थी, लेकिन अब शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न के बाराबर हो रही है. ऐसे में शराब माफिया के हौसले बुलंद हैं.

खरगोन में 2 लोगों की गई थी जान

9 जनवरी को खरगोन में भी जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. इसे लेकर भी प्रशासन की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी, लेकिन यहां भी प्रशासन की कार्रवाई अब नहीं हो रही है.

मुरैना शराब कांड: सरकार ने SIT का किया गठन, कलेक्टर भी बदले

बड़वानी में भी हुई थी मौत

6 सितंबर 2020 को बड़वानी के निवाली थाना अंतर्गत जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई थी. जानकारी के मुताबिक सेंधवा के दिवानिया गांव में जहरीली शराब पीने से जहां 2 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 6 लोगों की तबियत बिगड़ गई थी.

ग्वालियर। महाराजपुरा इलाके के चंदूपुरा और खेरिया गांव में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर देखने को मिला. भाई दूज के दिन 6 से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पी. जिससे दो लोगों की मौत हो गई. वहीं शराब खरीद कर लाने वाले विजय परिहार की भी मौत शराब पीने से हो गई. वहीं बंटी रजक, तेज सिंह चंद्रपाल और लालू माहौर की आंखों की रोशनी कम हो गई है.

जहरीली शराब का कहर
  • मौत की 'शराब', चार लोगों ने गंवाई रोशनी

इन सभी लोगों को बुधवार को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां प्रदीप की मौत हो गई. जबकि विजय केशव का उनके परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार कर दिया. जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी आंखों की रोशनी गंवाई है. उन्हें जयारोग अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है. जब मीडिया ने मामला उठाया तब जिला प्रशासन हरकत में आया और देखते ही देखते पुलिस महकमे से लेकर आबकारी विभाग जिला प्रशासन के अधिकारी और चिकित्सकों की फौज वहां पहुंच गई.

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  • मध्य प्रदेश का चौथा शराब कांड

फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों से बयान ले रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. अभी मरीजों का इलाज चल रहा है. उनके बयान पूरे होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. हैरानी की बात यह है कि इससे पहले जनवरी में मुरैना में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं भिंड में भी 7 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. प्रशासनिक उदासीनता के चलते अवैध शराब के अड्डे बदस्तूर चल रहे हैं. प्रशासन कुछ समय के लिए सक्रिय हुआ था. लेकिन अब शराब माफियाओं को खत्म करने के लिए प्रशासन सक्रिय नहीं है. प्रशासन की इसी लापरवाही के चलते यह तीसरा बड़ा शराब कांड है.

जहरीली शराब से अब तक 40 लोगों की मौत

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अबतक 40 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. मौत की ये घटनाएं उज्जैन, खरगोन, बड़वानी और अब मुरैना से सामने आई थी. अब इसमें नया नाम जुड़ा है. ग्वालियर का जहा जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई, वहीं 4 लोगों ने अपनी आंखों की रोशन गंवा दी है. इन 40 मौतों के बाद भी प्रशासन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. मुरैना शराब कांड के बाद प्रशासन की टीम ने लगातार शराब माफियाओं पर शिकंजा कस रही थी, लेकिन अब शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न के बाराबर हो रही है. ऐसे में शराब माफिया के हौसले बुलंद हैं.

खरगोन में 2 लोगों की गई थी जान

9 जनवरी को खरगोन में भी जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. इसे लेकर भी प्रशासन की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी, लेकिन यहां भी प्रशासन की कार्रवाई अब नहीं हो रही है.

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बड़वानी में भी हुई थी मौत

6 सितंबर 2020 को बड़वानी के निवाली थाना अंतर्गत जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हुई थी. जानकारी के मुताबिक सेंधवा के दिवानिया गांव में जहरीली शराब पीने से जहां 2 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 6 लोगों की तबियत बिगड़ गई थी.

Last Updated : Apr 2, 2021, 8:52 AM IST
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