ग्वालियर। चंबल की बेटी ने एक बार फिर पूरे भारत को गौरवान्वित किया है. ग्वालियर की बेटी दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव ने पोलैंड में आयोजित "पैरा कैनो वर्ल्ड कप" (Para Canoe World Cup) में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव (Prachi Yadev in Gwalior) पैरा कैनो विश्व कप में मेडल लाने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले प्राची यादव पैरा ओलंपिक मेडल (Para Olympic Medal) से चूक गई थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र (PM Narendra Modi mantra) से प्राची को कामयाबी हासिल हुई.
![Prachi Yadav in Gwalior](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-gwa-04-medal-dry-pkg-7203562_30052022162509_3005f_1653908109_96.jpg)
मैडल जीतने का हौंसला: पिछले साल जापान में पैरालिम्पिक में प्राची यादव मेडल से चूक गई थीं. उसके बाद जब भारतीय दल लौटा तो दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी से बात की थी. उस दौरान पीएम ने प्राची को निराश होने के बजाए वर्ल्ड कप में मेडल जीतने का हौंसला (medal winning spirit) दिया था. उनका मंत्र काम कर गया और प्राची ने कमाल कर दिया. पोलैंड के पोजनन शहर में पैरा कैनो वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया है. इसमें दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव (Divyang player Prachi Yadav) ने भाग लिया और इस वर्ल्ड कप में महिला वर्ग की 200 रेस का सफर 1.04.71 सेकेंड में पूरा कर प्राची यादव तीसरे नंबर पर रहीं. इस उपलब्धि के लिए प्राची यादव को ब्रॉन्ज मेडल मिला.
![Gwalior Prachi Yadav Bronze medal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-gwa-04-medal-dry-pkg-7203562_30052022162509_3005f_1653908109_752.jpg)
गौरी सरोवर में की थी ट्रेनिंग: पैरा कैनो वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर भारत की पहली खिलाड़ी बनी प्राची यादव का जीवन काफी संघर्ष भरा है. दिव्यांग होने के बाबजूद उन्होंने कई चुनौतियों का सामना कर बड़ा मुकाम हासिल किया है. प्राची यादव ने अपनी शुरुआती ट्रेनिंग चंबल की छोटी सी जगह गौरी सरोवर में ली थी. इसके बाद वे ग्वालियर आईं और ग्वालियर में वह लगातार संघर्ष कर अपने लक्ष्य को पाने में जुटी रहीं.