भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज ने कोरोना वायरस को हराने की जंग में एक कदम बढ़ाया है. जीएमसी में अब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए क्लीनिकल ट्रायल करेगा, जिसके लिए उसे इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से मंजूरी भी मिल गयी है.
मिली जानकारी के मुताबिक गांधी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है मंगलवार से यहां पर ट्रायल शुरू हो जाएगा. क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी के लिए मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ सिमी दुबे ने माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के सहयोग से एक प्रोजेक्ट का तैयार कर आईसीएमआर को भेजा था, जिसे अब अप्रूवल मिल गया है.
क्लीनिकल ट्रायल के लिए मिली मंजूरी के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक यह ट्रायल शुरू किया जाएगा.
मरीज की लेनी होगी मंजूरी
ट्रॉयल के लिए 18 साल से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं का प्लाज्मा लिया जा सकेगा, प्लाजमा केवल उन्हीं महिलाओं का लिया जाएगा जिनके अब तक बच्चे नहीं हुए हैं क्योंकि महिलाओं में प्रसव के बाद कई तरह की एंटी बॉडी डेवलप हो जाती है. इसके साथ ही जिस मरीज को प्लाजमा दिया जाना है उसकी मंजूरी के बाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी, इसके परिणामों को भारत सरकार को भेजा जाएगा.
बता दें कि कोरोना वायरस के इलाज लिए अब तक कोई निश्चित टीका,दवा और उपचार की प्रमाणिक तकनीक विकसित नहीं हुई है. देश में तमाम वैज्ञानिक और डॉक्टर इलाज खोजने में जुटे हैं ऐसे में गांधी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.