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ग्वालियरः रिश्वत मांगने के आरोप में पटवारी को कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा, 25 हजार का लगाया जुर्माना

ग्वालियर जिला न्यायालय ने रिश्वत मांगने के आरोपी पटवारी को तीन साल की सजा और 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता के बयान से पलटने पर कोर्ट ने उसे भी भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत नोटिस जारी किए हैं

ग्वालियर हाईकोर्ट
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Published : Jun 3, 2019, 10:22 PM IST

ग्वालियर। जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने रिश्वत मांगने के आरोपी एक पटवारी को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जबकि उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. खास बात यह है कि इस मामले में शिकायतकर्ता दलाल और जमीन के खरीदार न्यायालय में अपने बयान से पलट गए न्यायालय ने उनके खिलाफ भी संज्ञान लेते हुए भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत नोटिस जारी किए हैं.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपी के आरोपी पटवारी को सुनाई तीन साल की सजा

कोचिंग संचालक अज्ञात गुप्ता ने अपनी पत्नी मोहिनी गुप्ता के नाम से तहसील मुरार के ग्राम रोरा में कुछ जमीन खरीदी थी. इसके लिए उन्होंने बिचौलिए राजेंद्र जाटव की मदद ली थी. जहां कृषि भूमि के नामांतरण के लिए पटवारी महेंद्र रावत ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. लेकिन फरियादी अस्सी हजार रुपए देने को तैयार था. जब मामला नहीं बना तो तो राजेंद्र जाटव ने पटवारी महेंद्र रावत के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बातचीत का मोबाइल में रिकॉर्ड ब्यौरा लोकायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया. रिश्वत मांगने की बात की पुष्टी होते ही लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा तहत मामला दर्ज कर लिया था.

इस मामले में पटवारी के खिलाफ चालान पेश किया गया, लेकिन बाद में शिकायतकर्ता राजेंद्र जाटव और अज्ञात गुप्ता रिश्वत मांगे जाने की बात से मुकर गए. लेकिन उन्होंने कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया. न्यायालय ने पटवारी के खिलाफ साक्ष्य देखते हुए उसे तीन साल की सजा से दंडित किया है.

ग्वालियर। जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने रिश्वत मांगने के आरोपी एक पटवारी को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जबकि उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. खास बात यह है कि इस मामले में शिकायतकर्ता दलाल और जमीन के खरीदार न्यायालय में अपने बयान से पलट गए न्यायालय ने उनके खिलाफ भी संज्ञान लेते हुए भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत नोटिस जारी किए हैं.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपी के आरोपी पटवारी को सुनाई तीन साल की सजा

कोचिंग संचालक अज्ञात गुप्ता ने अपनी पत्नी मोहिनी गुप्ता के नाम से तहसील मुरार के ग्राम रोरा में कुछ जमीन खरीदी थी. इसके लिए उन्होंने बिचौलिए राजेंद्र जाटव की मदद ली थी. जहां कृषि भूमि के नामांतरण के लिए पटवारी महेंद्र रावत ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. लेकिन फरियादी अस्सी हजार रुपए देने को तैयार था. जब मामला नहीं बना तो तो राजेंद्र जाटव ने पटवारी महेंद्र रावत के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बातचीत का मोबाइल में रिकॉर्ड ब्यौरा लोकायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया. रिश्वत मांगने की बात की पुष्टी होते ही लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा तहत मामला दर्ज कर लिया था.

इस मामले में पटवारी के खिलाफ चालान पेश किया गया, लेकिन बाद में शिकायतकर्ता राजेंद्र जाटव और अज्ञात गुप्ता रिश्वत मांगे जाने की बात से मुकर गए. लेकिन उन्होंने कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया. न्यायालय ने पटवारी के खिलाफ साक्ष्य देखते हुए उसे तीन साल की सजा से दंडित किया है.

Intro:ग्वालियर जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने रिश्वत मांगने के आरोपी पटवारी को 3 साल की सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है और उस पर 25000 रुपए का जुर्माना भी अधिरोपित किया है। खास बात यह है कि इस मामले में शिकायतकर्ता दलाल और जमीन के खरीदार न्यायालय में अपने बयान से पलट गए न्यायालय ने उनके खिलाफ भी संज्ञान लिया है भ्रष्टाचार की धारा 7 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।


Body:दरअसल कोचिंग संचालक अज्ञात गुप्ता ने अपनी पत्नी मोहिनी गुप्ता के नाम से तहसील मुरार के ग्राम रोरा में कुछ जमीन खरीदी थी इसके लिए उसने बिचौलिए राजेंद्र जाटव की मदद ली थी कृषि भूमि के नामांतरण के लिए पटवारी महेंद्र रावत ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी लेकिन फरियादी अस्सी हजार रुपए देने को तैयार था। मामला नहीं जमा तो राजेंद्र जाटव ने पटवारी महेंद्र रावत के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बातचीत का मोबाइल में रिकॉर्ड ब्यौरा लोकायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया। रिश्वत मांगने की बात पुष्ट होते ही लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत मामला दर्ज कर लिया था।


Conclusion:इस मामले में पटवारी के खिलाफ चालान पेश किया गया लेकिन बाद में शिकायतकर्ता राजेंद्र जाटव और अज्ञात गुप्ता रिश्वत मांगने जाने की शिकायत से मुकर गए लेकिन उन्होंने कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। न्यायालय ने पटवारी के खिलाफ साक्ष्य देखते हुए उसे 3 साल की सजा से दंडित किया है साथ ही उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है वही शिकायतकर्ता अज्ञात गुप्ता और राजेंद्र यादव के खिलाफ कोर्ट ने संज्ञान लिया है और उन्हें नोटिस जारी किए है। बाइट अरविंद श्रीवास्तव... अधिवक्ता लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर

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