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सिंधिया परिवार का Picnic Spot जनकताल राज्य सरकार की संपत्ति घोषित

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Published : Sep 7, 2022, 11:03 PM IST

ग्वालियर में सिंधिया राजपरिवार का पिकनिक स्पॉट रहा जनकताल अब सरकारी हो गया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस तालाब को शासकीय खसरों में दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. (Gwalior Janaktal news) (Gwalior Tourist Place) (Gwalior Famous Tourist Place) (Scindia Family picnic spot Janaktal)

Scindia Family picnic spot Janaktal
सिंधिया परिवार का जनकताल

ग्वालियर। सिंधिया रियासत कालीन और ऐतिहासिक तालाब जनकताल को प्रशासन ने निजी हाथों में जाने से बचा लिया है. ग्वालियर के पूर्व सरदार और सिंधिया राज वंश में खास अहमियत रखने वाले सरदार संभाजी राव आंग्रे और चित्रलेखा आंग्रे ने इस ऐतिहासिक तालाब को अपना बताते हुए एक परिवाद दायर किया था. इसके बाद जांच होने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस तालाब को शासकीय खसरों में दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. (Scindia Family picnic spot Janaktal)

ढाई सौ साल पुराना जनकताल: साल 2007 में जनकताल सरकारी अभिलेखों में सरकारी जमीन के तौर पर दर्ज था, लेकिन आरोप है कि साल 2008 में बहोड़ापुर क्षेत्र के राजस्व अफसरों ने यह जमीन निजी लोगों के नाम चढ़ा दी, जिसकी जानकारी अधिकारियों को हुई तो उन्होंने जमीन को खसरे में सरकारी करने के आदेश दिए और इस जमीन को सरकारी अभिलेखों में दर्ज कर दिया गया. जनकताल करीब ढाई सौ साल पुराना है.(Gwalior Famous Tourist Place)

मुस्लिम समुदाय करता है ताजिया विसर्जन: इसका निर्माण सिंधिया राजवंश के जनकोजीराव सिंधिया के नाम पर हुआ था. जनकताल में पांच बारादरी बनी हुई हैं. चारों दिशाओं में एक तालाब बीच में स्थित है. यह जनकताल तालाब श्रद्धा का केंद्र भी है, क्योंकि यहां पूर्व से लेकर आज भी गणेश विसर्जन, माता विसर्जन के साथ मुस्लिम समुदाय ताजिया विसर्जन भी करता रहा है. कलेक्टर के मुताबिक इस तालाब का सौंदर्यीकरण करके इसका मूल स्वरूप लौटाया जाएगा.(Gwalior Janaktal news) (Gwalior Tourist Place)

ग्वालियर। सिंधिया रियासत कालीन और ऐतिहासिक तालाब जनकताल को प्रशासन ने निजी हाथों में जाने से बचा लिया है. ग्वालियर के पूर्व सरदार और सिंधिया राज वंश में खास अहमियत रखने वाले सरदार संभाजी राव आंग्रे और चित्रलेखा आंग्रे ने इस ऐतिहासिक तालाब को अपना बताते हुए एक परिवाद दायर किया था. इसके बाद जांच होने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस तालाब को शासकीय खसरों में दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. (Scindia Family picnic spot Janaktal)

ढाई सौ साल पुराना जनकताल: साल 2007 में जनकताल सरकारी अभिलेखों में सरकारी जमीन के तौर पर दर्ज था, लेकिन आरोप है कि साल 2008 में बहोड़ापुर क्षेत्र के राजस्व अफसरों ने यह जमीन निजी लोगों के नाम चढ़ा दी, जिसकी जानकारी अधिकारियों को हुई तो उन्होंने जमीन को खसरे में सरकारी करने के आदेश दिए और इस जमीन को सरकारी अभिलेखों में दर्ज कर दिया गया. जनकताल करीब ढाई सौ साल पुराना है.(Gwalior Famous Tourist Place)

मुस्लिम समुदाय करता है ताजिया विसर्जन: इसका निर्माण सिंधिया राजवंश के जनकोजीराव सिंधिया के नाम पर हुआ था. जनकताल में पांच बारादरी बनी हुई हैं. चारों दिशाओं में एक तालाब बीच में स्थित है. यह जनकताल तालाब श्रद्धा का केंद्र भी है, क्योंकि यहां पूर्व से लेकर आज भी गणेश विसर्जन, माता विसर्जन के साथ मुस्लिम समुदाय ताजिया विसर्जन भी करता रहा है. कलेक्टर के मुताबिक इस तालाब का सौंदर्यीकरण करके इसका मूल स्वरूप लौटाया जाएगा.(Gwalior Janaktal news) (Gwalior Tourist Place)

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