ग्वालियर। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर, अध्यक्ष और जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनावों को लेकर असमंजस खत्म हो गया है. मध्यप्रदेश में महापौर नगर पालिका अध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष के चुनाव डायरेक्ट जनता द्वारा ही कराए जाएंगे. मध्य प्रदेश में चुनावी आहट के बीच कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां जातिगत वोटों को साधने में जुटी हैं. अबकी बार दोनों ही राजनीतिक पार्टियों का फोकस जातिगत वोटों पर है. इसी मामले में कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया (Phool Singh Baraiya) बड़ा सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अगर कोई भी चुनाव बगैर जातिवाद के होता है तो वह अवैध माना जाए.
जाति को छोड़कर चुनाव लड़ना भारत के लिए अवैध चुनाव है. बरैया के मुताबिक देश में जाति के आधार पर चुनाव होना चाहिए. क्योंकि, देश में जातिवाद है. इस जातिवाद को भारतीय संविधान में खत्म कर दिया है. भारत में बनने वाली सरकार जाति के नाम पर ही चुनाव लड़ती है. इसलिए जाति जब तक है तब तक जाति पर ही चुनाव होना चाहिए. -फूल सिंह बरैया, कांग्रेस नेता
राजनीतिक गलियारों में चुनाव का असर: पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी इसका असर दिखने लगा है. सभी पार्टी के स्थानीय नेता अपनी-अपनी दावेदारी भी रख रहे हैं. हालांकि उम्मीदवारों को टिकट मिलने के बाद ही स्थिति साफ हो जाएगी, लेकिन प्रदेश स्तर के नेता से लेकर स्थानीय स्तर के नेता तक अपनी बयानबाजी से चुनाव प्रचार का माहौल बनाने में जुट गए हैं.