ग्वालियर। मध्य प्रदेश के चंबल घाटी में बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है, चंबल नदी का रोग रौद्र रूप लगातार बढ़ रहा है तो वहीं सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो बाढ़ के पानी से पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. चंबल इलाके में गांव के गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से तालाब बन चुके हैं और लोग पिछले 3 दिन से बिना खाए पिए घर की छतों पर जिंदा रहने के लिए मजबूर हैं. (Flood Tragedy in Gwalior) इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची, जहां पर बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है उन इलाकों में सिर्फ लोग जिंदा है, बाकी सब कुछ पूरा बर्बाद हो चुका है. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम भानपुर गांव में पहुंची, जहां यह पूरा गांव बाढ़ के पानी से तालाब बन गया है. देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.....
हर तरफ पानी ही पानी: चंबल इलाके का भानपुर गांव जहां कुछ दिन पहले गांव के लोग खुशी और निसंदेह रहकर गुजर बसर कर रहे थे, यह गांव पूरा कृषि आधारित गांव है. आज गांव में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है, पूरा गांव सुनसान पड़ा हुआ है कुछ घरों में ही लोग छत पर इंतजार में बैठे हैं कि कोई उनकी मदद करने के लिए आए. जब ईटीवी भारत की टीम गांव में पहुंची तो हालात ऐसे थे कि बाढ़ के पानी से एक घर से दूसरे घर में जाना काफी मुश्किल हो रहा था, हर घर में 10 फीट तक पानी भरा हुआ था. बड़ी मशक्कत के बाद ईटीवी भारत की टीम एक घर की छत पर पहुंची, जहां पर पूरा परिवार बेसुध पड़ा हुआ था. ग्रमीणों का कहना है पिछले 3 दिनों से वह बिना खाए पिए अपनी छत पर यह आस लगाए हुए बैठे है कि यह पानी कब नीचे उतरेगा और सू कुछ ठीक होगा. उनका कहना है कि सब कुछ बर्बाद हो गया है, सिर्फ अगर कुछ बचा है तो वह है हमारा जिंदा रहना.MP Flood Tragedy
प्रशासन से नहीं मिली मदद: भानपुर गांव की आबादी लगभग 5000 से अधिक है, इसमें दो सैकड़ा अधिक घर है और यह पूरे घर इस समय तालाब बने हुए हैं. गांव में एक भी ऐसा घर नहीं बचा जो बाढ़ के पानी से बचा हो. घरों की एक मंजिल पूरी तरह पानी में डूबी हुई है, लोग सिर्फ छतों पर रहकर जो कुछ राशन बचा है उससे अपना पेट भरने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है गांव पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, ऐसी त्रासदी पिछले कई सालों बाद देखने को मिली है. अब ग्रामीणों के लिए कुछ नहीं बचा, जो पिछले साल की फसल उन्होंने अपने घर में संभाल कर रखी थी, वह भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. इसके साथ ही जो पशु थे वह भी पानी में बह कर पता नहीं कहां चले गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इससे तो अच्छा सड़कों पर भीख मांग कर अपनी गुजर बस करें, क्योंकि अभी तक जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनके पास नहीं पहुंचा है.
बाढ़ पीड़ितों की सरकार से गुजारिश: पिछले लगातार तीन दिनों से चंबल नदी अपना रौद्र रूप लेती जा रही है, हालात यह है कि धीरे-धीरे कई गांव अब चपेट में आने लगे हैं. अब तक चंबल इलाके की लगभग दो सैकड़ा से अधिक गांव है जो पूरी तरह बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है. बाढ़ पीड़ितों को की मदद के लिए अब सेना को आगे आने पड़ा है, दो दिन से सेना के हेलीकॉप्टर लोगों को गांव से निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का काम कर रही है. वहीं पीड़ितों को राशन पानी की व्यवस्था भी की जा रही है, यह अकेला भानपुर गांव नहीं है ऐसे सेकड़ों गांव है जो पूरी तरह से बाढ़ के पानी ने बर्बाद हो चुके हैं. पीड़ित लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार से गुजारिश है कि वह उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दे, इसके साथ ही राशन पानी की भी व्यवस्था कर दें जिससे वह अपने बच्चों का पेट भर सकें.