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चंबल अंचल में नहीं थम रहा महिलाओं और बच्चियों के MISSING होने का सिलसिला, आंकड़े जानकर उड़ जाएंगे होश, ह्युमन ट्रैफिकिंग की भी आशंका - ग्वालियर लापता आंकड़े

एमपी के ग्वालियर चंबल अंचल में महिलाओं और बालिकाओं के गायब होने के आंकड़ों में इजाफा देखा गया है. पिछले पांच साल में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है, जो हैरान करने वाला है. जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.(missing rate of women increased in gwalior)

missing rate of women increased in gwalior
शिवराज के एमपी में बच्चियां हो रही लापता
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Published : Apr 16, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 3:03 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बेटियों और महिलाओं के गायब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, ताजा आंकड़े चौंकाने वाले है. हैरानी की बात यह है कि जब लॉकडाउन में कर्फ्यू लगा हुआ था, तब महिलाओं और बच्चों के गायब होने के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं. यह खुलासा पुलिस की ही एक आरटीआई में हुआ. (missing rate of women increased in gwalior)

ग्वालियर में गायब हो रही हैं महिलाएं

ये है 5 वर्षों का आंकड़ा: ग्वालियर के एडवोकेट ने आरटीआई के जरिए ग्वालियर चंबल अंचल से महिलाओं और बच्चों की तस्करी किए जाने के मामले में पुलिस से डाटा मांगा था, जिसमें खुलासा हुआ कि पिछले 5 साल में जिले में 3680 महिलाएं, 656 लड़के और 1114 लड़कियां लापता हुईं हैं. लापता होने वालों में कमजोर परिवारों की महिलाएं और लड़कियां ज्यादा है, इनके परिजनों की पीड़ा है कि पुलिस ने गुम इंसान तो दर्ज कर लिया लेकिन सालों बाद लापता बहू- बेटी का पता नहीं लग सका. खास बात यह है कि लॉकडाउन में भी सिलसिला नहीं थमा, कोरोना की वजह से लोगों की घर से बाहर निकलने पर पाबंदी के बावजूद 1048 महिलाएं, लड़कियां और बालक घरों से गायब हुए हैं. गायब हुए लोग आखिर कहां जा रहे हैं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.

Khargone Violence​: बेटे की खोज में मां लापता, मां के इंतजार में सूख गए बच्चों की आंखों के आंसू, 5 दिन से लापता है लक्ष्मीबाई

ग्वालियर जिले में गुम इंसानों का लेखा जोखा:
- साल 2016 में 490 महिलाएं गायब हुई, 106 बालक, 163 बालिकाएं. कुल 759 गायब हुए, जिनमें में से केवल 464 मिले.
- साल 2017 में 684 महिलाएं गायब हुई, 141 बालक, 222 बालिकाएं. कुल 1045 गायब हुए, जिनमें से केवल 946 मिले.
- साल 2018 में 776 महिलाएं गायब हुई, 153 बालक, 216 बालिकाएं. कुल 1145 गायब हुए, जिनमें से केवल 1003 मिले.
- साल 2019 में 836 महिलाएं गायब हुई, 149 बालक, 256 बालिकाएं. कुल 1241 गायब हुए, जिनमें से केवल 1037 मिले.
- साल 2020 में 747 महिलाएं गायब हुई, 96 बालक, 205 बालिकाएं. कुल 1048 गायब हुए, जिनमें से केवल 849 मिले.
- फरवरी 2021 तक में 147 महिलाएं गायब हुई, 11 बालक, 52 बालिकाएं, जिनमें से केवल 849 मिले.

missing rate of women increased in gwalior
ये है 5 वर्षों का आंकड़ा

मानव तस्करी से जुड़े गिरोह भी सक्रिय : घरों से गायब होने वालों की पिछले 5 साल से तलाश की जा रही है यह कहां गए? इन्हें कौन ले गया? इनमें कितने जिंदा हैं? इसके बारे में कुछ पता नहीं है. लंबे समय से लापता होने की वजह से उनके साथ अपराध की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता. पुलिस भी मानती है कि महिलाएं और लड़कियों की गिनती ज्यादा होना चिंता का सबब है, क्योंकि जिले में मानव तस्करी करने वाले लगातार पकड़े गए हैं और कुछ अभी भी सक्रिय है.

गरीब परिवार ही क्यों रहते हैं निशाने पर? अपराधियों से पूछताछ में भी यह खुलासे हुए हैं कि गरीब परिवारों की महिलाओं और लड़कियों को अगवा करने में खतरा नहीं होता है, क्योंकि ऐसे परिवारों की शिकायत को पुलिस भी तवज्जो नहीं देती है. आर्थिक हालत कमजोर होने की वजह से यह परिवार गुमशुदा की तलाश में जूझने की क्षमता नहीं रखते हैं और ऐसे ही हालात से समझौता करते हैं.

बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बंद रहा नीमच जिला, 14 महीने से लापता है नेहा, नहीं मिला कोई सुराग

ग्वालियर है सबसे बेहतर? मामले पर ग्वालियर एसपी का कहना है कि भले ही यह आंकड़ा आपको ज्यादा लग रहा हो, लेकिन मध्यप्रदेश का ग्वालियर जिला सबसे बेहतर है जिसने गुमशुदा इंसानों को खोजा है.

पुलिस ने साधी चुप्पी: ग्वालियर पुलिस गायब हुई महिलाएं बच्चियों और लड़के के सवालों पर चुप्पी साधे हुए हैं और लगातार उन लोगों की गिनती बता रही है जो गायब होने के बाद वापस लौट आए हैं.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बेटियों और महिलाओं के गायब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, ताजा आंकड़े चौंकाने वाले है. हैरानी की बात यह है कि जब लॉकडाउन में कर्फ्यू लगा हुआ था, तब महिलाओं और बच्चों के गायब होने के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं. यह खुलासा पुलिस की ही एक आरटीआई में हुआ. (missing rate of women increased in gwalior)

ग्वालियर में गायब हो रही हैं महिलाएं

ये है 5 वर्षों का आंकड़ा: ग्वालियर के एडवोकेट ने आरटीआई के जरिए ग्वालियर चंबल अंचल से महिलाओं और बच्चों की तस्करी किए जाने के मामले में पुलिस से डाटा मांगा था, जिसमें खुलासा हुआ कि पिछले 5 साल में जिले में 3680 महिलाएं, 656 लड़के और 1114 लड़कियां लापता हुईं हैं. लापता होने वालों में कमजोर परिवारों की महिलाएं और लड़कियां ज्यादा है, इनके परिजनों की पीड़ा है कि पुलिस ने गुम इंसान तो दर्ज कर लिया लेकिन सालों बाद लापता बहू- बेटी का पता नहीं लग सका. खास बात यह है कि लॉकडाउन में भी सिलसिला नहीं थमा, कोरोना की वजह से लोगों की घर से बाहर निकलने पर पाबंदी के बावजूद 1048 महिलाएं, लड़कियां और बालक घरों से गायब हुए हैं. गायब हुए लोग आखिर कहां जा रहे हैं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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- साल 2016 में 490 महिलाएं गायब हुई, 106 बालक, 163 बालिकाएं. कुल 759 गायब हुए, जिनमें में से केवल 464 मिले.
- साल 2017 में 684 महिलाएं गायब हुई, 141 बालक, 222 बालिकाएं. कुल 1045 गायब हुए, जिनमें से केवल 946 मिले.
- साल 2018 में 776 महिलाएं गायब हुई, 153 बालक, 216 बालिकाएं. कुल 1145 गायब हुए, जिनमें से केवल 1003 मिले.
- साल 2019 में 836 महिलाएं गायब हुई, 149 बालक, 256 बालिकाएं. कुल 1241 गायब हुए, जिनमें से केवल 1037 मिले.
- साल 2020 में 747 महिलाएं गायब हुई, 96 बालक, 205 बालिकाएं. कुल 1048 गायब हुए, जिनमें से केवल 849 मिले.
- फरवरी 2021 तक में 147 महिलाएं गायब हुई, 11 बालक, 52 बालिकाएं, जिनमें से केवल 849 मिले.

missing rate of women increased in gwalior
ये है 5 वर्षों का आंकड़ा

मानव तस्करी से जुड़े गिरोह भी सक्रिय : घरों से गायब होने वालों की पिछले 5 साल से तलाश की जा रही है यह कहां गए? इन्हें कौन ले गया? इनमें कितने जिंदा हैं? इसके बारे में कुछ पता नहीं है. लंबे समय से लापता होने की वजह से उनके साथ अपराध की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता. पुलिस भी मानती है कि महिलाएं और लड़कियों की गिनती ज्यादा होना चिंता का सबब है, क्योंकि जिले में मानव तस्करी करने वाले लगातार पकड़े गए हैं और कुछ अभी भी सक्रिय है.

गरीब परिवार ही क्यों रहते हैं निशाने पर? अपराधियों से पूछताछ में भी यह खुलासे हुए हैं कि गरीब परिवारों की महिलाओं और लड़कियों को अगवा करने में खतरा नहीं होता है, क्योंकि ऐसे परिवारों की शिकायत को पुलिस भी तवज्जो नहीं देती है. आर्थिक हालत कमजोर होने की वजह से यह परिवार गुमशुदा की तलाश में जूझने की क्षमता नहीं रखते हैं और ऐसे ही हालात से समझौता करते हैं.

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ग्वालियर है सबसे बेहतर? मामले पर ग्वालियर एसपी का कहना है कि भले ही यह आंकड़ा आपको ज्यादा लग रहा हो, लेकिन मध्यप्रदेश का ग्वालियर जिला सबसे बेहतर है जिसने गुमशुदा इंसानों को खोजा है.

पुलिस ने साधी चुप्पी: ग्वालियर पुलिस गायब हुई महिलाएं बच्चियों और लड़के के सवालों पर चुप्पी साधे हुए हैं और लगातार उन लोगों की गिनती बता रही है जो गायब होने के बाद वापस लौट आए हैं.

Last Updated : Apr 18, 2022, 3:03 PM IST
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