ग्वालियर। ग्वालियर के रहने वाले एक माता-पिता ने उज्जैन के एक संत पर उनकी बेटी को अवैध तरीके से रखने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने ग्वालियर एसपी को निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई तक महिला को कोर्ट में पेश किया जाए. (Saint Marriage Fraud Gwalior)
क्या है मामला: ग्वालियर थाटीपुर इलाके में रहने वाले पिता का आरोप है कि उसने अपनी बेटी की शादी के लिए एक अखबार में विज्ञापन जारी किया था, जिसके बाद एक युवक जिसने अपना नाम सुरेश प्रसाद पांडे बताया था, जो ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, और हरदौहा महाराज के नाम से प्रसिद्ध है, उसने उसकी बेटी से शादी करने की इच्छा जाहिर की और अपना एक फोटो भी देखने के लिए भेजा था. युवक ने अपने आप को एक कंपनी में कर्मचारी भी बताया था, जिसके बाद दोनों पक्ष के लोग राजी हो गए तो सुरेश कुमार पांडे ने ग्वालियर आकर आर्य समाज मंदिर में युवती से शादी कर ली.
संत ने बंधक बनाकर रखा: अब माता-पिता का आरोप है कि जब उनकी लड़की शादी के बाद इस युवक के साथ रहने गई तो पता चला कि वह व्यक्ति पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं. जब इस बात पर उनकी बेटी ने आपत्ति जताई तो उसके साथ मारपीट की जाने लगी. एक दिन उनकी बेटी ने पिता को फोन पर वहां से उसे ले जाने की बात भी कही थी, लेकिन उसके बाद से उनकी बेटी का कहीं कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि 'उस कथित संत ने ही उनकी बेटी को बंधक बनाकर रखा है.'
संत का वायरल वीडियो: इसी बीच सोशल मीडिया पर आरोपी व्यक्ति का वीडियो सामने साया है, जिसमें हरदौहा महाराज सुरेश कार में बैठा लड़की को संबोधित कर कह रहा है कि "तुमने मुझे धोखा दिया है. मैंने तुम्हें आत्मा से प्यार किया था, लोग तुम्हारे शरीर को चाहते हैं. कई बार बेइंतहा प्यार का इजहार किया, लेकिन तुमने नहीं सुनी." इतना ही नहीं वीडियो में इसके बाद संत एक छोटी बोतल, जिसमें जहर बताकर आखिरी बार चेहरा दिखाने की बात कहकर उसे पी लेता है. आखिर में कहता है कि "अब तो खुश रहेगी तू, यही चाहती थी." फिलहाल इस वीडियो की सच्चाई सामने नहीं आई है.
सीएम के फोटो का सोशल मीडिया पर इस्तेमाल: हरदौहा महाराज पर आरोप लगने के बाद कई विवादित पोस्टर भी वायरल हो रहे हैं. हालांकि इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं हो पा रही. इन सोशल मीडिया पोस्टर्स में अक्टूबर 2021 में ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बनने पर सीएम शिवराज के पहुंचने का भी दावा किया गया. ये भी जांच का विषय है कि कहीं सीएम की फोटो का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ.