ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते अब प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें. इसके लिए स्वास्थ्य आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा है.
मध्यप्रदेश में कोरोना मामले के बीच सरकार की आयुष्मान योजना जिन अस्पतालों में लागू है वहां पर अधिकतर कोरोना मरीजों का इलाज जारी है. ऐसे में इन अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए मरीजों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि सरकार अब निजी अस्पतालों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाने की तैयारी में जुटी है.
बताया जा रहा है कि आयुष्मान योजना को प्राइवेट अस्पतालों से जोड़ने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. जल्द ही जिले के कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा. देखने में आ रहा है कि लगातार सरकारी अस्पतालों और जो बड़े अस्पताल हैं उनमें कोरोना के मरीजों को तरहीज देते हुए उनका इलाज किया जा रहा है. ऐसे में उन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जो अन्य बीमारियों से पीड़ित है.
इसलिए अब सामान्य मरीजों को कोरोना मरीज के अस्पताल में पहचानना खतरनाक है. जिसके चलते उन गरीबों को मदद नहीं मिल पा रही है. जिन पर आयुष्मान योजना का कार्ड है. प्रदेश सरकार का मानना है कि अगर आयुष्मान योजना प्राइवेट अस्पतालों में भी लागू होगी तो मरीजों को परेशानी नहीं होगी. जबकि उसे सरकारी मदद भी मिल जाएगी.