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ग्वालियर चंबल अंचल में 25 हजार से अधिक मजदूर हुए बेरोजगार, रोजी-रोटी का खड़ा हुआ संकट - ग्वालियर न्यूज

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से ग्वालियर चंबल अंचल में 20 से 25 हजार मजदूर बेरोजगार हुए हैं. जबकि दूसरे शहरों से लौटे मजदूरों के पास भी कोई काम नहीं है. ऐसे में रोजगार न होने के चलते इन मजदूरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

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Published : Jun 10, 2020, 10:50 AM IST

Updated : Jun 10, 2020, 11:04 AM IST

ग्वालियर। कोरोना के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ तो वो है मजदूर. जो आज रोजगार न होने के चलते दो वक्त की रोटी के लिए भी परेशान हो रहा है. प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में 20 से 25 हजार ऐसे मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. जबकि 5 से 10 हजार ऐसे मजदूर हैं जो शहर से बाहर मजदूरी करते थे वे भी वापस आकर घर बैठे हैं. अधिकतर मजूदरों की या तो नौकरी छूट चुकी है या फिर कंपनी मालिक ने उन्हे पैसा नहीं दिया और कोरोना के डर से वे अपने काम पर भी नहीं लौट पा रहे हैं.

लॉकडाउन के चलते हजारों मजदूर हुए बेरोजगार

मजदूर संगठन ने उठाई रोजगार की मांग

राष्ट्रीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है सरकार भले ही मजदूरों को नौकरी देने की बात कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा. लॉकडाउन की वजह से ग्वालियर चंबल अंचल के हजारों मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं, उन्हें फैक्ट्रियों से निकाल दिया है या फिर पैसा ना मिलने की वजह से उन्होंने काम पर जाना बंद कर दिया. इन मजदूर भाइयों की हक की लड़ाई के लिए हम एक बड़ा आंदोलन भी करने जा रहे हैं, मजदूर संघ सरकार से मांग करेगा कि इन मजदूरों की रोजी रोटी का इंतजाम जल्द से जल्द किया जाए. ग्वालियर चंबल अंचल में मालनपुर और बामोर दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां काम करने वाले लगभग 20 से 25 हजार मजदूरों को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी है. मजूदरों के पास काम न होने से उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं बामोर इंडस्ट्रीज यूनियन के अध्यक्ष सुदीप प्रकाश शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्रीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अभी भी इंडस्ट्रीज में काम करने वाली 40 से 50 प्रतिशत मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं. इस वजह से फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन का बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. हालांकि सभी मजदूरों से बात की जा रही है उनका जो बकाया पैसा है. उसे भी दिया जा रहा है. बता दें ग्वालियर चंबल अंचल में लगभग 500 से अधिक छोटी बड़ी फैक्ट्रियां हैं. जहां काम करने वाले हजारों मजदूरों की नौकरियां लॉकडाउन के दौरान चली गई हैं.

ग्वालियर। कोरोना के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ तो वो है मजदूर. जो आज रोजगार न होने के चलते दो वक्त की रोटी के लिए भी परेशान हो रहा है. प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में 20 से 25 हजार ऐसे मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. जबकि 5 से 10 हजार ऐसे मजदूर हैं जो शहर से बाहर मजदूरी करते थे वे भी वापस आकर घर बैठे हैं. अधिकतर मजूदरों की या तो नौकरी छूट चुकी है या फिर कंपनी मालिक ने उन्हे पैसा नहीं दिया और कोरोना के डर से वे अपने काम पर भी नहीं लौट पा रहे हैं.

लॉकडाउन के चलते हजारों मजदूर हुए बेरोजगार

मजदूर संगठन ने उठाई रोजगार की मांग

राष्ट्रीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है सरकार भले ही मजदूरों को नौकरी देने की बात कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा. लॉकडाउन की वजह से ग्वालियर चंबल अंचल के हजारों मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं, उन्हें फैक्ट्रियों से निकाल दिया है या फिर पैसा ना मिलने की वजह से उन्होंने काम पर जाना बंद कर दिया. इन मजदूर भाइयों की हक की लड़ाई के लिए हम एक बड़ा आंदोलन भी करने जा रहे हैं, मजदूर संघ सरकार से मांग करेगा कि इन मजदूरों की रोजी रोटी का इंतजाम जल्द से जल्द किया जाए. ग्वालियर चंबल अंचल में मालनपुर और बामोर दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां काम करने वाले लगभग 20 से 25 हजार मजदूरों को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी है. मजूदरों के पास काम न होने से उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं बामोर इंडस्ट्रीज यूनियन के अध्यक्ष सुदीप प्रकाश शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्रीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अभी भी इंडस्ट्रीज में काम करने वाली 40 से 50 प्रतिशत मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं. इस वजह से फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन का बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. हालांकि सभी मजदूरों से बात की जा रही है उनका जो बकाया पैसा है. उसे भी दिया जा रहा है. बता दें ग्वालियर चंबल अंचल में लगभग 500 से अधिक छोटी बड़ी फैक्ट्रियां हैं. जहां काम करने वाले हजारों मजदूरों की नौकरियां लॉकडाउन के दौरान चली गई हैं.

Last Updated : Jun 10, 2020, 11:04 AM IST
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