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सिंधिया ने खोला राज, बताया क्यों नहीं कमलनाथ सरकार में बने डिप्टी सीएम

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में वो राज खोल दिया, जिसे सब जानना चाहते थे. सिंधिया ने बताया कि वह कमलनाथ सरकार में क्यों डिप्टी सीएम नहीं बने क्योंकि वो पद के लालची नहीं हैं.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया
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Published : Aug 24, 2020, 12:20 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में बीजेपी के सदस्यता अभियान कार्यक्रम का आज तीसरा दिन है. जहां कांग्रेस के कई कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए. इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आखिरकार वो बात बताई, जिसका जवाब सभी जानना चाह रहे थे. सिंधिया ने बताया कि उन्हें कमलनाथ सरकार में डिप्टी सीएम बनने का ऑफर दिया गया था. लेकिन वे इसलिए डिप्टी सीएम नहीं बने क्योंकि वो जनता के सेवक हैं, सिंहासन के नहीं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कहते हैं कि वो पद के लालची हैं, लेकिन उनको ये बताना चाहता हूं कि अगर वो पद के लालची होते तो कमलनाथ सरकार में डिप्टी सीएम बन जाते, लेकिन जो वादे जनता से किए थे, उनका जवाब आज तक नहीं दे पाए. वे इस बात को जानते थे कि ये लोग प्रदेश को कहीं का नहीं छोड़ेगे. इसलिए उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीाकार नहीं किया.

जनता के लिए सड़क पर उतरना पड़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जब उन्होंने जनता के कामों के लिए सड़क पर उतरने की बात कही तो उन्होंने क्या कहा कि उतर जाओ. लेकिन वो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से कहना चाहते हैं कि जनता के काम के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है क्योंकि लोकतंत्र में जनता की सेवा करने की ही राजनीति करते हैं, लेकिन इस सरकार में जनता का कोई काम नहीं हुआ.

कमलनाथ ने सिर्फ वादाखिलाफी की

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ ने सिर्फ जनता के साथ वादाखिलाफी के अलावा कुछ नहीं किया है. वचन पत्र में किसानों की ऋण माफी सबसे पहले होनी थी. सरकार बनने के बाद कहा गया कि अगर किसानों की कर्ज माफी नहीं की गई तो मुख्यमंत्री 10 दिन के अंदर इस्तीफा दे देंगे. 10 दिन तो क्या 12 महीने इंतजार किया, लेकिन हाथ आयी सिर्फ वादाखिलाफी. ये लोग सिर्फ अपनी सरकार चला रहे थे. जनता के प्रति सारी जिम्मेदारी भूल चुके थे.

ग्वालियर। ग्वालियर में बीजेपी के सदस्यता अभियान कार्यक्रम का आज तीसरा दिन है. जहां कांग्रेस के कई कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए. इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आखिरकार वो बात बताई, जिसका जवाब सभी जानना चाह रहे थे. सिंधिया ने बताया कि उन्हें कमलनाथ सरकार में डिप्टी सीएम बनने का ऑफर दिया गया था. लेकिन वे इसलिए डिप्टी सीएम नहीं बने क्योंकि वो जनता के सेवक हैं, सिंहासन के नहीं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कहते हैं कि वो पद के लालची हैं, लेकिन उनको ये बताना चाहता हूं कि अगर वो पद के लालची होते तो कमलनाथ सरकार में डिप्टी सीएम बन जाते, लेकिन जो वादे जनता से किए थे, उनका जवाब आज तक नहीं दे पाए. वे इस बात को जानते थे कि ये लोग प्रदेश को कहीं का नहीं छोड़ेगे. इसलिए उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीाकार नहीं किया.

जनता के लिए सड़क पर उतरना पड़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जब उन्होंने जनता के कामों के लिए सड़क पर उतरने की बात कही तो उन्होंने क्या कहा कि उतर जाओ. लेकिन वो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से कहना चाहते हैं कि जनता के काम के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है क्योंकि लोकतंत्र में जनता की सेवा करने की ही राजनीति करते हैं, लेकिन इस सरकार में जनता का कोई काम नहीं हुआ.

कमलनाथ ने सिर्फ वादाखिलाफी की

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ ने सिर्फ जनता के साथ वादाखिलाफी के अलावा कुछ नहीं किया है. वचन पत्र में किसानों की ऋण माफी सबसे पहले होनी थी. सरकार बनने के बाद कहा गया कि अगर किसानों की कर्ज माफी नहीं की गई तो मुख्यमंत्री 10 दिन के अंदर इस्तीफा दे देंगे. 10 दिन तो क्या 12 महीने इंतजार किया, लेकिन हाथ आयी सिर्फ वादाखिलाफी. ये लोग सिर्फ अपनी सरकार चला रहे थे. जनता के प्रति सारी जिम्मेदारी भूल चुके थे.

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