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Jyotiraditya Scindia ने किया शमी पूजन, जानिए विजयादशमी पर 'महाराज' ने क्या मांगा

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्यसिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पुत्र महाआर्यमन के साथ शमी पूजन किया. विजयादशमी के दिन शमी पूजन (Shami Pujan) का क्षत्रियों के लिए विशेष महत्व होता है.

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Jyotiraditya Scindia ने किया शमी पूजन
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Published : Oct 15, 2021, 8:21 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 8:30 PM IST

ग्वालियर। सिंधिया राजवंश की प्राचीन परंपरा के अनुसार परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पुत्र महाआर्यमन सिंधिया के साथ शमी पूजन किया. मांढरे की माता के नीचे स्थित दशहरा मैदान में शमी पूजन हुआ. शुक्रवार देर शाम केंद्रीय मंत्री सिंधिया अपने पुत्र सहित विद्वानों के मंत्रोच्चार और बैंड बाजों की धुनों के बीच शमी पूजन (Shami Pujan) के लिए बैठे .

जानिए विजयादशमी पर 'महाराज' ने क्या मांगा

सिंधिया ने किया शमी पूजन

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र शाही वेशभूषा में इस पारंपरिक पूजा में शामिल हुए. कार्यक्रम में पूर्व मराठा सरदार और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर, राज्य मंत्री ओपी भदौरिया, पूर्व मंत्री गिर्राज दंडोतिया, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, रामबरन गुर्जर बाल खांडे सहित बड़ी संख्या में सिंधिया समर्थक और भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हुए. मंत्रोच्चार के बीच पूजा समाप्त होने पर सिंधिया ने अपनी तलवार से जैसे ही शमी (Shami Pujan) के पेड़ को छुआ, वैसे ही पूर्व मराठा सरदार और उनके समर्थक शमी को लूटने लगे. उन्होंने सिंधिया को दशहरे की शुभकामनाएं दी. सिंधिया ने भी लोगों को दशहरे की शुभकामनाएं दी हैं.

शमी पूजन के बाद क्या कहा सिंधिया ने

उन्होंने कहा कि विजयादशमी का पर्व सच्चाई की जीत का पर्व है.प्रगति और विश्वास का पथ निष्पक्ष रूप से तय करता है. इस मौके पर सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे. सिंधिया ने बताया कि उन्होंने कोरोना के खात्मे की कामना की है. प्रदेश और देश में विकास का मार्ग प्रशस्त हो.सभी के घरों में आशा की दीप जले.

जशपुर में दशहरा झांकी में शामिल 20 लोगों को तेज रफ्तार कार ने कुचला 4 की मौत, 2 आरोपी गिरफ्तार

क्यों करते हैं शमी की पूजा

मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने शमी (Shami Pujan) के पेड़ के ऊपर अपने अस्त्र-शस्त्र छिपाए थे. जिसके बाद से ही उन्होंने कौरवों से जीत हासिल की थी. विदयादशमी के दिन प्रदोषकाल में शमी वृक्ष का पूजन अति आवश्यक माना जाता है. कहते हैं कि शमी की पूजा विजय काल में करना फलदायी होती है.शमी के वृक्ष की नियमित पूजा से परिवार में सुख-शांति आती है.

ग्वालियर। सिंधिया राजवंश की प्राचीन परंपरा के अनुसार परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पुत्र महाआर्यमन सिंधिया के साथ शमी पूजन किया. मांढरे की माता के नीचे स्थित दशहरा मैदान में शमी पूजन हुआ. शुक्रवार देर शाम केंद्रीय मंत्री सिंधिया अपने पुत्र सहित विद्वानों के मंत्रोच्चार और बैंड बाजों की धुनों के बीच शमी पूजन (Shami Pujan) के लिए बैठे .

जानिए विजयादशमी पर 'महाराज' ने क्या मांगा

सिंधिया ने किया शमी पूजन

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र शाही वेशभूषा में इस पारंपरिक पूजा में शामिल हुए. कार्यक्रम में पूर्व मराठा सरदार और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर, राज्य मंत्री ओपी भदौरिया, पूर्व मंत्री गिर्राज दंडोतिया, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, रामबरन गुर्जर बाल खांडे सहित बड़ी संख्या में सिंधिया समर्थक और भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हुए. मंत्रोच्चार के बीच पूजा समाप्त होने पर सिंधिया ने अपनी तलवार से जैसे ही शमी (Shami Pujan) के पेड़ को छुआ, वैसे ही पूर्व मराठा सरदार और उनके समर्थक शमी को लूटने लगे. उन्होंने सिंधिया को दशहरे की शुभकामनाएं दी. सिंधिया ने भी लोगों को दशहरे की शुभकामनाएं दी हैं.

शमी पूजन के बाद क्या कहा सिंधिया ने

उन्होंने कहा कि विजयादशमी का पर्व सच्चाई की जीत का पर्व है.प्रगति और विश्वास का पथ निष्पक्ष रूप से तय करता है. इस मौके पर सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे. सिंधिया ने बताया कि उन्होंने कोरोना के खात्मे की कामना की है. प्रदेश और देश में विकास का मार्ग प्रशस्त हो.सभी के घरों में आशा की दीप जले.

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क्यों करते हैं शमी की पूजा

मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने शमी (Shami Pujan) के पेड़ के ऊपर अपने अस्त्र-शस्त्र छिपाए थे. जिसके बाद से ही उन्होंने कौरवों से जीत हासिल की थी. विदयादशमी के दिन प्रदोषकाल में शमी वृक्ष का पूजन अति आवश्यक माना जाता है. कहते हैं कि शमी की पूजा विजय काल में करना फलदायी होती है.शमी के वृक्ष की नियमित पूजा से परिवार में सुख-शांति आती है.

Last Updated : Oct 15, 2021, 8:30 PM IST
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