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लॉकडाउन में भूख-प्यास से बेहाल हो रहे कुत्ते, हिंसक होकर कर रहे हमला

लॉकडाउन के चलते भूख प्यास से बेहाल कुत्ते खूंखार हो चुके हैं, ग्वालियर शहर में हर दिन 15 से 20 लोगों को कुत्तों के काटने का मामला सामने आ रहा है. एनिमल एक्सपर्ट छाया तोमर ने बताया कि भूख की वजह से कुत्तों में आक्रामकता बढ़ गई है, जिससे वो खूंखार को गए हैं. उन्होंने बताया कि ऐसी हालत में उनके अंदर हिंसक प्रवृत्ति और बढ़ सकती है.

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कुतों से बचके
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Published : May 13, 2020, 4:05 PM IST

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते बने हालातों का असर आम इंसानों पर तो पड़ ही रहा है, लेकिन उससे ज्यादा इंसान के वफादार कहे जाने वाले कुत्तों पर भी पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन ने कुत्तों को भूख-प्यास से बेहाल कर दिया है, जिसके चलते अब कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं.

लॉकडाउन में भूख-प्यास से बेहाल हुए कुत्ते

मार्च के महीने से शुरू हुआ लॉकडाउन अभी भी जारी है. लेकिन इसी बीच तेजी से बदलते मौसम में तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा चुका है तो वहीं कोरोना बीमारी के डर से लोग घरों के अंदर कैद हैं. इसी बीच बाजारों में नॉनवेज सहित होटल रेस्टोरेंट से निकलने वाला वेस्ट मटेरियल जो इन आवारा कुत्तों की भूख मिटाता था, वो भी इन्हें अब नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते भूख प्यास से बेहाल ये आवारा कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं.

अकेले ग्वालियर शहर में हर दिन कुत्ते लगातार 15 से 20 लोगों को कांटने के मामले सामने आ रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि कुत्तों को भोजन ना मिल पाना. इन कुत्तों की हालत ऐसी है कि जब कोई बाइक से निकलता है तो वो उसके पीछे भागने लगते हैं.

भूखे रहने से कुत्ते हो रहे खूंखार-एनिमल एक्सपर्ट

एनिमल एक्सपर्ट छाया तोमर का कहना है कि चंबल अंचल में गर्मी के तेवर बढ़ रहे हैं. जो कुत्तों के लिए अनुकूल मौसम नहीं रहता. लॉकडाउन के चलते केवल कुत्तों को ही नहीं बल्कि हर जानवर भूख-प्यास से बैहाल हो रहे हैं. जिसके चलते वो हिंसक हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट काल में अगर इंसान इन जानवरों के लिए पानी और रोटी का इंतजाम नहीं करेंगे, तो जानवर और हिंसक होंगे.

इसलिए जरूरी है कि अगर किसी व्यक्ति के घर के सामने कुत्ते हैं तो उनको सुबह-शाम पानी और कुछ खाने के लिए जरूर डाले. क्योंकि यदि इंसान को भी इतने दिनों तक कुछ खाने को नहीं मिली तो वो भी इतनी तेज गर्मी से प्यास से बेहाल हो जाएगा और शायद हिंसक हो जाएगा. इसलिए इस वक्त अपने साथ-साथ हमें जानवरों का भी ख्याल रखना बहुत जरूरी है.

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते बने हालातों का असर आम इंसानों पर तो पड़ ही रहा है, लेकिन उससे ज्यादा इंसान के वफादार कहे जाने वाले कुत्तों पर भी पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन ने कुत्तों को भूख-प्यास से बेहाल कर दिया है, जिसके चलते अब कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं.

लॉकडाउन में भूख-प्यास से बेहाल हुए कुत्ते

मार्च के महीने से शुरू हुआ लॉकडाउन अभी भी जारी है. लेकिन इसी बीच तेजी से बदलते मौसम में तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा चुका है तो वहीं कोरोना बीमारी के डर से लोग घरों के अंदर कैद हैं. इसी बीच बाजारों में नॉनवेज सहित होटल रेस्टोरेंट से निकलने वाला वेस्ट मटेरियल जो इन आवारा कुत्तों की भूख मिटाता था, वो भी इन्हें अब नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते भूख प्यास से बेहाल ये आवारा कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं.

अकेले ग्वालियर शहर में हर दिन कुत्ते लगातार 15 से 20 लोगों को कांटने के मामले सामने आ रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि कुत्तों को भोजन ना मिल पाना. इन कुत्तों की हालत ऐसी है कि जब कोई बाइक से निकलता है तो वो उसके पीछे भागने लगते हैं.

भूखे रहने से कुत्ते हो रहे खूंखार-एनिमल एक्सपर्ट

एनिमल एक्सपर्ट छाया तोमर का कहना है कि चंबल अंचल में गर्मी के तेवर बढ़ रहे हैं. जो कुत्तों के लिए अनुकूल मौसम नहीं रहता. लॉकडाउन के चलते केवल कुत्तों को ही नहीं बल्कि हर जानवर भूख-प्यास से बैहाल हो रहे हैं. जिसके चलते वो हिंसक हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट काल में अगर इंसान इन जानवरों के लिए पानी और रोटी का इंतजाम नहीं करेंगे, तो जानवर और हिंसक होंगे.

इसलिए जरूरी है कि अगर किसी व्यक्ति के घर के सामने कुत्ते हैं तो उनको सुबह-शाम पानी और कुछ खाने के लिए जरूर डाले. क्योंकि यदि इंसान को भी इतने दिनों तक कुछ खाने को नहीं मिली तो वो भी इतनी तेज गर्मी से प्यास से बेहाल हो जाएगा और शायद हिंसक हो जाएगा. इसलिए इस वक्त अपने साथ-साथ हमें जानवरों का भी ख्याल रखना बहुत जरूरी है.

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