ETV Bharat / city

डबल इंजन में भगवान भरोसे होम क्वॉरेंटाइन मरीज ! दवाइयां तो मत पूछिए काढ़ा भी दूर की कौड़ी - ग्वालियर में तेजी बढ़ रहा कोरोना

ग्वालियर शहर में हर दिन कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने के चलते प्रशासन कोरोना के मरीजों को घर में ही होम क्वॉरेंटाइन कर रहा है. लेकिन मरीजों को लेकर जिला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. होम क्वॉरेंटाइन मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. देखिए होम क्वॉरेंटाइन मरीजों पर ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट...

gwalior
ग्वालियर न्यूज
author img

By

Published : Aug 14, 2020, 10:34 PM IST

ग्वालियर। शहर में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस वजह से अब जिला प्रशासन ज्यादातर कोरोना मरीजों को घर में ही होम क्वॉरेंटाइन कर रहा है. हालांकि उन्हीं मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन का फैसला किया जा रहा है जिनके घरों में पर्याप्त सुविधाए उपलब्ध हैं. लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से कई ऐसी लापरवाही सामने आ रही हैं. जिससे घरों में क्वॉरेंटाइन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रशासन ने होम क्वॉरेंटाइन मरीजों को छोड़ा भगवान भरोसे

ईटीवी भारत को कोरोना मरीज ने भेजा संदेश

ग्वालियर के एक कोरोना मरीज, जो इस वक्त घर में क्वॉरेंटाइन हैं. उसने ईटीवी भारत को वीडियो के जरिए एक संदेश भेजा, मरीज का कहना है कि उसका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव है और वह पिछले दस दिनों से घर में क्वॉरेंटाइन है. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उसे कोई सहयोग नहीं मिल रहा, दवाइयां तो दूर की बात उसे काढ़ा भी नहीं दिया जा रहा. मरीज का कहना है कि मरीज ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है. हमारे पास दवाइयां तक उपलब्ध नहीं हैं.

प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

मरीज की इस परेशानी पर ग्वालियर के कोविड-19, नोडल प्रभारी किशोर कन्याल से बात की गई तो वे इस बात से साफ इनकार करते नजर आए कि होम क्वॉरेंटाइन मरीजों को कोई परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार सभी मरीजों पर नजर रख रहा है. अगर किसी मरीज को कोई परेशानी हो रही है. तो इसकी जांच कराई जाएगी और मरीज को सभी सुविधाएं भी उपलब्ध भी होगी.

केंद्र की गाइडलाइन नहीं हो रही फॉलो

नोडल प्रभारी कुछ भी कहे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिस मरीज को घर में होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है, उसके घर में निगरानी के लिए एक एक अटेंडेंट 24 घंटे तैनात रहता है. इसके अलावा होम आइसोलेट मरीज को एक पल्स और ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया जाता है ताकि वह मरीज समय-समय पर ऑक्सीजन, पल्स रेट, हार्ट रेट और तापमान की जानकारी कंट्रोल रूम में डॉक्टरों को दे सके. लेकिन ग्वालियर शहर में इस तरह का कोई रूल फॉलो नहीं किया जा रहा.

यही वजह है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन करने के बाद आराम से गहरी नींद में सो जाता है. फिलहाल ग्वालियर जिले में 325 मरीज होम क्वॉरेंटाइन हैं और अब तक 70 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. जिनकी देखरेख करना प्रशासन की जिम्मेदारी है.

ग्वालियर। शहर में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस वजह से अब जिला प्रशासन ज्यादातर कोरोना मरीजों को घर में ही होम क्वॉरेंटाइन कर रहा है. हालांकि उन्हीं मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन का फैसला किया जा रहा है जिनके घरों में पर्याप्त सुविधाए उपलब्ध हैं. लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से कई ऐसी लापरवाही सामने आ रही हैं. जिससे घरों में क्वॉरेंटाइन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रशासन ने होम क्वॉरेंटाइन मरीजों को छोड़ा भगवान भरोसे

ईटीवी भारत को कोरोना मरीज ने भेजा संदेश

ग्वालियर के एक कोरोना मरीज, जो इस वक्त घर में क्वॉरेंटाइन हैं. उसने ईटीवी भारत को वीडियो के जरिए एक संदेश भेजा, मरीज का कहना है कि उसका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव है और वह पिछले दस दिनों से घर में क्वॉरेंटाइन है. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उसे कोई सहयोग नहीं मिल रहा, दवाइयां तो दूर की बात उसे काढ़ा भी नहीं दिया जा रहा. मरीज का कहना है कि मरीज ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है. हमारे पास दवाइयां तक उपलब्ध नहीं हैं.

प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

मरीज की इस परेशानी पर ग्वालियर के कोविड-19, नोडल प्रभारी किशोर कन्याल से बात की गई तो वे इस बात से साफ इनकार करते नजर आए कि होम क्वॉरेंटाइन मरीजों को कोई परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार सभी मरीजों पर नजर रख रहा है. अगर किसी मरीज को कोई परेशानी हो रही है. तो इसकी जांच कराई जाएगी और मरीज को सभी सुविधाएं भी उपलब्ध भी होगी.

केंद्र की गाइडलाइन नहीं हो रही फॉलो

नोडल प्रभारी कुछ भी कहे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिस मरीज को घर में होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है, उसके घर में निगरानी के लिए एक एक अटेंडेंट 24 घंटे तैनात रहता है. इसके अलावा होम आइसोलेट मरीज को एक पल्स और ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया जाता है ताकि वह मरीज समय-समय पर ऑक्सीजन, पल्स रेट, हार्ट रेट और तापमान की जानकारी कंट्रोल रूम में डॉक्टरों को दे सके. लेकिन ग्वालियर शहर में इस तरह का कोई रूल फॉलो नहीं किया जा रहा.

यही वजह है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन करने के बाद आराम से गहरी नींद में सो जाता है. फिलहाल ग्वालियर जिले में 325 मरीज होम क्वॉरेंटाइन हैं और अब तक 70 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. जिनकी देखरेख करना प्रशासन की जिम्मेदारी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.