ग्वालियर। गरीबी और बेबसी के चलते एक मां ने ढाई साल के बेटे को ट्रेन में लावारिस छोड़ दिया. जिसे आरपीएफ ने चाइल्ड लाइन की मदद से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर उतारा. बच्चा रतलाम भिंड इंटरसिटी एक्सप्रेस के डी 6 कोच में लावारिस हालत में था.अटेंड किए गए बच्चे के पास से एक मार्मिक पत्र भी मिला जिसे उसकी मां ने छोड़ा था. पत्र में महिला ने अपनी बेबसी और मजबूरी का जिक्र किया साथ ही बच्चे को छोड़ने का कारण बाताया है. बच्चे के पास मिले पत्र को देखकर आरपीएफ और चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की भी आंखें भर आईं. आरपीएफ ने कागजी कार्रवाई करने के बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया. (gwalior rpf found child)
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बेबस मां का पत्र:आरपीएफ इंस्पेक्टर संजय आर्य ने बताया कि महिला ने पत्र में लिखा कि वह बहुत मजबूरी में ही अपने बच्चे को छोड़ रही है क्योंकि यह सिर्फ दूध पीता है. महिला के पास 3 बच्चे पहले से ही है पति की मौत हो चुकी है कमाई का कोई सहारा नहीं है. बच्चा मानसिक रूप से कमजोर और मूकबधिर भी है. इसलिए वो उसे पालने में असमर्थ है. इस महिला ने यह भी लिखा कि वह अनाथालय और यतीम बच्चों को रखने वाले लोगों के पास भी पहुंची थी. लेकिन किसी ने भी इस बच्चे को नहीं लिया. तब उसे मजबूरी में बच्चे को ट्रेन में छोड़ना पड़ा है. संजय आर्य ने बताया कि बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पाता है. फिलहाल बच्चे को बाल कल्याण समिति को दे दिया गया है जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है. इस बच्चे की मां का कुछ पता नहीं चला है. (gwalior rpf found child in train) (poor mother left child in train) (mp news)