ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) ग्वालियर-चंबल अंचल से हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मंत्री के गढ़ में ही सबसे ज्यादा बिजली चोरी (Electricity Theft) होती है. अंचल में 12 करोड़ यूनिट बिजली हर माह की खपत है. जिसमें 7.50 करोड़ यूनिट सीधे तौर पर चोरी की जा रही है. यानि कि अंचल के 70 फीसदी लोग बिजली चोरी कर रहे हैं. दूसरी तरफ बिजली बिल रिकवरी (Electricity Bill Recovery) भी बड़ी समस्या बनी हुई है.
सिर्फ भिंड (Bhind) जिले में ही 35 फीसदी उपभोक्ता बकायदारों की श्रेणी में हैं. ETV Bharat ने बिजली की समस्या से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) से EXCLUSIVE बातचीत की. इस दौरान उन्होंने क्या कुछ कहा, रिपोर्ट में पढ़िए.
70 फीसदी लोग चुरा रहे बिजली, जानिए क्या बोले ऊर्जा मंत्री
मध्य प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा बिजली ग्वालियर में चोरी हो रही है. आपको जानकार हैरानी होगी कि ग्वालियर-चंबल अंचल में करीब 70 फीसदी लोग बिजली चोरी कर रहे हैं. जानकारी होने के बाद भी विभागीय कर्मचारी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि ऊर्जा विभाग की तरफ से एक अभियान जरूरी चलाया गया है. जिसके तहत बिजली चोरी करने वालों की धरपकड़ हो रही है. ETV Bharat से बातचीत के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली चोरी को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है, जो भी लोग बिजली चोरी करते पकड़ाए जा रहे हैं, उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
सिर्फ ग्वालियर में इतनी चोरी पकड़ाई
महीना | कुल केस | राशि |
जनवरी | 1317 | 3.29 करोड़ |
फरवरी | 1130 | 2.90 करोड़ |
मार्च | 1197 | 2.65 करोड़ |
अप्रैल | 34 | 40 लाख |
मई | 136 | 62 लाख |
बिजली चोरी पर कांग्रेस का हंगामा, ऊर्जा मंत्री का जवाब
मध्य प्रदेश में बिजली चोरी को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने में लगी हुई है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है. इस मुद्दों पर ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हर चीज में दर्द होता है, अगर हम वसूली करेंगे तो वह कहती हैं कि जनता को मार रहे हैं. अगर नहीं करेंगे तो कहती है चोरी कर रहे हैं. पहले कांग्रेस अपनी मानसिकता को ठीक तरीके से स्थिर करे.
ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में करोड़ों का बिजली बिल बकाया
बिजली कंपनी का ग्वालियर रीजन के ऊपर 5 हजार करोड़ बकाया है. यह बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है. ग्वालियर शहर के ऊपर 600 करोड़ का बकाया है. बिजली कंपनी प्रबंधन अब बकाये पैसे को लेकर सख्त है. वसूली की हर हफ्ते समीक्षा की जा रही है, क्योंकि लोग बिल भरने से परहेज करने लगे थे. जिससे बकाया बढ़ रहा है. कोरोना महामारी के बाद से काफी ज्यादा लोगों ने बिजली बिल भरा ही नहीं.
बिजली बिल वसूली पर क्या बोले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर
बिजली बिल वसूली को लेकर भी ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ईटीवी भारत के सामने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि रिकवरी को लेकर ऊर्जा विभाग के अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं, ग्वालियर-चंबल अंचल में भी टीमें गठित कर दी गई हैं. इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आमजन से किसी कार्य या किसी काम को लेकर कोई भी कर्मचारी-अधिकारी पैसे मांगता है तो उसके लिए खुद मैंने अपने बंगले पर शिकायत पेटी लगाई है. कोई भी आमजन शिकायत दर्ज करा सकता है. सबसे खास बात यह है कि इस पेटी के आवेदन मेरे पास ही आएंगे और में खुद इन पर निगरानी कर हर शिकायत पर कार्रवाई करूंगा.
1 लाख से अधिक के बकायेदारों पर सख्ती
बिजली कंपनी ने बकायेदारों के खिलाफ भी अभियान शुरू कर दिया है. इस बार एक लाख से ज्यादा के बकायदारों की खबर ली जा रही है. ग्वालियर में 2600 ऐसे बकायेदार हैं, जिन पर एक लाख रुपये से अधिक का बिल बकाया है. जिनमें 2300 घरेलू हैं और 300 गैर-घरेलू हैं. इन्हीं 2600 उपभोक्ताओं पर कंपनी का लगभग 51 करोड़ रुपए बकाया है.
नहीं बदलेंगे इंदिरा ज्योति योजना का नाम
इस समय पूरे मध्य प्रदेश में बिजली को लेकर घमासान मचा हुआ है. विपक्ष लगातार बिजली की कीमत और कटौती को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. इसी को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से खास बातचीत की गई. इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने इंदिरा ज्योति योजना का नाम बदलने को लेकर एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अब इंदिरा ज्योति योजना का नाम नहीं बदलेगा, लेकिन पहले कांग्रेस बताए कि आखिर इस योजना का नाम इंदिरा ज्योति योजना कैसे रखा गया.