ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में नई सरकार के गठन के साथ ही घोटाले होने भी शुरू हो गए हैं. ताजा मामला नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में किए गए फर्जीवाड़े का सामने आया है. अब एक-एक कर इसकी पर्तें खुलनी शुरू हो गई हैं. जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों से पैसे लेकर उनकी भर्ती की गयी है. मेयर और सभापति ने इस घोटाले को पकड़ा था. (MP Gwalior municipal corporation scam)
जांच के लिए कमेटी गठित की गईः घोटाला उजागर होने के बाद जांच के लिए एक कमेटी भी गाठित कर दी गयी है. इस मामले में नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल ने 94 कर्मचारियों को हटा दिया है. नगर निगम के कर्मचारियों को भी सस्पेंड किया गया. इसके अलावा दो आधिकारियों को दूसरे विभाग में शिफ्ट कर दिया है. वहीं इस मामले की जांच कर रही पूर्व की कमेटी में एमआईसी के सदस्यों को शामिल किया गया. (Gwalior 94 employees removed outsource scam) (MP Gwalior municipal corporation scam)
युवाओं से लिए गए 50 हजार से डेढ़ लाखः इस घाेटाले में बेरोजगार युवाओं से 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक वसूल किए गए हैं. उन्हें निगम के आधिकारियों की ओर एंजेसी ने निगम ने नौकरी पर रख लिया था. इस गड़बड़ी और घोटाले के तार केवल अपर आयुक्त से लेकर निगम कमिश्नर से नहीं जुड़े हुए है. बल्कि आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहीं सेंगर सिक्योरिटी, राज सिक्योरिटी और शर्मा सिक्योरिटी एजेंसी पर भी आरोप लग रहे है. जब कमेटी ने इस मामले में जांच की, तो पता चला है कि नगर निगम के 1374 आउटसोर्स कर्मचारियों को रख लिया गया है. खास बात ये है केवल 250 कर्मचारियों का ही रिकॉर्ड निगम की जांच में सामने आया है. (MP Gwalior two officers shifted other department)