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Gwalior Triple Murder Case दोषी दामाद को उम्रकैद की सजा, 14 साल पहले की थी सास, साली और साले की हत्या

ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 14 साल पहले तिहरे हत्याकांड के आरोपी बुजुर्ग दामाद को उम्र कैद की सजा से दंडित किया गया है. आरोपी ने 14 साल पहले सास, साली और साले की हत्या नृशंस हत्या कर दी थी. Gwalior Triple Murder Case, Gwalior District And Sessions Court, Gwalior Life Imprisonment Punishment, Gwalior Hatya Aropi Saja.

Gwalior District And Sessions Court
ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय
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Published : Aug 26, 2022, 6:14 PM IST

ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष अदालत ने 14 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के 3 में से 1 आरोपी को दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि, मामले में दोषी पाया गया हत्यारा मोहन लाल मृतका काशीबाई का रिश्ते में दामाद लगता था. मोहन लाल पाल ने पैसों की लालच में काशीबाई के साथ साली उमा और साले गणेश को तेजाब पिलाने के बाद हथौड़े से उनकी नृशंस हत्या कर दी थी. (Gwalior Triple Murder Case)

तिहरे हत्याकांड का आरोपी उम्रकैद की सजा से दंडित

बेटा-बेटी की हत्या का मामला: घटना 28 जून 2008 को कोतवाली थाना क्षेत्र के निंबालकर की गोठ में घटित हुई थी.हत्या के दोषी सादाबाद, हाथरस के रहने वाले मोहन लाल पाल का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था. उसी सिलसिले में वह हाथरस से भागकर ग्वालियर आया था. इस दौरान अपने एक अन्य सहयोगी हरिओम पाल के साथ दौलत गंज स्थित मौसी सास के निवास पर पहुंचा था. यहां रात में रुकने के दौरान उसने काशीबाई और उनके बेटा-बेटी की हत्या कर दी थी और घर से सोने, चांदी के जेवर, मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गया था.(Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja)

6 साल रहा फरार: घटना के समय मृतक गणेश के एक दोस्त ने इन आरोपियों को उसके घर में बैठे देखा था. इस आधार पर पुलिस ने हरिओम को गिरफ्तार कर लिया था. घटना के समय वह नाबालिग था. इसलिए उसके खिलाफ बाल संप्रेक्षण गृह में चालान पेश किया गया. उस पर 2017 में 10,000 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया था. एक अन्य आरोपी राजीव वर्मा, जिसने लूटा गया सोना चांदी खरीदा था उसे हत्याकांड में सीधे शामिल नहीं पाकर सीजेएम कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था, लेकिन मोहनलाल घटना के बाद 6 साल तक फरार रहा.(Gwalior Triple Murder Case) (Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja) .

Big News : यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा, ₹10 लाख का जुर्माना

कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा: 6 साल बाद मोहनलाल को मुरैना के बानमोर में देसी कट्टे के साथ गिरफ्तार किया गया था. ग्वालियर में तीन हत्याओं का मामला दर्ज था, इसलिए उसे ग्वालियर पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था,तब से वह जेल में बंद है. खास बात यह है कि, हत्या का दोषी मोहनलाल अब 68 साल का हो चुका है. कोर्ट ने उसे इस नृशंस हत्याकांड का मुख्य आरोपी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.(Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja)

ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष अदालत ने 14 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के 3 में से 1 आरोपी को दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. खास बात यह है कि, मामले में दोषी पाया गया हत्यारा मोहन लाल मृतका काशीबाई का रिश्ते में दामाद लगता था. मोहन लाल पाल ने पैसों की लालच में काशीबाई के साथ साली उमा और साले गणेश को तेजाब पिलाने के बाद हथौड़े से उनकी नृशंस हत्या कर दी थी. (Gwalior Triple Murder Case)

तिहरे हत्याकांड का आरोपी उम्रकैद की सजा से दंडित

बेटा-बेटी की हत्या का मामला: घटना 28 जून 2008 को कोतवाली थाना क्षेत्र के निंबालकर की गोठ में घटित हुई थी.हत्या के दोषी सादाबाद, हाथरस के रहने वाले मोहन लाल पाल का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था. उसी सिलसिले में वह हाथरस से भागकर ग्वालियर आया था. इस दौरान अपने एक अन्य सहयोगी हरिओम पाल के साथ दौलत गंज स्थित मौसी सास के निवास पर पहुंचा था. यहां रात में रुकने के दौरान उसने काशीबाई और उनके बेटा-बेटी की हत्या कर दी थी और घर से सोने, चांदी के जेवर, मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गया था.(Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja)

6 साल रहा फरार: घटना के समय मृतक गणेश के एक दोस्त ने इन आरोपियों को उसके घर में बैठे देखा था. इस आधार पर पुलिस ने हरिओम को गिरफ्तार कर लिया था. घटना के समय वह नाबालिग था. इसलिए उसके खिलाफ बाल संप्रेक्षण गृह में चालान पेश किया गया. उस पर 2017 में 10,000 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया था. एक अन्य आरोपी राजीव वर्मा, जिसने लूटा गया सोना चांदी खरीदा था उसे हत्याकांड में सीधे शामिल नहीं पाकर सीजेएम कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था, लेकिन मोहनलाल घटना के बाद 6 साल तक फरार रहा.(Gwalior Triple Murder Case) (Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja) .

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कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा: 6 साल बाद मोहनलाल को मुरैना के बानमोर में देसी कट्टे के साथ गिरफ्तार किया गया था. ग्वालियर में तीन हत्याओं का मामला दर्ज था, इसलिए उसे ग्वालियर पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था,तब से वह जेल में बंद है. खास बात यह है कि, हत्या का दोषी मोहनलाल अब 68 साल का हो चुका है. कोर्ट ने उसे इस नृशंस हत्याकांड का मुख्य आरोपी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.(Gwalior District And Sessions Court) (Gwalior Life Imprisonment Punishment) (Gwalior Hatya Aropi Saja)

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