ग्वालियर। 30 अगस्त बुधवार से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है, यानि ब्रह्मांड के प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश का दिन है. इस मौके पर घर-घर गणपति बप्पा की धूम रहती है, इसी को लेकर आज हम आपको ग्वालियर में स्थित लगभग 300 साल पुराने गणेश जी के बारे में बताएंगे, जिन्हें अर्जी वाले गणेश जी के नाम से जाना जाता है. जितना पुराना इनका इतिहास है उतनी ही इनकी महिमा और इनसे जुड़ी रोचक कहानी है. अर्जी वाले गणेश जी के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है, जिनमें सबसे ज्यादा कुंआरो की संख्या होती है. इसके साथ ही व्यापारी और शहर के गणमान्य लोग भी अर्जी वाले गणेश जी के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं, गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. Ganesh Chaturthi 2022
यहां सबकी मनोकामना पूरी करते हैं बप्पा: ग्वालियर शहर के बीचोबीच सिन्धे की छावनी इलाके में यह अर्जी वाले गणेश जी विराजमान है, सिंधिया रियासत कालीन और लगभग 300 वर्ष पुराना इनका इतिहास है. बप्पा के दरबार में बच्चे, बुजुर्ग, जवान सभी अपनी-अपनी अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं. बप्पा के दरबार में सबसे ज्यादा क्रेज युवाओं का देखा जाता है, यही कारण है कि यहां पर युवा अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अर्जी लगाते हैं. इसके साथ ही शादी की बाधाएं दूर करने वाली सबसे अधिक अर्जी भी यही लगाई जाती है, इसलिए इन्हें अर्जी वाले गणेश जी के नाम से जानते हैं. सामान्य तौर पर यहां बुधवार को सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं तो वहीं गणेश चतुर्थी पर हजारों की संख्या में लोगों को दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. Riddhi Siddhi Ganesh Mandir in MP
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गणपति की शरण में आकर दूर होती हैं सभी बाधाएं: मंदिर के पुजारी के अनुसार, "अर्जी वाले गणेश जी के दरबार में युवाओं के साथ-साथ व्यापारी काफी संख्या में यहां पर आते हैं, मान्यता है कि किसी भी व्यापारी को अगर व्यापार में घाटा होने लगता है तो इनकी शरण में आकर सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं." वहीं युवाओं का मानना है कि, "अर्जी वाले गणेश जी की महिमा अनोखी है. यहां पर नौकरी या शिक्षा के लिए लगाई गई अर्जी पूरी होती है, यही कारण है कि यहां पर सबसे ज्यादा युवा बप्पा की शरण में पहुंचते हैं. गणेश चतुर्थी से 11 दिन तक यहां पर काफी भीड़ रहती है और दूर-दूर से लोग यहां पर अर्जी लगाने के लिए पहुंचते हैं." Gwalior Arji Wale Ganesh