ग्वालियर। बार एसोसिएशन के सचिव पद पर चल रहा विवाद अब मारपीट तक पहुंच गया है. 27 नवंबर को साधारण सभा की बैठक में खुद को पवन पाठक ने सचिव घोषित करते हुए उनके खिलाफ दो माह पहले लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गलत ठहराया. दूसरे पक्ष विजेंद्र सिंह तोमर ने अपने को कार्यकारी सचिव बताते हुए अध्यक्ष का समर्थन हासिल कर लिया. इसी को लेकर मंगलवार को जिला कोर्ट में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और थाने तक बात पहुंच गई.
दरअसल, चार सितंबर को कार्यकारी सचिव ने बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी पवन पाठक को उनके पद से हटा दिया था. तभी से वकीलों के दो धड़े हो गए हैं, एक धड़ा तोमर का समर्थन कर रहा है तो दूसरा धड़ा पवन पाठक का समर्थन कर रहा है. पाठक ने 27 नवंबर को एक बार फिर साधारण सभा की बैठक में खुद को सचिव घोषित किया और विजेंद्र तोमर द्वारा चार सितंबर की कार्रवाई को अवैधानिक करार दिया. इसे लेकर दोनों पक्षों के वकील आमने सामने आ गए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. आनन-फानन में पुलिस भी वहां पहुंच गई.
वकीलों का एक पक्ष दूसरे के खिलाफ शिकायत करने के लिए जैसे ही इंदरगंज थाने पहुंचे तभी विजेंद्र तोमर सहित उनके समर्थकों ने पवन पाठक के मुंशी विकास मुद्गल के साथ थाने के सामने जमकर मारपीट कर दी जिससे उनके चेहरा जख्मी हो गया और खून निकल आया.
खास बात यह है कि पवन पाठक अपने कोर्ट मुंशी मुद्गल के साथ हुई पुलिस के सामने मारपीट को लेकर मुकदमा दर्ज कराना चाह रहे थे, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया. पुलिस ने उन्हें जांच का आश्वासन फिलहाल दिया है, इस दौरान कांग्रेस नेता वीरसिंह तोमर भी विजेंद्र तोमर के समर्थन में पहुंचे उनसे पवन पाठक की बहस हो गई और पाठक ने उन्हें इस मामले से दूर रहने की सलाह दी.