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हाई कोर्ट के बुजुर्ग वकील ने किया देहदान, मेडिकल कॉलेज पहुंचकर कागजी कार्रवाई की पूरी

सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट बैंच के एक बुजुर्ग वकील ने जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अपने देहदान की कागजी कार्रवाई पूरी की. जिसके बाद उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया.

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बुजुर्ग वकील ने किया अपने शरीर का देहदान
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Published : Feb 10, 2020, 6:15 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 6:23 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के एक बुजुर्ग वकील ने छात्रों की भलाई के लिए खुद के देहदान करने का निर्णय लिया हैं , खुद के देहदान के लिए सोमवार को बुजुर्ग वकील जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचा और मेडिकल कॉलेज प्रबंधक के सामने उसने अपने देहदान की कागजी कार्रवाई पूरी की. इसके बाद इस बुजुर्ग वकील का सभी साथियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया.

बुजुर्ग वकील ने किया अपने शरीर का देहदान


देहदान करने के पीछे इस बुजुर्ग वकील का मकसद है कि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बॉडी की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही अच्छी तरीके से बॉडी के अंदर को समझने में दिक्कत आती है.


बता दें कि ग्वालियर हाईकोर्ट में 70 साल की बालकृष्ण योगी ने अपना देह दान करने के लिए सोमवार को जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर देहदान की कार्रवाई पूरी की. इस दौरान साथ ही वकीलों ने उनका स्वागत सत्कार किया.


वहीं बुजुर्ग वकील का कहना है कि मरने के बाद इस शरीर का कोई महत्व नहीं है और ना ही किसी के काम आता है, इसलिए उन्होंने छात्रों के लिए अपने शरीर का दान करने का प्लान किया है. ताकि मरने के बाद भी उनका शरीर छात्रों के भविष्य के लिए काम आए.


वहीं विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि प्रैक्टिकल के लिए आवश्यक बॉडी की कमी को पूरा करने के लिए, गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रशासन के साथ मिलकर समय-समय पर लोगों के बीच जागरूकता का काम करता है.


मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वकील बालकृष्ण की इस कदम की सराहना करते हुए अन्य लोगों से भी देह दान करने की अपील की है. वही वकील बालकृष्ण की इस पहल की छात्रा ने तारीफ की है, छात्रों ने बताया कि विद्यालय में डेड बॉडी की कमी है, इसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के एक बुजुर्ग वकील ने छात्रों की भलाई के लिए खुद के देहदान करने का निर्णय लिया हैं , खुद के देहदान के लिए सोमवार को बुजुर्ग वकील जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचा और मेडिकल कॉलेज प्रबंधक के सामने उसने अपने देहदान की कागजी कार्रवाई पूरी की. इसके बाद इस बुजुर्ग वकील का सभी साथियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया.

बुजुर्ग वकील ने किया अपने शरीर का देहदान


देहदान करने के पीछे इस बुजुर्ग वकील का मकसद है कि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बॉडी की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही अच्छी तरीके से बॉडी के अंदर को समझने में दिक्कत आती है.


बता दें कि ग्वालियर हाईकोर्ट में 70 साल की बालकृष्ण योगी ने अपना देह दान करने के लिए सोमवार को जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर देहदान की कार्रवाई पूरी की. इस दौरान साथ ही वकीलों ने उनका स्वागत सत्कार किया.


वहीं बुजुर्ग वकील का कहना है कि मरने के बाद इस शरीर का कोई महत्व नहीं है और ना ही किसी के काम आता है, इसलिए उन्होंने छात्रों के लिए अपने शरीर का दान करने का प्लान किया है. ताकि मरने के बाद भी उनका शरीर छात्रों के भविष्य के लिए काम आए.


वहीं विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि प्रैक्टिकल के लिए आवश्यक बॉडी की कमी को पूरा करने के लिए, गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रशासन के साथ मिलकर समय-समय पर लोगों के बीच जागरूकता का काम करता है.


मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वकील बालकृष्ण की इस कदम की सराहना करते हुए अन्य लोगों से भी देह दान करने की अपील की है. वही वकील बालकृष्ण की इस पहल की छात्रा ने तारीफ की है, छात्रों ने बताया कि विद्यालय में डेड बॉडी की कमी है, इसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:ग्वालियर हाईकोर्ट की एक बुजुर्ग वकील ने छात्रों की भलाई के लिए खुद का पदेहदान करने का निर्णय लिया। खुद के देहदान के लिए आज बुजुर्ग वकील जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचा और मेडिकल कॉलेज प्रबंधक के सामने उसने अपने देहदान की कागजी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद इस बुजुर्ग वकील का सभी साथियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। देहदान करने के पीछे इस बुजुर्ग वकील का मकसद है कि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बॉडी की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और अच्छी तरीके से बॉडी के अंदर को समझने में दिक्कत आती है।


Body:बता दे ग्वालियर हाईकोर्ट में 70 साल की बालकृष्ण योगी ने अपना देह दान करने के लिए आज जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर देहदान की कार्रवाई पूरी की। इस दौरान साथ ही वकीलों ने उनका स्वागत सत्कार किया। देहदान करने के पीछे वकील का मकसद है कि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाली छात्र-छात्राओं को अक्सर पूरी की कमी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ता है। बॉडी की कमी के चलते छात्र महत्वपूर्ण पार्ट्स को नहीं समझ पाते हैं। नहीं समाज में एक अच्छी डॉक्टर बन पाते हैं बुजुर्ग वकील का कहना है कि मरने के बाद इस शरीर का कोई महत्व नहीं है और ना ही किसी के काम आता है इसलिए उन्होंने छात्रों के लिए अपने शरीर का दान करने का प्लान किया है ताकि वह मरने के बाद भी उनका शरीर छात्रों के भविष्य के लिए काम आए।


Conclusion:विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि प्रैक्टिकल के लिए आवश्यक बॉडी की कमी को पूरा करने के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रशासन के साथ मिलकर समय-समय पर लोगों के बीच जागरूकता का काम करता है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वकील बालकृष्ण की इस कदम की सराहना करते हुए अन्य लोगों से भी देह दान करने की अपील की है। वही वकील बालकृष्ण की इस पहल की छात्रा ने तारीफ की है छात्रों के बताने विद्यालय में डेड बॉडी की कमी है इसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर वकील बालकृष्ण जैसे लोग दिल दान करें। तो निश्चित ही उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा और मेडिकल की पढ़ाई कर जनता की सेवा करने का बेहतर मौका मिलेगा।

बाइट - राजेंद्र ,डॉक्टर

बाइट - मोनिका , मेडिकल कॉलेज छात्रा
Last Updated : Feb 10, 2020, 6:23 PM IST
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