ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के एक बुजुर्ग वकील ने छात्रों की भलाई के लिए खुद के देहदान करने का निर्णय लिया हैं , खुद के देहदान के लिए सोमवार को बुजुर्ग वकील जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचा और मेडिकल कॉलेज प्रबंधक के सामने उसने अपने देहदान की कागजी कार्रवाई पूरी की. इसके बाद इस बुजुर्ग वकील का सभी साथियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया.
देहदान करने के पीछे इस बुजुर्ग वकील का मकसद है कि जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बॉडी की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही अच्छी तरीके से बॉडी के अंदर को समझने में दिक्कत आती है.
बता दें कि ग्वालियर हाईकोर्ट में 70 साल की बालकृष्ण योगी ने अपना देह दान करने के लिए सोमवार को जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर देहदान की कार्रवाई पूरी की. इस दौरान साथ ही वकीलों ने उनका स्वागत सत्कार किया.
वहीं बुजुर्ग वकील का कहना है कि मरने के बाद इस शरीर का कोई महत्व नहीं है और ना ही किसी के काम आता है, इसलिए उन्होंने छात्रों के लिए अपने शरीर का दान करने का प्लान किया है. ताकि मरने के बाद भी उनका शरीर छात्रों के भविष्य के लिए काम आए.
वहीं विभाग के प्रोफेसर का कहना है कि प्रैक्टिकल के लिए आवश्यक बॉडी की कमी को पूरा करने के लिए, गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रशासन के साथ मिलकर समय-समय पर लोगों के बीच जागरूकता का काम करता है.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वकील बालकृष्ण की इस कदम की सराहना करते हुए अन्य लोगों से भी देह दान करने की अपील की है. वही वकील बालकृष्ण की इस पहल की छात्रा ने तारीफ की है, छात्रों ने बताया कि विद्यालय में डेड बॉडी की कमी है, इसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.