ग्वालियर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अभी हालात सामान्य हो ही रहे थे कि नए डेल्टा वेरिएंट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ग्वालियर में 36 मरीजों में डेल्टा वेरिएंट और 9 मरीजों में यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन सभी 45 मरीजों के परिजनों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच का फैसला किया. प्रारंभिक तौर पर 45 में से सिर्फ 7 मरीजों के 25 परिजनों ने सैंपल दिए थे. इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है.
NCDC की रिपोर्ट में डेल्टा-यूके वेरिएंट की पुष्टि
ग्वालियर में कुछ लोगों की सैंपल रिपोर्ट नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली भेजी गई थी. रिपोर्ट के आधार पर इन लोगों में डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग अब इन सभी मरीजों के संपर्क में आए लोगों के सैंपल ले रही है. उन मरीजों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनमें डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है.
स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट
जिले में डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि होने के साथ ही स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है. स्वास्थ्य विभाग उन मरीजों पर निगरानी रख रहा है, जिनमें इन वेरिएंट की पुष्टि हुई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि लगातार लोगों की सैंपलिंग की जा रही है, अगर किसी भी मरीज में ऐसे कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उनकी जांच रिपोर्ट एनसीडीसी दिल्ली भेजी जा रखी है.
सैंपलिंग का लोगों ने किया विरोध
जिले में जिन मरीजों में डेल्टा और यूके वेरिएंट की पुष्टि हुई है, उनके परिजनों और संपर्क में आए लोगों के सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस दौरान लोगों ने सैंपलिंग का विरोध किया. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा ने बताया कि सैंपल लेते वक्त कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, इसलिए जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है.
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डेल्टा और डेल्टा प्लस क्या है, और इसमें आखिर अंतर क्या है?
कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (B.617.2) भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में चिंता बढ़ा ही रहा था कि, तब तक यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया. डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है. K417N दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राजील में पाए गए गामा वैरिएंट में पाया गया है. बहरहाल, डॉक्टर जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही डेल्टा प्लस वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच की बात कहते हैं.
डेल्टा वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
डेल्टा प्लस काफी संक्रामक है और फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने में सक्षम है. इसकी वजह से फेफड़े को जल्द नुकसान पहुंचने की संभावना होती है. साथ ही यह मोनोक्लोनल एंडीबॉडी कॉकटेल को भी मात देने में सक्षम है. जिन लोगों को डेल्टा वेरिएंट ने अपनी चपेट में लिया है, उन्हें तेज खांसी (Bad Cold) और अलग ही तरह का फनी ऑफ फीलिंग जैसा अहसास हो रहा है. उनका कोल्ड सिम्टम्स पिछले वायरस से काफी अलग पाया जा रहा है. अध्ययन के अनुसार, सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना डेल्टा वेरिएंट से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं.