ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले ग्वालियर चंबल अंचल में एक बार फिर 2 अप्रैल की हिंसा के मामले में दर्ज मामलों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर पहुंचे थे. उन्होंने सामाजिक समरसता को लेकर कई समाजिक संगठनों के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान सामाजिक संगठनों ने 2 अप्रैल को जो केस हुआ था उसे वापस लिए जाने की मांग की थी. इस पर सीएम शिवराज ने जांच के बाद मामला वापस लेने का आश्वासन संगठन के लोगों को दिया था. अब इसी को लेकर राजनीति फिर से गर्म हो गई है. (MP Vote Bank Politics)
बीजेपी पर बरैया का निशाना: कांग्रेस के दलित नेता फूल सिंह बरैया ने बीजेपी (BJP) के नेताओं से सवाल किया है. उन्होंने पूछा है कि, आखिरकार आप कौन से केस वापस ले रहे हैं. यदि आप हिंसा में मारे गए 6 लोगों के आरोपियों का केस वापस ले रहे हैं, तो यह लोग कौन थे, पुलिस के थे या भाजपा के? यदि आप दलितों पर लगे केस वापस ले रहे हैं तो यह स्पष्ट कर दें कि, क्या उस समय झूठा केस दर्ज किया गया था? उन्होंने कहा कि, चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी को एससी एसटी (sc/st act) वर्ग की याद आ रही है. राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह का बयान देना उचित नहीं है. (Gwalior Congress alleges mp government afraid SC ST votes)
MP Panchayat Election: मध्य प्रदेश में नगरीय और पंचायत है विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट
बरैया के आरोपों पर जवाब: कांग्रेस और दलित नेता फूल सिंह बरैया के आरोपों पर जवाब देते हुए अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने कहा कि, यदि मुख्यमंत्री ने केस वापस लेने की बात कही है तो निश्चित तौर पर सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. रही बात फूल सिंह बरैया की तो उनकी अपनी कोई आईडियोलॉजी नहीं है. कभी वह बीएसपी (BSP) की बात करते हैं. कभी अपने दल की बात करते हैं. कभी भाजपा की तारीफ करते हैं. वर्तमान में कांग्रेस की तरफदारी कर रहे हैं. जबकि, आने वाले समय में भरोसा नहीं है कि कांग्रेस में रहेंगे या नहीं. (MP Panchayat Election)
यह है मामला: दरअसल,एससी एसटी एक्ट (SC ST Act) को लेकर 2 अप्रैल को ग्वालियर चंबल संभाग में दो वर्गों में हिंसा हुई थी. हिंसा के दौरान 6 लोगों की मौत हुई थी. कई लोग घायल भी हुए थे. इसमें भिंड, मुरैना, ग्वालियर में कई लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है.