ग्वालियर । उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट का कहना है कि चूंकि गर्भ धारण किए 26 सप्ताह हो चुके हैं, इसलिए अबॉर्शन कराना जोखिम भरा साबित हो सकता है. इससे पहले हाईकोर्ट ने डाक्टरों के एक पैनल से महिला के स्वास्थ्य को लेकर रिपोर्ट तलब की थी. जिसमें चिकित्सकों ने 24 सप्ताह के गर्भ तक एबॉर्शन किए जाने के प्रावधान के बारे में न्यायालय को बताया था.
कोर्ट ने नहीं दी गर्भपात की अनुमति
चार शहर का नाका क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता की शादी 6 साल पहले दतिया के युवक से हुई थी. लेकिन पति पत्नी में अनबन होने के कारण महिला ग्वालियर आकर रहने लगी. यहां नगर निगम में सफाई कर्मी के रूप में तैनात संजय कटारे ने खुद को अविवाहित बताकर महिला से संबंध बढ़ाए और उसने लंबे अरसे तक महिला का शारीरिक शोषण किया. इस दौरान उसने महिला को जल्द ही शादी करने का झांसा दिया था.
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दुष्कर्म के बाद महिला हुई गर्भवती
बाद में महिला को पता लगा कि संजय पहले से ही शादीशुदा है. बदनामी के डर से महिला ने न्यायालय से गर्भपात की अनुमति चाही थी, लेकिन चिकित्सीय परीक्षण और अबॉर्शन नियम विरुद्ध होने के कारण कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी. महिला के अधिवक्ता अशोक जैन के मुताबिक इस मामले में ग्वालियर थाने में संजय कटारे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज है .इन दिनों वह जेल में है. महिला नगर निगम के सफाई कर्मी द्वारा किए गए दुष्कर्म के बाद पसोपेश में फंस गई है. अब उसके पास बच्चे को जन्म देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.