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राजनीतिक पंडालों से जनता की जान जोखिम में, आखिर कोरोना से क्यों नहीं डर रहे हैं नेता - ग्वालियर में उपचुनाव

ग्वालियर राजनीतिक कार्यक्रमों में जुट रही भीड़ कोरोना का फैलने का एक बड़ा कारण मानी जा रही है. ग्वालियर में हर दिन 200 से 300 कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. जबकि प्रशासन कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है. ऐसे में अगर इन कार्यक्रमों की उचित व्यवस्था नहीं की गई तो ग्वालियर में कोरोना की स्थिति भयानक हो सकती है.

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कोरोना का डर नहीं
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Published : Sep 8, 2020, 6:19 PM IST

ग्वालियर। इस समय ग्वालियर जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है, हालात यह है कि हर दिन जिले में 200 अधिक मरीज कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. वही जिले में मौतों का आंकड़ा भी कम नहीं हैं. हर दिन चार से पांच कोविड मरीजों की मौत हो रही है. इस संक्रमण का फेलने का एक बड़ा कारण राजनीतिक पंडाल भी माने जा रहे हैं. क्योंकि इस समय ग्वालियर जिले में आगामी उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस लगातार रैलियों, सभाओं का आयोजन कर रही है, इन सभाओं में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो रहे हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा.

राजनीतिक पंडालों से बढ़ रहा कोरोना

बीजेपी-कांग्रेस की सभाओं में जमकर उमड़ी भीड़

उपचुनाव के मद्देनजर ग्वालियर में बीजेपी ने 22 अगस्त से तीन दिन तक सदस्यता अभियान चलाया. सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता इक्कठे हुए. बीजेपी ने दावा किया 75 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली है. तीन दिनों तक ग्वालियर में जमकर भीड़ जुटी. जहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी नहीं कई लोग तो मास्क लगाए तक नजर नहीं आए. पंडालों में लोग एक दूसरे से सटकर बैठे रहे हैं. बीजेपी के विरोध में कांग्रेस भी जमकर प्रदर्शन किया. हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते रहे. जबकि कांग्रेस के नेताओं ने जब-जब कोई कार्यक्रम किया. तो जमकर भीड़ जुटी. ऐसे में कोरोना के संक्रमण से फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता.

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बीजेपी की सभाओं में भी जुट रही भीड़

ग्वालियर में तेजी से बढ़ रहे है कोरोना मरीज

ग्वालियर में राजनीतिक पंडालों में जुटी भीड़ के बाद कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. शहर में हर दिन 200 से 300 मरीज सामने आ रहे हैं. जबकि पांच लोगों की कोरोना से मौत भी हो चुकी है. बावजूद इसके प्रशासन लगातार दोनों राजनीतिक पार्टियों के आयोजनों पर कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है. राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन है. अपर कलेक्टर किशोर कन्याल का कहना है कि यह बात सही है कि राजनीतिक कार्यक्रमों से शहर में कोरोना वायरस से फैला है लेकिन आगामी समय में जो भी कार्यक्रम होंगे वह लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए जाएंगे.

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कांग्रेस की सभाओं में भी जुट रही भीड़

राजनीतिक कार्यक्रमों में मानों ऐसा लगा रहा है कि ग्वालियर जिले में कोराना पूरी तरह से खत्म हो चुका है. बीजेपी के विरोध में कांग्रेस ने भी जमकर प्रदर्शन किया, रैलियां निकाली, धरने दिए, जहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी. लिहाजा अब दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. नेता भले ही एक दूसरे पर आरोप लगाए, लेकिन एक बात तो साफ है कि इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के चक्कर में शहर की जनता मौत के मुंह में समा रही है. जिस तरह से ग्वालियर में कोरोना बढ़ रहा है अगर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो स्थिति संभालनी मुश्किल हो जाएगी. क्योंकि ग्वालियर में अब हर दिन कोई न कोई रैली, संभा और कार्यक्रम हो रहे हैं. लिहाजा कोरोनाकाल में उपचुनाव के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले.

ग्वालियर। इस समय ग्वालियर जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है, हालात यह है कि हर दिन जिले में 200 अधिक मरीज कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. वही जिले में मौतों का आंकड़ा भी कम नहीं हैं. हर दिन चार से पांच कोविड मरीजों की मौत हो रही है. इस संक्रमण का फेलने का एक बड़ा कारण राजनीतिक पंडाल भी माने जा रहे हैं. क्योंकि इस समय ग्वालियर जिले में आगामी उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस लगातार रैलियों, सभाओं का आयोजन कर रही है, इन सभाओं में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो रहे हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा.

राजनीतिक पंडालों से बढ़ रहा कोरोना

बीजेपी-कांग्रेस की सभाओं में जमकर उमड़ी भीड़

उपचुनाव के मद्देनजर ग्वालियर में बीजेपी ने 22 अगस्त से तीन दिन तक सदस्यता अभियान चलाया. सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता इक्कठे हुए. बीजेपी ने दावा किया 75 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली है. तीन दिनों तक ग्वालियर में जमकर भीड़ जुटी. जहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी नहीं कई लोग तो मास्क लगाए तक नजर नहीं आए. पंडालों में लोग एक दूसरे से सटकर बैठे रहे हैं. बीजेपी के विरोध में कांग्रेस भी जमकर प्रदर्शन किया. हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते रहे. जबकि कांग्रेस के नेताओं ने जब-जब कोई कार्यक्रम किया. तो जमकर भीड़ जुटी. ऐसे में कोरोना के संक्रमण से फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता.

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बीजेपी की सभाओं में भी जुट रही भीड़

ग्वालियर में तेजी से बढ़ रहे है कोरोना मरीज

ग्वालियर में राजनीतिक पंडालों में जुटी भीड़ के बाद कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. शहर में हर दिन 200 से 300 मरीज सामने आ रहे हैं. जबकि पांच लोगों की कोरोना से मौत भी हो चुकी है. बावजूद इसके प्रशासन लगातार दोनों राजनीतिक पार्टियों के आयोजनों पर कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है. राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन है. अपर कलेक्टर किशोर कन्याल का कहना है कि यह बात सही है कि राजनीतिक कार्यक्रमों से शहर में कोरोना वायरस से फैला है लेकिन आगामी समय में जो भी कार्यक्रम होंगे वह लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए जाएंगे.

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कांग्रेस की सभाओं में भी जुट रही भीड़

राजनीतिक कार्यक्रमों में मानों ऐसा लगा रहा है कि ग्वालियर जिले में कोराना पूरी तरह से खत्म हो चुका है. बीजेपी के विरोध में कांग्रेस ने भी जमकर प्रदर्शन किया, रैलियां निकाली, धरने दिए, जहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी. लिहाजा अब दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. नेता भले ही एक दूसरे पर आरोप लगाए, लेकिन एक बात तो साफ है कि इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के चक्कर में शहर की जनता मौत के मुंह में समा रही है. जिस तरह से ग्वालियर में कोरोना बढ़ रहा है अगर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो स्थिति संभालनी मुश्किल हो जाएगी. क्योंकि ग्वालियर में अब हर दिन कोई न कोई रैली, संभा और कार्यक्रम हो रहे हैं. लिहाजा कोरोनाकाल में उपचुनाव के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले.

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