ग्वालियर। चंबल अंचल में पिछले कुछ सालों से बदलाव की हवा चल रही है, यही कारण है कि जिस आधी आबादी को कभी चार दिवारी में रखा जाता था, आज वह अपने हुनर से न केवल अपने लिए नया मुकाम बना रही है बल्कि अपने अंचल का नाम भी देश-विदेश में भी रोशन कर रही है. आखिर कैसे हुआ चंबल में यह बदलाव देखिए महिला दिवस पर इस खास रिपोर्ट में.
देश-विदेश के ब्यूटी टाइटल चंबल के नाम
जिस ग्वालियर चंबल अंचल में कभी बागियों की बंदूके चलती थी और आधी आबादी पर तमाम तरह की पाबंदियां थी, लेकिन समय बदला और अब इस अंचल की लड़कियों की खुले आसमान में उड़ान भर रहीं हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहर की एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक लड़कियां देश-विदेश में आयोजित होने वाली विभिन्न ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेकर कई टाइटल अपने नाम कर चुकी है.
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छोटे शहरों की लड़कियों को भी सपने देखने का अधिकार
इतना ही नहीं, इसमें से कई लड़कियों देश के नामी ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर रही है और मॉडलिंग के दुनिया में अपना कैरियर बना रही हैं. लड़कियों का कहना है कि, छोटे शहरों की लड़कियों को भी सपने देखने और उन्हें साकार करने का अधिकार है, बशर्ते परिवार और समाज से उन्हें प्रोत्साहन मिलता रहे. धीरे-धीरे समाज की सोच बदली और हम लोग आज इस मुकाम पर हैं. लड़कियों ने कहा कि, उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में ग्वालियर चंबल संभाग की छोटी इलाके से भी लड़कियां आगे आएंगी और मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाएंगीं
चंबल की लड़कियों में हुनर और जज्बा
युवा मॉडल अनुषा का कहना है कि, कई लोग ऐसा सोचते हैं कि मॉडलिंग में करियर नहीं है, वह गलत सोचते हैं. चंबल की लड़कियों में बहुत हुनर और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है लेकिन जरूरत है उसे मौका देने की.
ग्वालियर की पहली मॉडल की कहानी
ग्वालियर चंबल संभाग की पहली मॉडल मीनाक्षी माथुर का कहना है कि, उन्होंने साल 1992 में मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा था. इनका कहना है कि, उनके सफल मॉडल होने के पीछे उनकी मां का सबसे अधिक योगदान है क्योंकि उनकी मां ने उनकी इच्छाओं को भरपूर सहयोग दिया है. साल 1992 से शुरू हुआ मीनाक्षी का सफर अभी तक तेज गति से चल रहा है. इस दौरान उन्होंने मिस इंडिया एशिया पेसिफिक और मिसेस यूनिवर्स फेमस जैसे कई प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किए.
ग्वालियर बना फेमिना मिस इंडिया का टैलेंट पार्टनर
मिनाक्षी बतातीं हैं कि, इसके बाद उन्होंने सोचा क्यों ना ग्वालियर चंबल संभाग की लड़कियों को आगे आने का एक प्लेटफार्म दिया जाए. जिसके बाद उन्होंने ग्वालियर चंबल संभाग की लड़कियों की ट्रेनिंग शुरू कर दी और आज पिछले 3 साल में ही दो दर्जन से अधिक लड़कियां देश-विदेश में अपनी सुंदरता का परचम लहरा कर ग्वालियर चम्बल का नाम रोशन कर रही है. यही कारण है कि फेमिना मिस इंडिया ने इस बार ग्वालियर में भी अपना टैलेंट पार्टनर बनाया है.
मीनाक्षी की सरकार से गुजारिश
मीनाक्षी माथुर ने सरकार से गुजारिश की है कि, जिस तरह सरकार विभिन्न खेलों संस्कृति और कला के क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले युवाओं को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है, वैसे ही मॉडलिंग की दुनिया में अपना नाम रोशन करने के लिए बेताब इन लड़कियों की ग्रूमिंग ट्रेनिंग और अन्य प्रकार की खर्चे के लिए सरकार को मदद के लिए आगे आना चाहिए. जिस तरीके से कोई क्रिकेटर या कलाकार जब बेहतर प्रदर्शन करके देश लौटता है तो देश गौरवान्वित होता है, वैसे ही जब कोई मॉडल प्रतिष्ठित कॉम्पटीशन जीत कर आती है तब विदेश गौरवान्वित होता है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी इस गुजारिश पर जरूर अमल करेगी जिससे अंचल में पैसे के आभाव में जो प्रतिभा दम तोड़ रही हैं, उनके सपनों को भी नए पंख लग पाएंगे.
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इन्होंने लहराया परचम
हाल ही में जिन लड़कियों ने ग्वालियर को गौरवान्वित होने का मौका दिया है उसमें ये पांच लड़कियां शामिल हैं.
- तान्या मित्तल - मिस इंडिया
- अवनीत जुनेजा - मिस ग्लोब में टॉप सिक्स में ही
- पारवी धोलाखंडी - मिस फेस ऑफ ब्यूटी इंटरनेशनल
- शिविका सिंह - सुपर मॉडल वर्ल्ड वाइड
- अपूर्व शर्मा - मिस कॉस्मो पॉलेटेन वर्ल्ड नेशनल प्रमुख है