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मेला बंद करने के आदेश के बाद दुकानदारों में आक्रोश

ग्वालियर प्रशासन ने 28 मार्च तक मेला पूरी तरह से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. लेकिन आदेश के बाद दुकानदार संगठन काफी नाराज है. उनका कहना है कि कलेक्टर के इस फरमान से देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान होने जा रहा है.

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Published : Mar 25, 2021, 10:45 PM IST

Outrage among shopkeepers after the district administration ordered the closure of the fair
जिला प्रशासन द्वारा मेला बंद करने के आदेश के बाद दुकानदारों में आक्रोश

ग्वालियर। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने 28 मार्च तक मेला पूरी तरह से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. अब इस आदेश के बाद दुकानदार संगठन काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि कलेक्टर के इस फरमान से देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान होने जा रहा है. जिसको लेकर दुकानदार संघ ने आपात बैठक बुलाई. उन्होंने फैसला लिया है कि कुछ भी हो जाए वह समय से पहले दुकान है नहीं हटाएंगे.

मेला बंद करने के आदेश के बाद दुकानदारों में आक्रोश
  • व्यापारियों दुकानदार संघ ने बुलाई आपात बैठक

मेला बंद होने के आदेश के बाद व्यापारियों और दुकानदारों ने आपात बैठक बुलाई. एक बैठक में मेले के सभी दुकानदार शामिल हुए. बैठक में सभी दुकानदारों ने जिला प्रशासन के इस तुगलकी आदेश की आलोचना की और उन्होंने कहा कि मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि मेला बीच में ही बंद करना पड़ रहा है. अगर मेले को शुरू करना नहीं था तो फिर सरकार ने यह मेला क्यों शुरू किया और दुकानदारों को क्यों बुलाया.

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  • किराए के नाम पर पैसे वसूलने का लगाया आरोप

दुकानदारों ने मेला कमेटी पर आरोप लगाया है के मेला कमेटी की तरफ से सभी दुकानदारों से किराए के नाम पर 10 हजार से 20 हजार रुपये वसूले गए हैं. यही वजह है कि इन सभी दुकानदारों को हजारों रुपए का घाटा हुआ है. इसकी भरपाई कौन करेगा. दुकानदारों का कहना है कि अगर मेला बीच में ही बंद किया जा रहा है. तो मेला प्रबंधन सभी दुकानदारों का किराया वापस करें. जो उन्होंने दुकान लगाने के नाम पर लिया है.

ग्वालियर। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने 28 मार्च तक मेला पूरी तरह से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. अब इस आदेश के बाद दुकानदार संगठन काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि कलेक्टर के इस फरमान से देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान होने जा रहा है. जिसको लेकर दुकानदार संघ ने आपात बैठक बुलाई. उन्होंने फैसला लिया है कि कुछ भी हो जाए वह समय से पहले दुकान है नहीं हटाएंगे.

मेला बंद करने के आदेश के बाद दुकानदारों में आक्रोश
  • व्यापारियों दुकानदार संघ ने बुलाई आपात बैठक

मेला बंद होने के आदेश के बाद व्यापारियों और दुकानदारों ने आपात बैठक बुलाई. एक बैठक में मेले के सभी दुकानदार शामिल हुए. बैठक में सभी दुकानदारों ने जिला प्रशासन के इस तुगलकी आदेश की आलोचना की और उन्होंने कहा कि मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि मेला बीच में ही बंद करना पड़ रहा है. अगर मेले को शुरू करना नहीं था तो फिर सरकार ने यह मेला क्यों शुरू किया और दुकानदारों को क्यों बुलाया.

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  • किराए के नाम पर पैसे वसूलने का लगाया आरोप

दुकानदारों ने मेला कमेटी पर आरोप लगाया है के मेला कमेटी की तरफ से सभी दुकानदारों से किराए के नाम पर 10 हजार से 20 हजार रुपये वसूले गए हैं. यही वजह है कि इन सभी दुकानदारों को हजारों रुपए का घाटा हुआ है. इसकी भरपाई कौन करेगा. दुकानदारों का कहना है कि अगर मेला बीच में ही बंद किया जा रहा है. तो मेला प्रबंधन सभी दुकानदारों का किराया वापस करें. जो उन्होंने दुकान लगाने के नाम पर लिया है.

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