ग्वालियर। शहर में आयोजित आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में कई अहम मसलों पर विचार मंथन हुआ. जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी करीब 24 घंटे मौजूद रहे. बैठक के तीसरे दिन आरएसएस ने बताया कि अमित शाह ने राजनीतिक दल होने के नाते समर्थन मांगा है क्योंकि चुनाव में आरएसएस की एक निश्चित भूमिका रहती है.
दरअसल, स्वयं सेवक 100 प्रतिशत मतदान करने के लिए लोगों को जागरुक करते हैं. साथ ही जो सरकारें देश हित में काम करती हैं, उनके लिए भी स्वयं सेवक काम करते हैं. संघ ने पुलवामा की घटना के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में की गयी एयर स्ट्राइक की सराहना की है. इस दौरान आरएसएस के सह कार्यवाहक भैया जी जोशी ने कहा कि भारतीय सरकार ने सेना के जरिए जो विरोधी देश में पराक्रम दिखाया है, वह साहसिक कदम है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर शक्तिशाली देश विरोधियों को इसी भाषा में जवाब देते हैं.
उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि राम मंदिर पर आरएसएस का रुख साफ है, राम मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही बने. इसके लिए आरएसएस दृढ़ संकल्पित है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले पर समिति की कोई बात नहीं होगी. संघ ने सबरीमाला मंदिर सहित अन्य हिन्दू आस्था के विषयों पर कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि समाज जीवन संविधान के आधार पर चलता है, लेकिन परंपरा और आस्था भी समाज में कायम रहे, इसके लिए संवेदनशील निर्णय से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए.