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लॉकडाउन के अनलॉक होते ही तेजी बढ़ रहा प्रदूषण, जहरीली हो रही ग्वालियर-चंबल की हवा - ग्वालियर में जहरीली हुई हवा

लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे देश अनलॉक हो रहा है. वैसे ही वायु प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ने लगी है. फैक्ट्रियां और कारखाने खुलते ही हवा में फिर से जहर घुलने लगा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के चलते ग्वालियर की हवा भी तेजी से जहरीली हो रही है.

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ग्वालियर न्यूज
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Published : Jun 4, 2020, 1:16 PM IST

ग्वालियर। कोरोना के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा सुधार प्रकृति में आया था. फैक्ट्रियां और कारखाने बंद होने से प्रदूषण काफी कम हुआ था. फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं कम होने से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गयी थी. लेकिन अब फैक्ट्रियां और कारखाने फिर से खुलने की वजह से प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगा है.

लॉकडाउन खुलते ही फिर बढ़ने लगा प्रदूषण

जैसे-जैसे लॉकडाउन अनलॉक हो रहा है, वैसे-वैसे हवा में जहर घुलना फिर से शुरु हो गया है. ग्वालियर में भी फैक्ट्रियां शुरू होने से वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे जाकर और भी खतरनाक होने के आसार हैं. ग्वालियर में सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां और कारखाने होने की वजह से यहां की हवा जल्दी प्रदूषित होती है.

पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर डॉ एचएस शर्मा ने कहा कि, लॉकडाउन के अनलॉक होते ही शहर में वाहनों का आवागमन तेजी से बढ़ा है. जबकि फैक्ट्रियां और कारखाने भी पहले की तरह ही सुचारू रूप से शुरु हो रहे हैं. इससे कुछ दिनों में ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि, कोरोना के वक्त में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जितना हो सके बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर न निकले. जबकि बाहर निकलने पर मॉस्क जरुर लगाए.

लॉकडाउन के अंतराल में वायु प्रदूषण की स्थिति

22 मार्च

PM10 - 69.76

PM2.5 - 31.48

22 अप्रैल

PM10 - 71.40

PM2.5 - 28.76

22 मई

PM10 - 131.76

PM2.5 - 33.71

28 मई

PM10 - 160.76

PM2.5 - 30.08

ग्वालियर वायु प्रदूषण के मामले में मध्य प्रदेश में दूसरे पायदान पर रहता है. इस अंचल में 100 से ज्यादा फैक्ट्रियां है. जिनसे वायु प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ती रहती है. ट्रैफिक दबाव होने के चलते भी शहर में वायु प्रदूषण जमकर होता है. लॉकडाउन में ग्वालियर शहर का वायु प्रदूषण सामान्य हो चुका था. लोगों को शुद्ध हवा मिलने लगी थी. लेकिन अब हालात फिर से बदलने लगे हैं.

ग्वालियर। कोरोना के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा सुधार प्रकृति में आया था. फैक्ट्रियां और कारखाने बंद होने से प्रदूषण काफी कम हुआ था. फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं कम होने से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गयी थी. लेकिन अब फैक्ट्रियां और कारखाने फिर से खुलने की वजह से प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगा है.

लॉकडाउन खुलते ही फिर बढ़ने लगा प्रदूषण

जैसे-जैसे लॉकडाउन अनलॉक हो रहा है, वैसे-वैसे हवा में जहर घुलना फिर से शुरु हो गया है. ग्वालियर में भी फैक्ट्रियां शुरू होने से वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे जाकर और भी खतरनाक होने के आसार हैं. ग्वालियर में सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां और कारखाने होने की वजह से यहां की हवा जल्दी प्रदूषित होती है.

पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर डॉ एचएस शर्मा ने कहा कि, लॉकडाउन के अनलॉक होते ही शहर में वाहनों का आवागमन तेजी से बढ़ा है. जबकि फैक्ट्रियां और कारखाने भी पहले की तरह ही सुचारू रूप से शुरु हो रहे हैं. इससे कुछ दिनों में ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि, कोरोना के वक्त में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जितना हो सके बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर न निकले. जबकि बाहर निकलने पर मॉस्क जरुर लगाए.

लॉकडाउन के अंतराल में वायु प्रदूषण की स्थिति

22 मार्च

PM10 - 69.76

PM2.5 - 31.48

22 अप्रैल

PM10 - 71.40

PM2.5 - 28.76

22 मई

PM10 - 131.76

PM2.5 - 33.71

28 मई

PM10 - 160.76

PM2.5 - 30.08

ग्वालियर वायु प्रदूषण के मामले में मध्य प्रदेश में दूसरे पायदान पर रहता है. इस अंचल में 100 से ज्यादा फैक्ट्रियां है. जिनसे वायु प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ती रहती है. ट्रैफिक दबाव होने के चलते भी शहर में वायु प्रदूषण जमकर होता है. लॉकडाउन में ग्वालियर शहर का वायु प्रदूषण सामान्य हो चुका था. लोगों को शुद्ध हवा मिलने लगी थी. लेकिन अब हालात फिर से बदलने लगे हैं.

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