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अब्दुल ब्रदर्स गजलों से दे रहे लोगों को घरों में रहने का संदेश - Abdul Brothers Ghazal

ग्वालियर के मशहूर अब्दुल ब्रदर्स ने संगीत को जरिया बनाकर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अपना योगदान दे रहे हैं, उन्होंने घर पर ही गजल की एक महफिल सजाकर लोगों से घरों में रहने की अपील की.

Abdul Brothers,  gwalior
अब्दुल ब्रदर्स
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Published : Apr 27, 2020, 10:44 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में लॉकडाउन का पालन कराने, जहां पुलिस और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और लोगों को जागरूक करने के तमाम जतन कर रहा है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरे तरीकों से लोगों को जागरुक करने के लिए खुद से आगे आए हैं. अब्दुल ब्रदर्स ने संगीत को जरिया बनाकर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अपना सहयोग देने की कोशिश की है.

ग्वालियर में गजल से राहत

सुर और संगीत की धरा ग्वालियर में कुछ ऐसे संगीतज्ञ हैं, जो ग्वालियर घराने से करीब 5 पीढ़ी से जुड़े हुए हैं. ये अपने संगीत से लोगों को घरों में रहने और लॉकडाउन का पालन करने की बात कर रहे हैं. शहर के अब्दुल ब्रदर्स की 5 पीढ़ियां संगीत को ही समर्पित हैं. ये कलाकार सिंधिया रियासत काल में राज दरबारी थे, इनके परिवार में आज भी दुर्लभ वाद्य यंत्र सारंगी का वादन किया जाता है. विश्व प्रसिद्ध तानसेन समारोह में भी ये कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते आ रहे हैं.

लॉकडाउन में लोग घरों से ना निकलें इसलिए अब्दुल ब्रदर्स गजल और गीत के माध्यम से सारंगी, तबले, हारमोनियम और गिटार की धुन पर लोगों को लॉकडाउन में जागरुक कर रहे हैं और संकट की घड़ी में देश सेवा कर अपना योगदान घर बैठे ही दे रहे हैं.

ग्वालियर। ग्वालियर में लॉकडाउन का पालन कराने, जहां पुलिस और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है और लोगों को जागरूक करने के तमाम जतन कर रहा है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरे तरीकों से लोगों को जागरुक करने के लिए खुद से आगे आए हैं. अब्दुल ब्रदर्स ने संगीत को जरिया बनाकर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अपना सहयोग देने की कोशिश की है.

ग्वालियर में गजल से राहत

सुर और संगीत की धरा ग्वालियर में कुछ ऐसे संगीतज्ञ हैं, जो ग्वालियर घराने से करीब 5 पीढ़ी से जुड़े हुए हैं. ये अपने संगीत से लोगों को घरों में रहने और लॉकडाउन का पालन करने की बात कर रहे हैं. शहर के अब्दुल ब्रदर्स की 5 पीढ़ियां संगीत को ही समर्पित हैं. ये कलाकार सिंधिया रियासत काल में राज दरबारी थे, इनके परिवार में आज भी दुर्लभ वाद्य यंत्र सारंगी का वादन किया जाता है. विश्व प्रसिद्ध तानसेन समारोह में भी ये कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते आ रहे हैं.

लॉकडाउन में लोग घरों से ना निकलें इसलिए अब्दुल ब्रदर्स गजल और गीत के माध्यम से सारंगी, तबले, हारमोनियम और गिटार की धुन पर लोगों को लॉकडाउन में जागरुक कर रहे हैं और संकट की घड़ी में देश सेवा कर अपना योगदान घर बैठे ही दे रहे हैं.

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