ग्वालियर। विशेष क्षेत्र प्राधिकरण यानी साडा के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता जय सिंह कुशवाह, 4 पूर्व सीईओ इंजीनियर और ठेकेदारों सहित 13 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने मामला चलाने के निर्देश दिए हैं. 10 मई को पूर्व साडा अध्यक्ष सहित 6 लोगों को नोटिस देकर 5-5 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है.
दरअसल, विशेष क्षेत्र प्राधिकरण साडा में मोती झील से लेकर तिघरा तक सड़क निर्माण का काम 2013 में किया गया था. तब बीजेपी नेता जय सिंह कुशवाह साडा के अध्यक्ष थे और आदित्य सिंह तोमर मुख्य कार्यपालन अधिकारी थे. उस समय लोकायुक्त में राकेश सिंह कुशवाहा नामक आरटीआई कार्यकर्ता ने शिकायत की थी कि सड़क निर्माण का काम जितनी लागत का था, उससे कहीं ज्यादा लगभग 60 लख रुपए का भुगतान नेताओं और अधिकारियों ने ठेकेदार को किया. जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
बीजेपी सरकार के कद्दावर नेता रहे जय सिंह कुशवाह, पूर्व सीईओ आदित्य सिंह तोमर, कार्यपालन यंत्री एस के श्रीवास्तव, जी एन सिंह तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, डीडी मिश्रा बीबी माथुर के खिलाफ साक्ष्य को पर्याप्त नहीं मानते हुए उन्हें एफआईआर से बाहर कर दिया था लेकिन भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ संज्ञान लिया है. इस मामले में पूर्व सीईओ आदित्य सिंह तोमर के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर अभियोजन के लिए विभाग से स्वीकृति लिए जाने के भी निर्देश दिए हैं.
जिन लोगों के खिलाफ कोर्ट ने संज्ञान लिया है उनमें अनिल सिंह चौहान तत्कालीन सहायक यंत्री, एमके अग्रवाल तत्कालीन लेखाधिकारी, अरुण शुक्ला तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अजीत जैन उपयंत्री भी शामिल है. वहीं इस मामले के एक आरोपी की मौत हो चुकी है. ठेकेदार बुद्ध पाल सिंह जादौन और पूर्व साडा अध्यक्ष को 5-5 हजार के जमानती वारंट से 10 मई को तलब किया गया है.