शहडोल : इन दिनों कई राशियों में ग्रहों की दिशा बदली हुई है, जिसकी वजह से अलग-अलग राशियों में अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल रहा है, ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया है कि आखिर कैसे किन राशियों में कौन से ग्रह की नजर है और उन ग्रहों की वजह से किस राशि पर कैसा बदलाव देखने को मिलेगा कैसा असर देखने को मिलेगा। शनि देव 29 अप्रैल 2022 शुक्रवार को दोपहर 12:17 बजे तक मकर राशि में रहेंगे. उसके बाद मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे, जिससे कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी. इस दौरान मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी.
मेष राशि: मेष राशि में स्वामी ग्रह मंगल है जो उत्तम है. भवन के रखरखाव तथा साज-सज्जा के कार्यों पर खर्च बढ़ सकते हैं. 29 अप्रैल के बाद इस राशि वालों को आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे. अचानक उनको रुका हुआ पैसा प्राप्त होने लगेगा और इस वर्ष अच्छा लाभ मिल सकता है.
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वृष राशि: वर्तमान में गुरु और शुक्र का ग्रह परिवर्तन जातक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वृष राशि में वर्तमान में गुरु और शुक्र की दृष्टि पड़ रही है. इस समय इस राशि के जातक कोई भी शुभ काम करें उनके लिए सर्वोत्तम रहेगा. शुक्रदेव के राशि परिवर्तन से आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, पर कुछ परेशान रह सकते हैं. नौकरी, कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के योग बन रहे हैं.
मिथुन राशि: 29 अप्रैल के बाद शनि की ढैय्या खत्म होगी. मिथुन राशि में उत्तम ग्रह बुद्ध, राहु और सूर्य की दृष्टि है ये ग्रह भी उत्तम है, जातक के लिए सुखद रहेगा. इस राशि वालों के लिए यह वर्ष थोड़ा ठीक रहेगा लेकिन कुछ पारिवारिक समस्याएं और विवाद भी उनके लिए उत्पन्न हो सकते हैं. पुराने कामों में गति आ सकती है.
कर्क राशि: अभी कर्क राशि में सभी ग्रहों की स्थिति ठीक है. सर्वोत्तम समय रहेगा. 29 अप्रैल के बाद कर्क राशि पर शनि की ढैय्या चल रही होगी. ऐसे में इस राशि के लोगों को इस दौरान थोड़ी सावधानी रखने की जरुरत है. शनि वक्री के दौरान भी कार्यों में रुकावट आएगी. साथ ही आर्थिक स्थिति में भी परिवर्तन हो सकता है. इसके अलावा वाहन चलाते वक्त विशेष सावधान रहने की जरुरत होगी.
सिंह राशि: सिंह राशि में वर्तमान में शुक्र, बुध और गुरु की दृष्टि है शुक्र ठीक नहीं है लेकिन गुरु और बुध सिंह राशि वालों के लिए सर्वोत्तम है. कोई भी कार्य जैसे उद्योग करें, व्यापार:व्यवसाय करें, घर निर्माण करें, कोई भी शुभ काम करें उनके लिए सर्वोत्तम समय रहेगा.
कन्या राशि: कन्या राशि में केतु की दृष्टि है थोड़ा सा जातक के लिए शारीरिक पीड़ा चिंता व्यथा साधारण होने की संभावना है. इस राशि के जातकों को 29 अप्रैल के बाद 2022 संघर्ष मय रहेगा. विवाद पूर्ण स्थितियां बन सकती हैं. शत्रुओं से सावधान रहना होगा. इसके साथ ही रोग से बच कर रहना चाहिए. पारिवारिक विवाद और तनाव की स्थितिया इनके साथ उत्पन्न हो सकती हैं.
तुला राशि: तुला राशि में पूर्णरूपेण केतु बैठा है ऐसे जातकों को सबसे ज्यादा अपना ध्यान रखना है, शीत में या बाहर खुले में ना सोएं क्योंकि बात रोग की संभावना रहेगी शरीर में पीड़ा होगी और सर्दी जुखाम होने की संभावना बनेगी.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि में वर्तमान में सूर्य की दृष्टि पड़ रही है सर्वोत्तम समय है ऐसे जातक कोई भी कार्य करें शुभ रहेगा. 29 अप्रैल के बाद वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी ऐसे में शारीरिक कष्ट बढ़ सकता है. शनि जब भी वक्री होते हैं तो ढैय्या से पीड़ित जातकों की समस्या बढ़ जाती है. इस दौरान सावधानी बरतने की जरुरत है इसके साथ ही शत्रु परेशान कर सकते हैं. नौकरी व्यापर में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
धनु राशि: धनु राशि में शनि की साढ़ेसाती उतर चुकी है पूर्णरूपेण धनु राशि स्वतंत्र हैं. उसमें शुभ ग्रह जैसे गुरु, सूर्य, बुध की दृष्टि पड़ने के कारण यह समय सर्वोत्तम रहेगा . अच्छा पद मिल सकता है . धन लाभ हो सकता है. भूमि ,भवन और वाहन का भी इनको फायदा होगा इसके अलावा संतान की उन्नति और प्रगति के अवसर भी देखने को मिलेंगे
मकर राशि: इस राशि वालों के लिए 2022 संघर्षपूर्ण रहेगा. इनको अधिक खर्च का सामना करना पड़ेगा. तनाव और दबाव पूर्ण स्थिति में यह काम करते रहेंगे. मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है. 27 अप्रैल तक चंद्र और शनि की राशि में बैठे हैं जो जातक के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा साढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा.
कुंभ राशि: कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है. एकादश भाव यानी कुंभ राशि में वर्तमान में मंगल और सूर्य बैठे हैं शनि की साढ़ेसाती मध्यम है लेकिन 17 मई तक मंगल की दृष्टि पड़ने के कारण शनि थोड़ा शांत रहेंगे और जातक के लिए सुपर समय रहेगा ऐसे जातक काला व्यवसाय जैसे कोयला या कोई लोहे का व्यवसाय करें तो लाभ होगा.
मीन राशि: सबसे आखिरी राशि मीन है मीन राशि. मीन राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इस राशि वालों को मिलाजुला परिणाम प्राप्त होगा. आर्थिक स्थितियों में सुधार होगा. घर परिवार में कुछ संघर्षमय और विवादित स्थिति निर्मित होगी लेकिन कार्यक्षेत्र व्यापार में इनको अपेक्षित परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं. रुका हुआ पैसा भी प्राप्त हो सकता है पूर्णरूपेण गुरु की दृष्टि पड़ रही है गुरु ग्रह सर्वोत्तम है ऐसे जातक के लिए सुखद समय रहेगा.
साढ़ेसाती ढैय्या के उपाय (Remedies for Sadhesati Dhaiya): शनिवार (Shanivar ke upay) के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. तांबे के कलश में जल के साथ शक्कर और दूध मिलाकर पश्चिम दिशा में मुंह कर पीपल के पेड़ को वृक्ष को जल दें. अपने घर के आसपास सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे (Peepal ki puja) सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं और घर वापस आते समय पीछे मुड़ कर न देखें. शनिवार व्रत के दिन नीले, बैंगनी या काले रंग के कपड़े पहनें. संभव हो तो दिन में व्रत रखें. शनि मंत्रों का जाप करें.
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