देवास। इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी और लापरवाही की खबरें अक्सर आती रहती हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी इस पर नकेल कसती नजर नहीं आ रही है. मामला देवास के एक प्राइवेट अस्पताल का है, शहर के नमकीन व्यापारी मोहन गुप्ता के पोते पांच वर्षीय दूर्वांग गुप्ता की मौत मामूली पेट दर्द का सही इलाज समय पर न होने से हो गई। परिवार का आरोप है कि अगर समय पर सही इलाज हो जाता तो बच्चे की जिंदगी बच सकती थी.
जानकारी के मुताबिक, गुप्ता परिवार बच्चे को रात मे देवास के कई बड़े प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए, लेकिन सभी ने इलाज और भर्ती करने से मना कर दिया. बच्चे को शुक्रवार को पेट दर्द होने पर एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया था, जहां उन्हें दवा देकर घर भेज दिया गया. रात मे अचानक फिर से दर्द होने पर परिजन बच्चे को लेकर कई निजी हास्पिटल गये, लेकिन सभी ने कोई न कोई बहाना बनाकर, मजबूरी बताकर इलाज से मना कर दिया. इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई.
किसी और के साथ न हो ऐसा
परिजनों ने जिला कलेक्टर को शिकायत करते हुए निवेदन किया है कि हमारा बच्चा तो चला गया, लेकिन किसी अन्य के बच्चे की इलाज के अभाव में मौत ना हो ऐसी व्यवस्था की जाए. इनके साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजनी, वरिष्ठ नेता शौकत हुसैन, दिलीप दादू ,चंद्रपालसिंह छोटू, इम्तियाज शेख भल्लु भी मौजूद रहे.
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कलेक्टर से कार्रवाई की मांग
कांग्रेस नेता का कहना है कि मनमाना शुल्क लेने वाले हॉस्पिटल मानवता और सेवा के नाम पर शून्य नजर आ रहे हैं। कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला को इस मामले मे प्रभावी निर्देश जारी करना चाहिए। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो शायद बच्चे का जान बच सकती थी.