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नारी शक्ति को सलाम: पति के एक्सीडेंट के बाद रेशमा ने उठाया बीड़ा, बच्चों की परवरिश के लिए चलाती हैं ऑटो - नारी शक्ति को सलाम

कोमल है, कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है. आज शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा हो जहां महिलाएं काम नहीं कर रही हों. हम आपको छिंदवाड़ा की ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हर व्यक्ति को प्रेरणा देती हैं. (Female auto driver of Chhindwara)

female auto driver of chhindwara
छिंदवाड़ा में महिला ऑटो चालक
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Published : Mar 6, 2022, 10:44 AM IST

छिंदवाड़ा। हौसले अगर बुलंद हों तो कठिन से कठिन मंजिल भी आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही किया है छिंदवाड़ा की रहने वाली रेशमा खान ने. उनके पति का 4 साल पहले एक्सीडेंट हो गया था. जिसकी वजह से परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था. बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. घर का खर्चा चलाने के लिए रेशमा ने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. रेशमा खान बताती हैं कि उनका परिवार अब खुशहाल है, वह दो बच्चों के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर रही हैं.

बच्चों की परवरिश के ​लिए ऑटो चलाती हैं रेशमा खान

मेहनत और ईमानदारी से चलता है घर
रेशमा खान ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई और घर ठीक से चल सके इसलिए मैं ऑटो चलाती हूं. हर कदम पर लोगों ने उनका साथ दिया. उन्होंने कभी समाज के ताने और लोगों के कहने की परवाह नहीं की, क्योंकि वह मेहनत करके अपने परिवार को बुलंदियों तक पहुंचाना चाहती हैं.

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बच्चों के लिए दिनभर ऑटो रिक्शा चलाती हैं
रेशमा खान छिंदवाड़ा सहित आसपास के नजदीक गांव तक ऑटो रिक्शा चलाती हैं. हर दिन सुबह घर का काम करने के बाद रेशमा अपने बच्चों को काबिल बनाने का सपना लेकर ऑटो के साथ निकलती हैं और दिनभर ऑटो चलाने के बाद फिर घर पहुंचती हैं. मेहनत की कमाई से परिवार खुशहाल और बच्चे अच्छी शिक्षा भी पा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनके बच्चे बड़े मुकाम पर पहुंचेंगे.

(Womens day 2022) (female auto driver of Chhindwara)

छिंदवाड़ा। हौसले अगर बुलंद हों तो कठिन से कठिन मंजिल भी आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही किया है छिंदवाड़ा की रहने वाली रेशमा खान ने. उनके पति का 4 साल पहले एक्सीडेंट हो गया था. जिसकी वजह से परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था. बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. घर का खर्चा चलाने के लिए रेशमा ने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. रेशमा खान बताती हैं कि उनका परिवार अब खुशहाल है, वह दो बच्चों के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर रही हैं.

बच्चों की परवरिश के ​लिए ऑटो चलाती हैं रेशमा खान

मेहनत और ईमानदारी से चलता है घर
रेशमा खान ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई और घर ठीक से चल सके इसलिए मैं ऑटो चलाती हूं. हर कदम पर लोगों ने उनका साथ दिया. उन्होंने कभी समाज के ताने और लोगों के कहने की परवाह नहीं की, क्योंकि वह मेहनत करके अपने परिवार को बुलंदियों तक पहुंचाना चाहती हैं.

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बच्चों के लिए दिनभर ऑटो रिक्शा चलाती हैं
रेशमा खान छिंदवाड़ा सहित आसपास के नजदीक गांव तक ऑटो रिक्शा चलाती हैं. हर दिन सुबह घर का काम करने के बाद रेशमा अपने बच्चों को काबिल बनाने का सपना लेकर ऑटो के साथ निकलती हैं और दिनभर ऑटो चलाने के बाद फिर घर पहुंचती हैं. मेहनत की कमाई से परिवार खुशहाल और बच्चे अच्छी शिक्षा भी पा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनके बच्चे बड़े मुकाम पर पहुंचेंगे.

(Womens day 2022) (female auto driver of Chhindwara)

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