ETV Bharat / city

नसबंदी के लिए सुबह से रात तक परेशान होते रहे ग्रामीण, नहीं पहुंचे डॉक्टर

author img

By

Published : Dec 12, 2020, 12:18 AM IST

छिंदवाड़ा जिले में 30 मरीजों की नसबंदी होनी थी नसबंदी. सुबह 8 बजे से रात के 7:30 बजे तक मरीज परेशान होते रहे. लेकिन जबलपुर से आने वाली डॉक्टर्स की टीम नहीं पहुंची. ठंड में छोटे-छोटे बच्चों के साथ आए मरीज और उनके परिजनों का हाल बेहाल रहा.

chhindwara
नसबंदी के लिए सुबह से रात तक परेशान होते रहे ग्रामीण

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश शिवराज सरकार सक्रिय भूमिका में नजर आ रही है, वहीं प्रबंधन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा जिला अस्पताल से सामने आया है. जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के लिए शिविर लगाया गया था, जहां मरीजों को सुबह 10:00 बजे बुलाया गया. लेकिन लापरवाही का यह आलम ये रहा कि शाम के 7:30 बजे गए, फिर भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे.

नसबंदी के लिए सुबह से रात तक परेशान होते रहे ग्रामीण

सुबह से शाम तक परेशान होते रहे मरीज

मरीजों के परिजन ने बताया कि वह सुबह 8 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे. सोचा था कि समय से पहले पहुंच जाएंगे तो जल्दी नंबर आ जाएगा. लेकिन डॉक्टर्स की कोई खबर नहीं है. इंतजार करते-करते शाम हो गई. यहां तो पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है.

No means found to go home
घर जाने के लिए नहीं मिला साधन

घर जाने के लिए नहीं हैं साधन

ठंड का मौसम चल रहा है. मरीज के परिजनों ने बताया कि दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं. अब रात हो गई. घर जाने के लिए साधन भी नहीं मिलेंगे. कोरोना संक्रमण के चलते वैसे ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम ही उपलब्ध है. ऐसे में समझ नहीं आ रहा अब क्या करें. दिन की व्यवस्था से आए थे,अब तो रात हो गई. गर्म ओढ़ने बिछाने के कपड़े भी नहीं हैं कि यहीं रुक सकें.

ठंड में छोटे-छोटे बच्चे होते रहे परेशान

छिंदवाड़ा विकास मॉडल कहे जाने वाले जिला अस्पताल की अव्यवस्था की पोल खुल गई. मगर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की कीमत मरीज और परिजनों को चुकानी पड़ी. खासकर जो मरीज अपने बच्चों के साथ आए थे, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हुई. इस हाड़ कपां देने वाली ठंड में लोग बच्चों लेकर काफी चिंतित नजर आए.

बीएमओ ने बताया जबलपुर से बुलाए गए हैं डॉक्टर

बीएमओ एलएन उइके ने बताया कि ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर जबलपुर से बुलाए गए हैं. जब ईटीवी भारत ने बीएमओ से पूछा कि रात के समय में इन मरीजों को घर जाने के लिए साधन नहीं मिलेगा. तब उन्होंने कहा कि उन्हें घर तक पहुंचा दिया जाएगा.

ये उठ रहे सवाल

प्रदेश में छिंदवाड़ा विकास मॉडल के रूप में जाना जाता है. स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां मेडिकल इंस्टिट्यूट तक खोला गया है. बावजूद इसके जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन करने लिए डॉक्टर जबलपुर से बुलाना पड़ रहा है.जो पूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है.

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश शिवराज सरकार सक्रिय भूमिका में नजर आ रही है, वहीं प्रबंधन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा जिला अस्पताल से सामने आया है. जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के लिए शिविर लगाया गया था, जहां मरीजों को सुबह 10:00 बजे बुलाया गया. लेकिन लापरवाही का यह आलम ये रहा कि शाम के 7:30 बजे गए, फिर भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे.

नसबंदी के लिए सुबह से रात तक परेशान होते रहे ग्रामीण

सुबह से शाम तक परेशान होते रहे मरीज

मरीजों के परिजन ने बताया कि वह सुबह 8 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे. सोचा था कि समय से पहले पहुंच जाएंगे तो जल्दी नंबर आ जाएगा. लेकिन डॉक्टर्स की कोई खबर नहीं है. इंतजार करते-करते शाम हो गई. यहां तो पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है.

No means found to go home
घर जाने के लिए नहीं मिला साधन

घर जाने के लिए नहीं हैं साधन

ठंड का मौसम चल रहा है. मरीज के परिजनों ने बताया कि दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं. अब रात हो गई. घर जाने के लिए साधन भी नहीं मिलेंगे. कोरोना संक्रमण के चलते वैसे ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम ही उपलब्ध है. ऐसे में समझ नहीं आ रहा अब क्या करें. दिन की व्यवस्था से आए थे,अब तो रात हो गई. गर्म ओढ़ने बिछाने के कपड़े भी नहीं हैं कि यहीं रुक सकें.

ठंड में छोटे-छोटे बच्चे होते रहे परेशान

छिंदवाड़ा विकास मॉडल कहे जाने वाले जिला अस्पताल की अव्यवस्था की पोल खुल गई. मगर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की कीमत मरीज और परिजनों को चुकानी पड़ी. खासकर जो मरीज अपने बच्चों के साथ आए थे, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हुई. इस हाड़ कपां देने वाली ठंड में लोग बच्चों लेकर काफी चिंतित नजर आए.

बीएमओ ने बताया जबलपुर से बुलाए गए हैं डॉक्टर

बीएमओ एलएन उइके ने बताया कि ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर जबलपुर से बुलाए गए हैं. जब ईटीवी भारत ने बीएमओ से पूछा कि रात के समय में इन मरीजों को घर जाने के लिए साधन नहीं मिलेगा. तब उन्होंने कहा कि उन्हें घर तक पहुंचा दिया जाएगा.

ये उठ रहे सवाल

प्रदेश में छिंदवाड़ा विकास मॉडल के रूप में जाना जाता है. स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां मेडिकल इंस्टिट्यूट तक खोला गया है. बावजूद इसके जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन करने लिए डॉक्टर जबलपुर से बुलाना पड़ रहा है.जो पूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.