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ग्रामीणों का सराहनीय कदम: शराबबंदी का लिया निर्णय, नियम तोड़ने पर होगा हुक्का पानी बंद

भले ही मध्यप्रदेश सरकार शराब नीति में बदलाव कर शराब बेचने को बढ़ावा दे रही है, लेकिन छिंदवाड़ा का एक ऐसा आदिवासी गांव हैं जहां पर ग्रामीणों ने खुद शराबबंदी का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि ना तो गांव में कोई शराब बेचेगा और ना ही अब कोई शराब पिएगा.

CHHIDWARA Village
शराबबंदी
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Published : Apr 7, 2022, 3:17 PM IST

छिंदवाड़ा। भले ही मध्यप्रदेश सरकार शराब नीति में बदलाव कर शराब बेचने को बढ़ावा दे रही है, लेकिन छिंदवाड़ा का एक ऐसा आदिवासी गांव हैं जहां पर ग्रामीणों ने खुद शराबबंदी का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि ना तो गांव में कोई शराब बेचेगा और ना ही अब कोई शराब पिएगा.

नशा करने और बेचने वाले पर हो कार्रवाई: नशे के सेवन किए जाने से ना जाने कितने घर उजड़ गए, नशे के आदतन लोग घरों में कलह का कारण हो जाते हैं, लड़ाई झगड़े की प्रवृत्ति होने पर बहुत अधिक नुकसान हो जाता है. ना सिर्फ शराब पीना बल्कि शराब बेचना भी बर्बादी का कारण बन जाता है, इसी बात को लेकर धनोरा के पास के गांव झिरना में समस्त ग्रामवासी महिला-पुरुषों ने एकत्रित होकर पुलिस चौकी धनोरा, थाना बटकारवापा और आबकारी विभाग को पत्र लिखकर आवेदन किया है कि गांव झिरना में शराब ना कोई बनाए, ना कोई बेचे और ना ही कोई शराब पिए. ग्राम वासियों ने मिलकर निर्णय लिया है कि आज से शराब बनाने, विक्रय करने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. यदि शराब पीकर कोई उपद्रव करते पाए जाए तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

समाज से किया जाएगा हुक्का पानी बंद: ग्रामीणों ने कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में इस फैसले के खिलाफ जाता है तो उसका समाज से हुक्का पानी बंद किया जाएगा, साथ ही समाज द्वारा भी बहिष्कार किया जाएगा. गांववासियों ने शासन से मांग कर आवेदन किया साथ ही शराब बेचना-शराब पीना बंद करो के नारे लगाते हुए रैली भी निकाली. समस्त ग्रामवासियों की मांग है कि शराब मुक्त हो गांव हमारा.

छिंदवाड़ा। भले ही मध्यप्रदेश सरकार शराब नीति में बदलाव कर शराब बेचने को बढ़ावा दे रही है, लेकिन छिंदवाड़ा का एक ऐसा आदिवासी गांव हैं जहां पर ग्रामीणों ने खुद शराबबंदी का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि ना तो गांव में कोई शराब बेचेगा और ना ही अब कोई शराब पिएगा.

नशा करने और बेचने वाले पर हो कार्रवाई: नशे के सेवन किए जाने से ना जाने कितने घर उजड़ गए, नशे के आदतन लोग घरों में कलह का कारण हो जाते हैं, लड़ाई झगड़े की प्रवृत्ति होने पर बहुत अधिक नुकसान हो जाता है. ना सिर्फ शराब पीना बल्कि शराब बेचना भी बर्बादी का कारण बन जाता है, इसी बात को लेकर धनोरा के पास के गांव झिरना में समस्त ग्रामवासी महिला-पुरुषों ने एकत्रित होकर पुलिस चौकी धनोरा, थाना बटकारवापा और आबकारी विभाग को पत्र लिखकर आवेदन किया है कि गांव झिरना में शराब ना कोई बनाए, ना कोई बेचे और ना ही कोई शराब पिए. ग्राम वासियों ने मिलकर निर्णय लिया है कि आज से शराब बनाने, विक्रय करने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. यदि शराब पीकर कोई उपद्रव करते पाए जाए तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

समाज से किया जाएगा हुक्का पानी बंद: ग्रामीणों ने कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में इस फैसले के खिलाफ जाता है तो उसका समाज से हुक्का पानी बंद किया जाएगा, साथ ही समाज द्वारा भी बहिष्कार किया जाएगा. गांववासियों ने शासन से मांग कर आवेदन किया साथ ही शराब बेचना-शराब पीना बंद करो के नारे लगाते हुए रैली भी निकाली. समस्त ग्रामवासियों की मांग है कि शराब मुक्त हो गांव हमारा.

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