छिंदवाड़ा। सालों से छिंदवाड़ा और नागपुर के बीच चल रहे रेल ब्रॉडगेज लाइन का काम पूरा हो गया है. इसके पूरे हो जाने के बाद छिंदवाड़ा से नागपुर के बीच ट्रेन चलने लगेगी, जिससे छिंदवाड़ा में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ-साथ ही क्षेत्र के किसानों और यात्रियों को भी लाभ होगा. ट्रैक परिवर्तन का ये काम करीब 5 सालों से चल रहा था, अब जाकर इसके पूरा होने के बाद यूरिया से भरी मालगाड़ी ट्रायल के तौर पर छिंदवाड़ा पहुंची, सब सही रहा तो जल्द ही यहां यात्री गाड़ी भी पटरी पर उतरेगी.
चार खंडों में पूरा हुआ काम
छिंदवाड़ा से नागपुर तक ब्रॉडगेज का काम चार खंडों में पूरा किया गया है, इसमें छिंदवाड़ा से भंडारकुंड, इतवारी से किलोद और किलोद से भीमालगोंदी, भीमालगोंदी से भंडारकुंड शामिल है. भीमालगोंदी से भंडारकुंड तक बनाए गए रेल मार्ग को 22 अगस्त से ही मंजूरी दे दी गई थी, जिसके बाद कुछ खामियों को दूर कर 4 माह तक मालगाड़ी के परिवहन की इजाजत दी गई थी, अब ये मालगाड़ियां सीधे छिंदवाड़ा से इतवारी तक दौडे़ेंगी.
भाजपा और कांग्रेस श्रेय की होड़
छिंदवाड़ा से नागपुर के बीच शुरू हुई बड़ी रेल लाइन को एक ओर कांग्रेस अपनी उपलब्धियां बता रही है, तो वहीं बीजेपी इसे मोदी सरकार और भाजपा की मेहनत का नतीजा बता रही है. इसे लेकर सांसद नकुलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार जताते हुए प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की तो भाजपा ने भी मोदी सरकार को धन्यवाद दिया है.
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छिंदवाड़ा और नागपुर के बीच बढ़ेगी आर्थिक गतिविधियां
छिंदवाड़ा से नागपुर के बीच ब्रॉडगेज ट्रेन चलने से सबसे बड़ा फायदा व्यापारी वर्ग को होगा. छिंदवाड़ा का व्यापार अब सीधे हैदराबाद, मुंबई, हावड़ा और सूरत से जुड़ जाएगा. अभी छिंदवाड़ा तक मालगाड़ी आने में दिक्कत होती थी, लेकिन नागपुर से सीधी मालगाड़ी अब छिंदवाड़ा आएगी, जिससे व्यापार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा सब्जी की फसल उगाई जाती है, लेकिन बाजार नहीं मिलने से किसान परेशान रहता है. नागपुर तक चलने वाली ट्रेनों के माध्यम से वह आसानी से अपनी सब्जी की फसल लेकर नागपुर जैसी बड़ी मंडी में पहुंचकर बेच सकता है, जिससे उसे आर्थिक लाभ होगा और आसानी से ज्यादा मात्रा में सब्जियों की फसल बेच सकेंगे.
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बचत के साथ ही 130 किलोमीटर की दूरी भी हुई कम
अब तक नागपुर से मालगाड़ी आमला होते हुए छिंदवाड़ा पहुंचती थी, लेकिन छिंदवाड़ा से नागपुर रेल मार्ग पूरा होने के बाद यह सीधे इतवारी से छिंदवाड़ा पहुंच सकेगी, जिससे लगभग 130 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. इसमें व्यापारियों को प्रति रैक लगभग 4 लाख रुपए की बचत होगी और दक्षिण भारत से छिंदवाड़ा का सीधा संपर्क हो जाएगा.