छिंदवाड़ा। भले ही छिंदवाड़ा जिले में पिछले 17 दिनों से कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं आया हो, लेकिन जिस सुस्ती के साथ प्रशासनिक अमला काम कर रहा है उससे छिंदवाड़ा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहा है. छिंदवाड़ा जिले की आबादी 20 लाख से ज्यादा है और अब तक स्वास्थ्य अमले ने मात्र 345 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, जिसमें से 5 सैंपल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और 1 की मौत हो चुकी है, जब इतनी आबादी है तो स्वास्थ्य अमला इतने कम सैंपल जांच के लिए किन आधार पर भेज रहा है. इन्हीं लापरवाही और जिले में कोरोना को लेकर की जा रही तैयारियों पर ईटीवी भारत ने सीएमएचओ प्रदीप मोजेस से बातचीत की..
कितना सुरक्षित है छिंदवाड़ा अब तक जिले में 5 संक्रमित, 1 की मौत
जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक 5 मरीज मिले हैं जिसमें से पहले मरीज की मौत हो चुकी है और 2 मरीज पूरी तरीके से स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. हालांकि 2 लोगों का अभी भी इलाज जारी है, छिंदवाड़ा जिले में मिले सभी मरीज पहले संक्रमित जिसकी मौत हो चुकी है उसके संपर्क के ही हैं.
सीएमएचओ प्रदीप मोजेस ने दी सफाई 27997 की थर्मल स्कैनिंग, लेकिन सैम्पल 345जिलेभर में अब तक बाहर से आए और स्थानीय 27997 लोगों की जांच और थर्मल स्कैनिंग हो चुकी है लेकिन इतने लोगों के बीच मात्र अब तक 345 सैंपल ही कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जबलपुर लैब भेजे गए हैं.
ग्रामीण इलाकों में मजदूरों ने दी दस्तकजिले भर के ग्रामीण इलाकों में मजदूरों ने अलग-अलग राज्यों से आकर अपने गांव में दस्तक दे दी है, जिससे कोरोना वायरस का खतरा अधिक बढ़ गया है. क्योंकि अब बाहर से आए मजदूर जाने अनजाने में कहीं ना कहीं से संक्रमण हो हो चुके हैं, जिसके चलते कई जिलों में अब मजदूर भी संक्रमित निकल रहे हैं.
जांचें इतनी कम जिले में खतरा अब भी बरकरार20 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले में महज 345 कोरोना वायरस की सैम्पल जांच पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर महज इतने कम सैम्पलों में जब 5 संक्रमित लोग मिल सकते हैं तो इतनी आबादी में कम संख्या में सैंपल जांच के लिए क्यों भेजे जा रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती दिख रही है.
स्वास्थ्य विभाग का दावा पर्याप्त मात्रा में हो रहीं जांचईटीवी भारत से बातचीत में सीएमएचओ प्रदीप मोजेस ने कहा है कि जितने सैंपल अब तक छिंदवाड़ा से भेजे जा रहे हैं वह पर्याप्त है किसी तरह की विभाग में कोताही नहीं बरती जा रही है. अगर कहीं जरूरत पड़ती है तो वह संदिग्धों को तुरंत जांच के लिए भेज भी रहे हैं.