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रक्षाबंधन पर जेल में बंद कैदियों की सूनी रही कलाई, बहनों के छलके आंसू, कोरोना संक्रमण के चलते मुलाकात की नहीं मिली इजाजत

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते छिंदवाड़ा जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके चलते जेल में कैद कैदियों की कलाइयां सूनी रहीं, भाईयों को राखी न बांध पाने के चलते बहनों की आंखों में आंसू दिखे.

Chhindwara news
अपने भाई से नहीं मिल पाई बहन
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Published : Aug 22, 2021, 4:34 PM IST

छिंदवाड़ा। रक्षाबंधन के पर्व पर जहां बहन भाई के पर्व को लेकर बाजारों में रौनक नजर आ रही है, वहीं जिला जेल में कैद लगभग 698 कैदियों की कलाइयां सूनी रहीं, बता दें कि छिंदवाड़ा जेल में 673 पुरुष कैदी हैं, और 25 महिलाएं 4 बच्चे हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण के चलते भाईयों को बहनों से तो बहनों को भाईयों से मिलने नहीं दिया गया.

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भाइयों से मिलने की नहीं मिली इजाजत

कैदियों की कलाई रही सूनी, नहीं हुई विशेष मुलाकात

रक्षाबंधन का पर्व भाई बहनों के लिए अटूट प्यार का रिश्ता होता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, लेकिन जिला जेल में बंद लगभग 698 कैदियों की कलाइयां सूनी रह गई, कोरोना संक्रमण काल के चलते विशेष मुलाकात लगभग 2 सालों से बंद है.

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अपने भाई से नहीं मिल पाई बहन

ईटीवी भारत पर बहनों ने बताया अपना दुख

जिला जेल में बंद दो भाइयों को राखी बांधने आईं बहन ने ईटीवी भारत से अपना दुख साझा किया, बहने ने बताया कि उसका भाई दहेज प्रताड़ना के जुर्म में जेल में बंद है, वहां उन्हें राखी बांधने के लिए आई थी, लेकिन शासन के आदेश के चलते विशेष मुलाकात पर प्रतिबंध है, वही बहने रक्षाबंधन के दिन बिना भाइयों को देखें और राखी बांधी थी वहां से मायूस लौटना पड़ा वहीं बहनों की आंखें भी छलक आई

राखियों से बाजार है गुलजार

रक्षाबंधन के पर्व को लेकर शहर के मुख्य बाजारों में राखियों से बाजार गुलजार रहा, वहीं काफी समय बाद बाजार में फिर रौनक लौट आई है, रक्षाबंधन के पावन पर्व पर बहनों ने अपने भाइयों के लिए राखियां खरीदी और भाइयों ने बहनों के लिए उपहार लिए.

ऐसी राखी जो भैया को Corona से बचाएगी, बहनें राखी में दे रही ऑक्सीजन बढ़ाने का संदेश

जेल अधीक्षक यजुवेंद्र वाघमारे ने दी जानकारी

यह आदेश था कि विशेष मुलाकात नहीं कराई जाएगी, संक्रमण को देखते हुए, लेकिन कुछ लोग जो मुलाकात के लिए आए हैं, उन्हें बाहर से फोन के जरिए बातचीत भर कराई जा रही है, उनसे राखियां ले ली जा रही हैं. और उन तक पहुंचा दी जाएंगी.

छिंदवाड़ा। रक्षाबंधन के पर्व पर जहां बहन भाई के पर्व को लेकर बाजारों में रौनक नजर आ रही है, वहीं जिला जेल में कैद लगभग 698 कैदियों की कलाइयां सूनी रहीं, बता दें कि छिंदवाड़ा जेल में 673 पुरुष कैदी हैं, और 25 महिलाएं 4 बच्चे हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण के चलते भाईयों को बहनों से तो बहनों को भाईयों से मिलने नहीं दिया गया.

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भाइयों से मिलने की नहीं मिली इजाजत

कैदियों की कलाई रही सूनी, नहीं हुई विशेष मुलाकात

रक्षाबंधन का पर्व भाई बहनों के लिए अटूट प्यार का रिश्ता होता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, लेकिन जिला जेल में बंद लगभग 698 कैदियों की कलाइयां सूनी रह गई, कोरोना संक्रमण काल के चलते विशेष मुलाकात लगभग 2 सालों से बंद है.

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ईटीवी भारत पर बहनों ने बताया अपना दुख

जिला जेल में बंद दो भाइयों को राखी बांधने आईं बहन ने ईटीवी भारत से अपना दुख साझा किया, बहने ने बताया कि उसका भाई दहेज प्रताड़ना के जुर्म में जेल में बंद है, वहां उन्हें राखी बांधने के लिए आई थी, लेकिन शासन के आदेश के चलते विशेष मुलाकात पर प्रतिबंध है, वही बहने रक्षाबंधन के दिन बिना भाइयों को देखें और राखी बांधी थी वहां से मायूस लौटना पड़ा वहीं बहनों की आंखें भी छलक आई

राखियों से बाजार है गुलजार

रक्षाबंधन के पर्व को लेकर शहर के मुख्य बाजारों में राखियों से बाजार गुलजार रहा, वहीं काफी समय बाद बाजार में फिर रौनक लौट आई है, रक्षाबंधन के पावन पर्व पर बहनों ने अपने भाइयों के लिए राखियां खरीदी और भाइयों ने बहनों के लिए उपहार लिए.

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यह आदेश था कि विशेष मुलाकात नहीं कराई जाएगी, संक्रमण को देखते हुए, लेकिन कुछ लोग जो मुलाकात के लिए आए हैं, उन्हें बाहर से फोन के जरिए बातचीत भर कराई जा रही है, उनसे राखियां ले ली जा रही हैं. और उन तक पहुंचा दी जाएंगी.

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