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Blood Crisis in MP : छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत, प्रशासन कर रहा डोनेशन की अपील

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत सामने आई है. अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, 600 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में सिर्फ 60 से 70 यूनिट ब्लड बचा है. जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है. (Blood Crisis in MP)

Blood Crisis in MP
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत
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Published : Apr 19, 2022, 7:03 AM IST

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल छिंदवाड़ा (chhindwra district hospital) की 600 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में 60-70 यूनिट ब्लड बचा है. जिला प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है. गर्मी में रक्तदान की कमी और स्वैच्छिक रक्तदान शिविर ना लगने से जिला अस्पताल में आने वाले जरूरतमंदों को बिना एक्सचेंज के ब्लड देना मुश्किल हो गया है. खासतौर पर ऐसे मरीज जो सिकलसेल से पीड़ित हैं वह नि:शुल्क ब्लड के लिए अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. (Blood Crisis in MP)

Blood Crisis in MP
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत

ब्लड बैंक में खून की किल्लत: ब्लड बैंक के कर्मचारियों की माने तो जिला अस्पताल में प्रसूताओं, सिकलसेल पीड़ित और गंभीर घायलों के लिए रोजाना लगभग 30 से 50 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. ब्लड की कमी से मरीजों के परिजनों से एक्सचेंज कराए बिना खून नहीं दिया जा रहा है. 60 से 70 यूनिट ब्लड अति गंभीर मरीजों के लिए बचा कर रखा गया है.

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल की पार्किंग में मरीज के परिजनों से मारपीट

मरीज परेशान: अस्पताल में 250 सिकलसेल के मरीज हैं. जिला अस्पताल में हर माह लगभग 100 सिकलसेल पीड़ित बच्चों को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन ब्लड की कमी के चलते इन बच्चों को बिना एक्सचेंज के ब्लड नहीं मिल रहा है. (chhindwara blood bank storage) इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि ब्लड खरीदा नहीं जा सकता. रक्तदाताओं को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए. ब्लड बैंक में ब्लड की कमी होने से जरूरतमंदों को परेशान होना पड़ रहा है. मरीजों की जान भी बचाने के लिए सिर्फ रक्तदान से ही एक उपाय है.

chhindwara blood bank storage
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल ब्लड बैंक

जिला अस्पताल की लापरवाही, एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से प्रसूता और नवजात ने तोड़ा दम

खून के 'सौदागर'! मजबूरी का फायदा उठाकर लोगों को बेच रहे ब्लड, कमा रहे मोटा मुनाफा, रिपोर्ट में खुलासा

डोनेशन की अपील: ब्लड बैंक के अधिकारियों का कहना है कि, ब्लड बैंक में हमेशा 200 यूनिट ब्लड होना चाहिए. रोजाना गायनिक वार्ड में 8 से 10 यूनिट की जरूरत होती है. हर दिन एक दर्जन से अधिक घायल जिला अस्पताल में भर्ती होते हैं, जिन्हें निशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में ब्लड ना होने से गंभीर मरीजों की जान को खतरा बना है. गर्मी के चलते लोग रक्तदान नहीं कर रहे हैं. लोगों में गलतफहमी है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, जबकि ऐसा नहीं होता. अस्पताल प्रबंधन में रक्तदाताओं से रक्तदान करने की अपील की है. (hospital administration appeling blood Donation)

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल छिंदवाड़ा (chhindwra district hospital) की 600 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में 60-70 यूनिट ब्लड बचा है. जिला प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है. गर्मी में रक्तदान की कमी और स्वैच्छिक रक्तदान शिविर ना लगने से जिला अस्पताल में आने वाले जरूरतमंदों को बिना एक्सचेंज के ब्लड देना मुश्किल हो गया है. खासतौर पर ऐसे मरीज जो सिकलसेल से पीड़ित हैं वह नि:शुल्क ब्लड के लिए अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. (Blood Crisis in MP)

Blood Crisis in MP
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की किल्लत

ब्लड बैंक में खून की किल्लत: ब्लड बैंक के कर्मचारियों की माने तो जिला अस्पताल में प्रसूताओं, सिकलसेल पीड़ित और गंभीर घायलों के लिए रोजाना लगभग 30 से 50 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. ब्लड की कमी से मरीजों के परिजनों से एक्सचेंज कराए बिना खून नहीं दिया जा रहा है. 60 से 70 यूनिट ब्लड अति गंभीर मरीजों के लिए बचा कर रखा गया है.

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल की पार्किंग में मरीज के परिजनों से मारपीट

मरीज परेशान: अस्पताल में 250 सिकलसेल के मरीज हैं. जिला अस्पताल में हर माह लगभग 100 सिकलसेल पीड़ित बच्चों को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन ब्लड की कमी के चलते इन बच्चों को बिना एक्सचेंज के ब्लड नहीं मिल रहा है. (chhindwara blood bank storage) इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि ब्लड खरीदा नहीं जा सकता. रक्तदाताओं को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए. ब्लड बैंक में ब्लड की कमी होने से जरूरतमंदों को परेशान होना पड़ रहा है. मरीजों की जान भी बचाने के लिए सिर्फ रक्तदान से ही एक उपाय है.

chhindwara blood bank storage
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल ब्लड बैंक

जिला अस्पताल की लापरवाही, एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से प्रसूता और नवजात ने तोड़ा दम

खून के 'सौदागर'! मजबूरी का फायदा उठाकर लोगों को बेच रहे ब्लड, कमा रहे मोटा मुनाफा, रिपोर्ट में खुलासा

डोनेशन की अपील: ब्लड बैंक के अधिकारियों का कहना है कि, ब्लड बैंक में हमेशा 200 यूनिट ब्लड होना चाहिए. रोजाना गायनिक वार्ड में 8 से 10 यूनिट की जरूरत होती है. हर दिन एक दर्जन से अधिक घायल जिला अस्पताल में भर्ती होते हैं, जिन्हें निशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में ब्लड ना होने से गंभीर मरीजों की जान को खतरा बना है. गर्मी के चलते लोग रक्तदान नहीं कर रहे हैं. लोगों में गलतफहमी है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, जबकि ऐसा नहीं होता. अस्पताल प्रबंधन में रक्तदाताओं से रक्तदान करने की अपील की है. (hospital administration appeling blood Donation)

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