छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में नर्सों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है, वे आर्थिक संकट से जूझ रही हैं. जिसके चलते उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नर्सों ने प्रबंधन को काम बंद करने का अल्टीमेट दिया है.
आर्थिक संकट से जूट रहीं नर्सें
छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस सिम्स की नर्स और दूसरे सहायक स्टाफ को पिछले 2 महीनों से वेतन नहीं मिला है. जिसके चलते इनका परिवार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है. प्रबंधन से कई बार वेतन की मांग की जा चुकी है, लेकिन उनका इस ओर ध्यान नहीं है, मंगलवार को सभी नर्सों ने डीन से मुलाकात कर चेतावनी दी है कि अगर उनका वेतन नहीं मिला है तो वे काम बंद कर देंगी.
किसी को भरना है बच्चों की फीस, तो किसी को चुकाना है लोन की किश्त
नर्सें वेतन की मांग को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. गिरीश रामटेके के पास पहुंचीं और अपनी परेशानियां बताईं. नर्सों ने कहा कि महामारी के दौर में भी उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया है, लेकिन पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिलने के चलते घर में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, किसी को अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा करनी है, तो किसी को लोन की किस्त.
डीन बोले, नए मेडिकल कालेज में आ रही परेशानी
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. गिरीश रामटेके ने कहा है कि नर्स सहित, दूसरे स्टाफ जिसमें 450 लोग हैं, उन्हें दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. इसको लेकर उच्च स्तर पर पत्राचार किया है. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि नए मेडिकल कॉलेज में वेतन संबंधी समस्या आ रही है, लेकिन उसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. अब देखना है कि नर्सों को वेतन मिलता है या फिर उन्हें काम बंद करना पड़ेगा.