छिंदवाड़ा। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोल इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंधक निर्देशक प्रमोद अग्रवाल को पत्र प्रेषित कर जमुनिया पठार खदान का कार्य शीघ्र प्रारंभ किए जाने की मांग की है. पत्र में उन्होंने कोल इंडिया के अध्यक्ष को बताया कि जमुनिया पठार भूमिगत खदान को लगभग 20 वर्षों तक चलाया जा सकता है. जबकि, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने इस खदान को बंद कर दिया है.
22 मिलियन टन निकल सकता है कोयला: कमलनाथ ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि, खदान की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार यह खदान 20 वर्षों तक संचालित की जा सकती है. यहां 650 कामगारों को काम मिल सकता है. इस खदान से 22 मिलियन टन कोयला की प्राप्ति हो सकती है. उन्होंने खदान की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि यहां इंकलाईन नं. 1 व इंकलाईन नं. 2 चलाया जाना था. इंकलाइन के लिए 13.87 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी किया गया है. दोनों ही इंकलाइन लगभग 810 मीटर खोदी जानी थी. यह कार्य प्रारंभ भी हो चुका था, लेकिन तकनीकी कारणों से कार्य नहीं हो पा रहा है. खुदाई में 8 करोड़ रुपये खर्च भी किया जा चुके हैं. पहली इंकलाइन नं. 180 मीटर व दूसरी इंकलाइन 191 मीटर खोदी जा चुकी है.
घाटे में चल रही खदानों को बनाए रखने की स्थिति में नहीं है कोल इंडिया : कोयला सचिव
कमलनाथ ने की कोल अधिकारियों से चर्चा: वेकोलि द्वारा अब तक 332.30 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. भूमि से बेदखल हुए लोगों को रोजगार भी दिया जा सकता है. कमलनाथ ने आगे लिखा कि, वेकोलि इस खदान को धनकशा से लागू करने की योजना बना रहा है जो 11 कि.मी. की दूर है. दो खदानों के बीच में एक नदी होने से यह कार्य असंभव है. कमलनाथ ने जी.एम.निर्मल कुमार सहित अन्य कोल अधिकारियों से भी इस विषय पर चर्चा की है.