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Chhindwara MP पात्रता परीक्षा पास कर चुके युवाओं ने 51 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए CM के नाम भेजा संदेश - यूपी व राजस्थान का उदाहरण दिया

संविदा शिक्षक वर्ग 3 के पहले चरण में कम से कम 51 हजार पदों की भर्ती करने के लिए पात्र अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री CM के नाम छिंदवाड़ा में कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने सिर्फ 11 हजार पदों के लिए भर्तियां निकाली हैं. पूरे प्रदेश के स्कूलों को देखते हुए यह संख्या बहुत कम है. इसके साथ ही एक लाख परीक्षा पास करने वाले युवा बेरोजगार कब तक इंतजार करेंगे. Memorandum to CM, Demand recruitment of teachers, Teacher recruitmen Madhya Pradesh

Demand recruitment of teachers
शिक्षकों की भर्ती करने के लिए ज्ञापन
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Published : Aug 19, 2022, 5:47 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि कम से कम पहले चरण में 51 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाए. ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि करीब 11 सालों से मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती नहीं हुई है और प्रदेश में वर्ग तीन के करीब 1 लाख 25 हजार पद रिक्त हैं. सरकार मात्र 11000 पदों के लिए भर्तियां निकाल रही है. ऐसे में युवाओं को रोजगार भी नहीं मिलेगा और स्कूल भी खाली रहेंगे.

यूपी व राजस्थान का उदाहरण दिया : ज्ञापन में कहा गया है कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश व राजस्थान का हवाला देते हुए कहा है कि 2018 से लेकर 2022 तक करीब 1 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है, जबकि मध्यप्रदेश में कुछ नहीं हुआ. ऐसे में सरकार को कम से कम 51 हजार पदों की भर्ती निकालनी चाहिए ताकि कम से कम पहले चरण में आधे लोगों को रोजगार मिल सके और स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो सके. मात्र 11 हजार पदों में हो रही भर्ती पात्रता परीक्षा में 10 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी और 30% यानी 3 लाख उम्मीदवार पास हो गए हैं. सरकार ने 11 हजार रिक्त पदों की घोषणा की है. इस हिसाब से पात्रता परीक्षा पास करने वाले 10% उम्मीदवारों को भी नौकरी नहीं मिलेगी.

11 हजार पदों के लिए मारामारी : बता दें कि मध्यप्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों की संख्या सरकार के लिए समस्या बन गई है. 11 हजार रिक्त पदों में अनुकंपा नियुक्ति वाले भी हैं और दूसरे सभी प्रकार के आरक्षण एवं अन्य शामिल हैं. इस हिसाब से एक योग्य उम्मीदवार जिसके पास सिर्फ योग्यता है, नियुक्ति नहीं प्राप्त कर पाएगा. ऐसे उम्मीदवारों की संख्या एक लाख से अधिक होगी. स्वाभाविक है इनकी नाराजगी चुनावी साल में सरकार के लिए समस्या बन जाएगी.

शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों का आंदोलन तेज

रिक्त पदों की संख्या डेढ़ लाख : सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मध्यप्रदेश में रिक्त पदों की संख्या डेढ़ लाख है तो फिर भर्ती मात्र 11 हजार पदों पर क्यों की जा रही है. उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती के मामले में डीपीआई कमिश्नर ने कहा था कि आधे रिक्त पद प्रमोशन से भर जाएंगे लेकिन यह फार्मूला प्राथमिक शिक्षक पर लागू नहीं होता. सभी पद भरे जाने चाहिए. सरकार ने आंगनबाड़ियों में प्ले स्कूल शुरू कर दिए हैं. वहां पर भी शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए और फिर स्पेशल चाइल्ड के लिए भी तो शिक्षकों की भर्ती करनी है . उल्लेखनीय है कि जब तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी मध्यप्रदेश में 5 हजार शिक्षक रिटायर हो जाएंगे, उनके भी पद रिक्त हो जाएंगे.

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि कम से कम पहले चरण में 51 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाए. ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि करीब 11 सालों से मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती नहीं हुई है और प्रदेश में वर्ग तीन के करीब 1 लाख 25 हजार पद रिक्त हैं. सरकार मात्र 11000 पदों के लिए भर्तियां निकाल रही है. ऐसे में युवाओं को रोजगार भी नहीं मिलेगा और स्कूल भी खाली रहेंगे.

यूपी व राजस्थान का उदाहरण दिया : ज्ञापन में कहा गया है कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश व राजस्थान का हवाला देते हुए कहा है कि 2018 से लेकर 2022 तक करीब 1 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है, जबकि मध्यप्रदेश में कुछ नहीं हुआ. ऐसे में सरकार को कम से कम 51 हजार पदों की भर्ती निकालनी चाहिए ताकि कम से कम पहले चरण में आधे लोगों को रोजगार मिल सके और स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो सके. मात्र 11 हजार पदों में हो रही भर्ती पात्रता परीक्षा में 10 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी और 30% यानी 3 लाख उम्मीदवार पास हो गए हैं. सरकार ने 11 हजार रिक्त पदों की घोषणा की है. इस हिसाब से पात्रता परीक्षा पास करने वाले 10% उम्मीदवारों को भी नौकरी नहीं मिलेगी.

11 हजार पदों के लिए मारामारी : बता दें कि मध्यप्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों की संख्या सरकार के लिए समस्या बन गई है. 11 हजार रिक्त पदों में अनुकंपा नियुक्ति वाले भी हैं और दूसरे सभी प्रकार के आरक्षण एवं अन्य शामिल हैं. इस हिसाब से एक योग्य उम्मीदवार जिसके पास सिर्फ योग्यता है, नियुक्ति नहीं प्राप्त कर पाएगा. ऐसे उम्मीदवारों की संख्या एक लाख से अधिक होगी. स्वाभाविक है इनकी नाराजगी चुनावी साल में सरकार के लिए समस्या बन जाएगी.

शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों का आंदोलन तेज

रिक्त पदों की संख्या डेढ़ लाख : सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मध्यप्रदेश में रिक्त पदों की संख्या डेढ़ लाख है तो फिर भर्ती मात्र 11 हजार पदों पर क्यों की जा रही है. उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती के मामले में डीपीआई कमिश्नर ने कहा था कि आधे रिक्त पद प्रमोशन से भर जाएंगे लेकिन यह फार्मूला प्राथमिक शिक्षक पर लागू नहीं होता. सभी पद भरे जाने चाहिए. सरकार ने आंगनबाड़ियों में प्ले स्कूल शुरू कर दिए हैं. वहां पर भी शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए और फिर स्पेशल चाइल्ड के लिए भी तो शिक्षकों की भर्ती करनी है . उल्लेखनीय है कि जब तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी मध्यप्रदेश में 5 हजार शिक्षक रिटायर हो जाएंगे, उनके भी पद रिक्त हो जाएंगे.

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