छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल दो नर्सों के विदाई समारोह का आयोजन हुआ था. इसमें मेडिकल डीन समेत कई बड़े डॉक्टर और नर्स स्टाफ मौजूद था. फेयरवैल पार्टी में न तो किसी ने मास्क लगाया था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. कलेक्टर ने खबर पर संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे. अब सिविल सर्जन को मामले का जांच अधिकारी बनाया गया है. हैरानी की बात ये है कि ये जांच अधिकारी भी उस आयोजन में शामिल था, जहां कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई थी.
पूरे मामले की जांच सिविल सर्जन डॉ.पी.गोगिया को सौंपी गई है, लेकिन यही अधिकारी उस आयोजन में भी शामिल थे जहां नियमों का मजाक बनाया गया था. अब ये आसानी से समझा जा सकता है कि मामले में लीपापोती होगी. जब जांच करने वाला ही नियम तोड़ने के आरोप झेल रहा हो, तो जांच कैसी होगी आसानी से समझा जा सकता है. मामले में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन पहले ही जांच के निर्देश दे चुके हैं. अब सिविल सर्जन डॉ.पी.गोगिया को जांच अधिकारी बनाया गया है.
सात लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी
जिला अस्पताल की फेयरवेल पार्टी में नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 7 लोगों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
जिला अस्पताल में दी Farewell Party, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
यह था मामला
31 मई की दोपहर जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड के ऊपर के हॉल में दो नर्सों की विदाई के लिए विदाई समारोह कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में डीन, सिविल सर्जन डॉ. पी गोगिया, कई डॉक्टर और नर्स मौजूद थीं. कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस का नामोनिशान नहीं था. कई नर्स और डॉक्टर समेत सिविल सर्जन बिना मास्क के कार्यक्रम में शामिल हुए और मास्क पर उन्होंने भाषण भी दिया. ईटीवी भारत ने जब इस मामले से कलेक्टर को अवगत कराया तब उन्होंने जांच के निर्देश दिए थे, वही सीएमएचओ उन्होंने बताया कि सात लोगों को कारण बताओ नोटिस दे दिया गया है जिसका जांच अधिकारी सिविल सर्जन को बनाया गया है।