छिंदवाड़ा। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सरकार एक प्रोजेक्ट के लिए वन क्षेत्र की जमीन अधिग्रहित कर रही है, जहां हजारों पेड़ों की कटाई होगी. पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अंडमान से 26 सौ किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा के जंगलों में पौधरोपण किया जाएगा.
1930 हेक्टेयर वन क्षेत्र में होगा पौधरोपण
सीसीएफ केके भारद्वाज ने बताया है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत सरकार के वन भूमि का अधिग्रहण कर रही है, जिसमें कई पेड़ काटे जाने हैं. उनकी भरपाई करने के लिए मध्य प्रदेश में 14255 हेक्टेयर वन भूमि में पौधरोपण किया जाना है, जिसके चलते छिंदवाड़ा के 1930 हेक्टेयर वन भूमि में भी पौधरोपण का प्रस्ताव दिया गया है.
यहां होना है जमीन का अधिग्रहण
छिंदवाड़ा के पूर्व वनमंडल में 28 स्थानों का चयन किया गया है, जिसमें 1105 हेक्टेयर में पौधारोपण किया जाएगा. वहीं पश्चिम वन मंडल के 20 स्थानों की 680 हेक्टेयर जमीन पर और दक्षिण वन क्षेत्र के 5 स्थानों के 145 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण का प्रस्ताव भेजा गया है.
11 साल का होगा प्रोजेक्ट
छिंदवाड़ा वन वृत्त की 1930 हेक्टेयर में होने वाले इस पौधरोपण और बिगड़े वन को सुधारने की योजना का प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष में इस प्रोजेक्ट में काम शुरू होगा, जो करीब 11 सालों तक चलेगा.
पर्यावरण संतुलन के लिए बनाई योजना
अधिकारियों का कहना है कि जब कहीं पेड़ कटते हैं तो पर्यावरण को नुकसान होता है. उसके संतुलन बनाए रखने के लिए दूसरी जमीनों पर पौधरोपण करना अनिवार्य किया गया है. इसी के चलते इस योजना के तहत अंडमान में पेड़ काटे जा रहे हैं और मध्यप्रदेश में पौधरोपण किया जा रहा है.
पहले भी चल चुके हैं ऐसे प्रोजेक्ट
इससे पहले बैतूल-नागपुर नेशनल हाईवे के फोरलेन निर्माण के दौरान भी काटे पेड़ों के एवज में छिंदवाड़ा के वन क्षेत्र में पौधरोपण किया गया था, इससे जिले के बहुत बड़े क्षेत्रों में हरियाली लौटी थी.