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छिंदवाड़ा: अब गांवों में गदर की तैयारी में कोरोना, 180 गांव रेड जोन घोषित

छिंदवाड़ा जिले में कुल 1959 गांव हैं जिनमें जिला प्रशासन ने स्क्रीनिंग के बाद 180 गांवों को कोरोना रेड जोन में चिन्हित किया है. यानी इन गांवों में कोरोना संक्रमित मौजूद हैं और गांव कोरोना की चपेट में है.

chindwara 180 village listed in red zone
छिंदवाड़ा के 180 गांव रेड जोन में
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Published : Apr 17, 2021, 6:38 PM IST

Updated : May 7, 2021, 5:28 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाके से भी सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है. प्रदेश के गांवों में भी कोरोना का खतरा पैर पसारने लगा है. छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने शुक्रवार को जिले के 180 गांवों को कोरोना रेड जोन घोषित किया है. यहां ज्यादा संक्रमण वाले झेत्रों को चिन्हित कर लोगों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है. 180 गांवों का यह आंकड़ा छोटा नहीं है. इसे देखने के बाद लगता है कि प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों को अपनी चपेट में ले चुका कोराना का वायरस का रुख अब गांवों की तरफ है. ऐसा हुआ तो गांवों में कोरोना का गदर मचना तय है. क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाएं उतनी बेहतर नहीं हैं जितनी शहरों में ऐसे में सरकार को फौरन सख्ती के साथ एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है.

छिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

सीएम ने माना हालात बेहद खराब

सीएम शिवराज सिंह भी यह मान चुके हैं कि इस बार राज्य में कोरोना की स्थिति काफी विकट है. प्रदेश में शुक्रवार को 11 हजार से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में सीएम की बात को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है. आंकड़े बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश में हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं. ऐसे में सावधानी ही कोरोना से बचाव का बड़ा तरीका हो सकती है.

छिंदवाड़ा में हैं 1959 गांव

छिंदवाड़ा जिले में कुल 1959 गांव हैं जिनमें जिला प्रशासन ने स्क्रीनिंग के बाद 180 गांवों को कोरोना रेड जोन में चिन्हित किया है. यानी इन गांवों में कोरोना संक्रमित मौजूद हैं और गांव कोरोना की चपेट में है. प्रशासन का भी कहना है कि गांव में स्क्रीनिंग के बाद कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं. इसलिए अब इन गांवों में भी जरूरत के हिसाब से इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. गांवों में मिलने वाले गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है और सामान्य मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है।

छछिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों का हो रहा कोविड टेस्ट
तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं गांव
रेड जोन- छिंदवाड़ा जिले के कुल 1959 गांव में से 180 गांव रेड ज़ोन में हैं. यानी ये गांव पूरे तरीके से कोविड-19 संक्रमण की चपेट में हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार ऐसे गांवों में 350 से ज्यादा संक्रमित हैं. ऐसे गांवों को रेड जोन में रखा गया है.

ऑरेंज जोन- ऑरेज जोन में ऐसे गांवों को रखा गया है जिनमें कोविड-19 का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है. जिले में 271 गांव को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. यानी ये एरिया कोविड-19 संभावित गांव या वार्ड है. इन गांवों के कुल 1848 संभावित संक्रमितों को चिन्हित किया गया है।

ग्रीन जोन- गांवों की तरफ कोरोना के ताजा रुख को देखते हुए यह फिलहाल राहत की बात है कि अभी जिले के 1515 गांव ग्रीन जोन में हैं. यानी यहां पर संक्रमण अब तक नहीं पहुंचा है.

528 कंटेनमेंट जोन बनाए गए

जिले के कोराना प्रभावित 180 गावों में कुल 528 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. जबकि 958 लोगों को होम क्वारंटीन करते हुए आइसोलेशन में रखा गया है।

छछिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

डरा रहे हैं आंकड़े
छिंदवाड़ा जिले में 16 अप्रैल तक कोविड प्रोटोकॉल के तहत 413 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में कोविड-19 की वजह से सिर्फ 18 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है. सरकार और जिला प्रशासन के लिए डरने की बात यह है कि इन मौतों में से अधिकतर मौतें उन लोगों की हैं जो ग्रामीण इलाकों के रहने वाले हैं. हालांकि इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि कई लोग अस्पतालों में सामान्य बीमारियों से भी मर रहे हैं, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराना जरूरी है, क्योंकि ये मौतें अस्पतालों में हुई हैं जहां कोरोना संक्रमितों का भी इलाज किया जा रहा है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

एमपी के कई गांवों में कोरोना की दस्तक

छिंदवाड़ा ही नहीं कुछ दिन पहले ही बैतूल जि‍ले के गांवों में कोरोना संक्रमण से 6 मौतों की खबर आई थी.नीमच जिले के भी कई गांवों में कोरोना का प्रकोप सामने आ चुका है. मंदसौर जिले में भी रोजना कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 50 के पार ही आ रही है.जिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें गरोठ, भानपुरा, मोलाखेड़ी, ढाबला गूजर, रामगढ़, कनाघाटी, पिपलियामंडी, लसूडिय़ा, सरसौद, गांधीसागर, निंबोद, नगरी, अलावदखेड़ी, सुवासरा, शामगढ़ भी शामिल हैं।

पहली लहर में भी था प्रकोप

कोरोना की पहली लहर में भी जून महीने तक के जो आंकड़े जारी हुए थे उसके मुताबिक मध्‍य प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने बताया था कि राज्य में 52 जिलों के 462 गांवों में दस्तक दे चुकी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इन गांवों में जून तक 951 लोग संक्रमित पाए गए ते और 32 लोगों की मौत हुई थी. यह खुलासा ऐसे वक्‍त में हुआ था जब सरकार ने दावा किया था कि राज्‍य में महामारी का प्रकोप थमने लगा था.

ग्रामीणों को अपनानी होगी जागरुकता
कोरोना संक्रमण की भयावहता और शहरों में बने हुए हालातों को देखते हुए प्रशासन ग्रामीणों को जागरुक भी कर रहा है. लोगों को मास्क लगाने सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने को कहा जा रहा है. वहीं गांव वालों ने भी गांव में बाहरी लोगों के आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. ज्यादातर गांवों में बाहर से आने वाले रास्तों पर कटीली झाड़ियां लगाकर बेरिकेटिंग कर दी गई है. महामारी का डर देखते हुए गांव वाले भी जागरुकता दिखा रहे हैं. ताकि कोरोना गांवों में गदर न मचा दे.

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाके से भी सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है. प्रदेश के गांवों में भी कोरोना का खतरा पैर पसारने लगा है. छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने शुक्रवार को जिले के 180 गांवों को कोरोना रेड जोन घोषित किया है. यहां ज्यादा संक्रमण वाले झेत्रों को चिन्हित कर लोगों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है. 180 गांवों का यह आंकड़ा छोटा नहीं है. इसे देखने के बाद लगता है कि प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों को अपनी चपेट में ले चुका कोराना का वायरस का रुख अब गांवों की तरफ है. ऐसा हुआ तो गांवों में कोरोना का गदर मचना तय है. क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाएं उतनी बेहतर नहीं हैं जितनी शहरों में ऐसे में सरकार को फौरन सख्ती के साथ एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है.

छिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

सीएम ने माना हालात बेहद खराब

सीएम शिवराज सिंह भी यह मान चुके हैं कि इस बार राज्य में कोरोना की स्थिति काफी विकट है. प्रदेश में शुक्रवार को 11 हजार से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में सीएम की बात को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है. आंकड़े बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश में हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं. ऐसे में सावधानी ही कोरोना से बचाव का बड़ा तरीका हो सकती है.

छिंदवाड़ा में हैं 1959 गांव

छिंदवाड़ा जिले में कुल 1959 गांव हैं जिनमें जिला प्रशासन ने स्क्रीनिंग के बाद 180 गांवों को कोरोना रेड जोन में चिन्हित किया है. यानी इन गांवों में कोरोना संक्रमित मौजूद हैं और गांव कोरोना की चपेट में है. प्रशासन का भी कहना है कि गांव में स्क्रीनिंग के बाद कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं. इसलिए अब इन गांवों में भी जरूरत के हिसाब से इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. गांवों में मिलने वाले गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है और सामान्य मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है।

छछिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों का हो रहा कोविड टेस्ट
तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं गांव
रेड जोन- छिंदवाड़ा जिले के कुल 1959 गांव में से 180 गांव रेड ज़ोन में हैं. यानी ये गांव पूरे तरीके से कोविड-19 संक्रमण की चपेट में हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार ऐसे गांवों में 350 से ज्यादा संक्रमित हैं. ऐसे गांवों को रेड जोन में रखा गया है.

ऑरेंज जोन- ऑरेज जोन में ऐसे गांवों को रखा गया है जिनमें कोविड-19 का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है. जिले में 271 गांव को ऑरेंज कैटेगरी में रखा गया है. यानी ये एरिया कोविड-19 संभावित गांव या वार्ड है. इन गांवों के कुल 1848 संभावित संक्रमितों को चिन्हित किया गया है।

ग्रीन जोन- गांवों की तरफ कोरोना के ताजा रुख को देखते हुए यह फिलहाल राहत की बात है कि अभी जिले के 1515 गांव ग्रीन जोन में हैं. यानी यहां पर संक्रमण अब तक नहीं पहुंचा है.

528 कंटेनमेंट जोन बनाए गए

जिले के कोराना प्रभावित 180 गावों में कुल 528 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. जबकि 958 लोगों को होम क्वारंटीन करते हुए आइसोलेशन में रखा गया है।

छछिंदवाड़ा के 180 गांव कोविड रेज जोन में

डरा रहे हैं आंकड़े
छिंदवाड़ा जिले में 16 अप्रैल तक कोविड प्रोटोकॉल के तहत 413 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में कोविड-19 की वजह से सिर्फ 18 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है. सरकार और जिला प्रशासन के लिए डरने की बात यह है कि इन मौतों में से अधिकतर मौतें उन लोगों की हैं जो ग्रामीण इलाकों के रहने वाले हैं. हालांकि इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि कई लोग अस्पतालों में सामान्य बीमारियों से भी मर रहे हैं, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराना जरूरी है, क्योंकि ये मौतें अस्पतालों में हुई हैं जहां कोरोना संक्रमितों का भी इलाज किया जा रहा है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

एमपी के कई गांवों में कोरोना की दस्तक

छिंदवाड़ा ही नहीं कुछ दिन पहले ही बैतूल जि‍ले के गांवों में कोरोना संक्रमण से 6 मौतों की खबर आई थी.नीमच जिले के भी कई गांवों में कोरोना का प्रकोप सामने आ चुका है. मंदसौर जिले में भी रोजना कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 50 के पार ही आ रही है.जिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें गरोठ, भानपुरा, मोलाखेड़ी, ढाबला गूजर, रामगढ़, कनाघाटी, पिपलियामंडी, लसूडिय़ा, सरसौद, गांधीसागर, निंबोद, नगरी, अलावदखेड़ी, सुवासरा, शामगढ़ भी शामिल हैं।

पहली लहर में भी था प्रकोप

कोरोना की पहली लहर में भी जून महीने तक के जो आंकड़े जारी हुए थे उसके मुताबिक मध्‍य प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने बताया था कि राज्य में 52 जिलों के 462 गांवों में दस्तक दे चुकी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इन गांवों में जून तक 951 लोग संक्रमित पाए गए ते और 32 लोगों की मौत हुई थी. यह खुलासा ऐसे वक्‍त में हुआ था जब सरकार ने दावा किया था कि राज्‍य में महामारी का प्रकोप थमने लगा था.

ग्रामीणों को अपनानी होगी जागरुकता
कोरोना संक्रमण की भयावहता और शहरों में बने हुए हालातों को देखते हुए प्रशासन ग्रामीणों को जागरुक भी कर रहा है. लोगों को मास्क लगाने सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने को कहा जा रहा है. वहीं गांव वालों ने भी गांव में बाहरी लोगों के आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. ज्यादातर गांवों में बाहर से आने वाले रास्तों पर कटीली झाड़ियां लगाकर बेरिकेटिंग कर दी गई है. महामारी का डर देखते हुए गांव वाले भी जागरुकता दिखा रहे हैं. ताकि कोरोना गांवों में गदर न मचा दे.

Last Updated : May 7, 2021, 5:28 PM IST
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