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रोजगार: कवि माखनलाल चतुर्वेदी की कविता से प्रेरणा लेकर नगर निगम छिंदवाड़ा की अनोखी पहल, जल प्रदूषण को रोकने में कारगर

मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल अक्सर नदी, तालाब में विसर्जित किए जाते हैं. जल प्रदूषण रोकने और फूलों का सदुपयोग करने के लिए छिंदवाड़ा नगर निगम (chhindwara Municipal Corporation) ने अनोखी पहल (Pushp Ki Abhilasha Abhiyan) की शुरुआत की है.

Chhindwara Desire of flower
पुष्प की अभिलाषा अभियान
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Published : Apr 18, 2022, 1:00 PM IST

छिंदवाड़ा: महान कवि माखनलाल चतुर्वेदी (Poet Makhanlal Chaturvedi) की कविता पुष्प की अभिलाषा (Poem Pushp Ki Abhilasha)से नगर निगम प्रेरणा लेकर चरितार्थ करने का प्रयास कर रहा है. यहां भगवान को चढ़ाने वाले फूल को नदी तालाब में विसर्जित करने की जगह उपयोग में लिया जा रहा हैं. इसके लिए नगर निगम छिंदवाड़ा (Chhindwara Municipal Corporation) ने 'पुष्प की अभिलाषा अभियान' की शुरुआत की है. इस अभियान (Pushp Ki Abhilasha Abhiyan) में भगवान को चढ़े हुए फूलों से अगरबत्ती बनाने का काम किया जा रहा है. इससे जल प्रदूषण को रोकने के साथ महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

पुष्प की अभिलाषा अभियान: नगर निगम ने मंदिरों से निकलने वाले फूलों का उपयोग करने के लिए इस अभियान को पुष्प की अभिलाषा नाम दिया है. स्व-सहायता समूह (self help group) के जरिए नगर निगम महिलाओं से अगरबत्ती बनवा (incense sticks) रहा है. इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. समूह के जरिए हर दिन 30 से 40 किलो अगरबत्ती तैयार की जा रही है. नगर निगम ने शहर के मंदिरों से चढ़े हुए फूलों को इकट्ठा करने के लिए 1 वाहन है. सभी मंदिरों में पुष्प की अभिलाषा वाहन पहुंचता है. वहां से फूलों को इकट्ठा करने के बाद स्व-सहायता समूह के कारखाने में लाया जाता है. यहां महिलाएं फूलों को सुखाकर चारकोल की सहायता से अगरबत्ती बनाती हैं.

Chhindwara Desire of flower
फूलों से बनाई जा रही अगरबत्ती
Chhindwara Desire of flower
वाहन से इकट्ठा होता है फूल

जल प्रदूषण से राहत महिलाओं को मिला रोजगार: नगर निगम की इस पहल से एक तरफ नदी और तालाबों को प्रदूषण (Water pollutuon) मुक्त किया जा रहा है. तो वहीं स्व-सहायता समूह के जरिए महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. फिलहाल स्व-सहायता समूह की 6 महिलाएं इसमें जुड़ी हैं. ये महिला हर दिन अगरबत्ती का निर्माण कर बाजार में बेचने का काम करती हैं. पुष्प की अभिलाषा वाहन मंदिरों में पहुंचता है, वहां से फूलों को इकट्ठा करने के बाद कारखाने में महिलाएं फूलों को सुखाकर चारकोल की सहायता से अगरबत्ती बनाती हैं.

छिंदवाड़ा: महान कवि माखनलाल चतुर्वेदी (Poet Makhanlal Chaturvedi) की कविता पुष्प की अभिलाषा (Poem Pushp Ki Abhilasha)से नगर निगम प्रेरणा लेकर चरितार्थ करने का प्रयास कर रहा है. यहां भगवान को चढ़ाने वाले फूल को नदी तालाब में विसर्जित करने की जगह उपयोग में लिया जा रहा हैं. इसके लिए नगर निगम छिंदवाड़ा (Chhindwara Municipal Corporation) ने 'पुष्प की अभिलाषा अभियान' की शुरुआत की है. इस अभियान (Pushp Ki Abhilasha Abhiyan) में भगवान को चढ़े हुए फूलों से अगरबत्ती बनाने का काम किया जा रहा है. इससे जल प्रदूषण को रोकने के साथ महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

पुष्प की अभिलाषा अभियान: नगर निगम ने मंदिरों से निकलने वाले फूलों का उपयोग करने के लिए इस अभियान को पुष्प की अभिलाषा नाम दिया है. स्व-सहायता समूह (self help group) के जरिए नगर निगम महिलाओं से अगरबत्ती बनवा (incense sticks) रहा है. इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. समूह के जरिए हर दिन 30 से 40 किलो अगरबत्ती तैयार की जा रही है. नगर निगम ने शहर के मंदिरों से चढ़े हुए फूलों को इकट्ठा करने के लिए 1 वाहन है. सभी मंदिरों में पुष्प की अभिलाषा वाहन पहुंचता है. वहां से फूलों को इकट्ठा करने के बाद स्व-सहायता समूह के कारखाने में लाया जाता है. यहां महिलाएं फूलों को सुखाकर चारकोल की सहायता से अगरबत्ती बनाती हैं.

Chhindwara Desire of flower
फूलों से बनाई जा रही अगरबत्ती
Chhindwara Desire of flower
वाहन से इकट्ठा होता है फूल

जल प्रदूषण से राहत महिलाओं को मिला रोजगार: नगर निगम की इस पहल से एक तरफ नदी और तालाबों को प्रदूषण (Water pollutuon) मुक्त किया जा रहा है. तो वहीं स्व-सहायता समूह के जरिए महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. फिलहाल स्व-सहायता समूह की 6 महिलाएं इसमें जुड़ी हैं. ये महिला हर दिन अगरबत्ती का निर्माण कर बाजार में बेचने का काम करती हैं. पुष्प की अभिलाषा वाहन मंदिरों में पहुंचता है, वहां से फूलों को इकट्ठा करने के बाद कारखाने में महिलाएं फूलों को सुखाकर चारकोल की सहायता से अगरबत्ती बनाती हैं.

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